उत्तरकाशी: नाबालिग बेटी की अस्मत लूटने वाले पिता को उत्तरकाशी के विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट गुरुबख्श सिंह की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी पर 2.20 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की रकम से दो लाख रुपए पीड़िता को सहायता के रूप देने का आदेश दिया. इसके साथ ही 20 हजार रुपए का जुर्माना कोर्ट में जमा करना होगा. जुर्माना जमा नहीं करने पर 3 माह का अतिरिक्त जेल भुगतनी पड़ेगी.
ये पूरा मामला साल 2002 का है. दोषी अपने नाबालिग बेटी और बेटे के साथ किराए के कमरे में शहर में रहता था. दोषी की पत्नी गांव में ही रहती थी. दोषी साल 2022 में अपनी नाबालिग बेटी का देहरादून लेकर गया था, जहां उनसे उसका चेकअप कराया था. जांच में बेटी गर्भवती निकली.
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दोषी बेटी का गर्भपात करना चाहता था, लेकिन डॉक्टरों ने बिना रिपोर्ट दर्ज कराए गर्भपात कराने से मना कर दिया था. तब पिता ने ही डालनवाला थाने में अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, लेकिन मामला उत्तरकाशी से जुड़ा होने के चलते विवेचना पुरोला थाने को स्थानांतरित कर दी गई.
जब पुरोला पुलिस ने मामले की विवेचना की तो पीड़िता ने पूछताछ में उसके पिता के ही उसके साथ दुराचार करने की बात बताई, जिस पर 15 फरवरी 2023 को पिता को गिरफ्तार कर लिया गया. मामले में पीड़िता ने पूर्व में कोविड से पहले पूना महाराष्ट्र में रहते हुए भी पिता के उसके साथ दुराचार करने की बात कही.
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पीड़िता ने एक बच्चे को भी जन्म दिया. मामले में पुलिस 8 अप्रैल 2023 को जिला न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था, विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो पूनम सिंह ने बताया कि मामले में 12 गवाह सहित डीएनए रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जिस पर विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट गुरुबख्श सिंह की अदालत ने सजा सुनाई.