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ज्ञानशू-साल्ड-उपरिकोट मोटर मार्ग पर कई दिनों से पसरा मलबा, विभाग को हादसे का इंतजार! - ज्ञानशू-साल्ड-उपरिकोट मोटर मार्ग पर मलबा

18 किमी लंबे ज्ञानशू-साल्ड-ऊपरीकोट मोटर मार्ग पर कई स्थानों पर मलबा आया हुआ है, लेकिन विभाग चैन की नींद सो रहा है. ऐसे में मार्ग पर पसरा मलबा हादसे को दावत दे रहा है.

Debris on Gyanshu-Sald-Uparikote motorway
ज्ञानशू-साल्ड-उपरिकोट मोटर मार्ग पर मलबा
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Published : Sep 23, 2021, 6:06 PM IST

उत्तरकाशी: बरसात सीजन को देखते हुए शासन-प्रशासन ने संबंधित विभागों को अलर्ट पर रहते हुए सड़क मार्गों को दुरस्त करने का निर्देश दिया है. वहीं, लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड की लापरवाही के चलते करीब 18 किमी लंबी ज्ञानशू-साल्ड-उपरिकोट मोटर मार्ग पर पसरा मलबा हादसों को न्योता दे रहा है.

क्षेत्र पंचायत सदस्य तनुजा नेगी ने बताया कि दो माह से लगातार हो रही बारिश के कारण 18 किमी लंबे ज्ञानशू-साल्ड-ऊपरीकोट मोटर मार्ग पर कई स्थानों पर मलबा आया हुआ है. इसके साथ ही कई जगह पर पेड़ टूटकर सड़क पर आ गए हैं.

यह सड़क करीब 12 से 15 गांवों को जिला मुख्यालय से जोड़ती है. प्रतिदिन कई वाहनों का इस रास्ते पर आवाजाही होता है. ऐसे में सड़क पर टूटे पेड़ और पसरा मलबा कभी भी किसी बड़े हादसे को न्योता दे सकता है.

ये भी पढ़ें: 24 सितंबर को टिहरी झील का जलस्तर 830 मीटर तक भरा जाएगा! बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी

स्थानीयों का कहना है कि बीच में विभाग ने खानापूर्ति कर थोड़ा-थोड़ा मलबा हटाया, लेकिन उसके बाद भी आधे से अधिक सड़क पर मलबा पसरा है. इस संबंध में विभाग के सहायक अभियंता को भी बदहाल सड़क की सुधारने के लिए गुहार लगाया गया, लेकिन विभाग की नींद तब टूटेगी, जब इस बदहाल सड़क पर किसी दुर्घटना में किसी की जान न चली जाए.

उत्तरकाशी: बरसात सीजन को देखते हुए शासन-प्रशासन ने संबंधित विभागों को अलर्ट पर रहते हुए सड़क मार्गों को दुरस्त करने का निर्देश दिया है. वहीं, लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड की लापरवाही के चलते करीब 18 किमी लंबी ज्ञानशू-साल्ड-उपरिकोट मोटर मार्ग पर पसरा मलबा हादसों को न्योता दे रहा है.

क्षेत्र पंचायत सदस्य तनुजा नेगी ने बताया कि दो माह से लगातार हो रही बारिश के कारण 18 किमी लंबे ज्ञानशू-साल्ड-ऊपरीकोट मोटर मार्ग पर कई स्थानों पर मलबा आया हुआ है. इसके साथ ही कई जगह पर पेड़ टूटकर सड़क पर आ गए हैं.

यह सड़क करीब 12 से 15 गांवों को जिला मुख्यालय से जोड़ती है. प्रतिदिन कई वाहनों का इस रास्ते पर आवाजाही होता है. ऐसे में सड़क पर टूटे पेड़ और पसरा मलबा कभी भी किसी बड़े हादसे को न्योता दे सकता है.

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स्थानीयों का कहना है कि बीच में विभाग ने खानापूर्ति कर थोड़ा-थोड़ा मलबा हटाया, लेकिन उसके बाद भी आधे से अधिक सड़क पर मलबा पसरा है. इस संबंध में विभाग के सहायक अभियंता को भी बदहाल सड़क की सुधारने के लिए गुहार लगाया गया, लेकिन विभाग की नींद तब टूटेगी, जब इस बदहाल सड़क पर किसी दुर्घटना में किसी की जान न चली जाए.

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