उत्तरकाशी: पुरोला तहसील के अंतर्गत देवढुंग में धर्मांतरण (Conversion dispute in Devdhung of Purola) को लेकर ग्रामीणों और एक धर्म विशेष की संस्था के बीच कुछ देर के लिए जमकर विवाद हो गया. ग्रामीणों का आरोप है कि संस्था द्वारा धर्मांतरण कराए जाने को लेकर यहां बड़ी संख्या में लोगों को एकत्रित कराया गया था. इस संदर्भ में हिन्दू जागरण मंच के जिला अध्यक्ष बिरेन्द्र रावत ने उपजिलाधिकारी पुरोला को एक शिकायत पत्र दिया. जिस पर पुरोला एसडीएम ने थाना कोतवाली प्रभारी पुरोला को जांच के आदेश दिए.
बताते चलें देवढुंग में संस्था के निर्माणाधीन भवन में करीब एक दर्जन नेपाली मूल के नागरिकों और कुछ स्थानीय लोग बड़ी संख्या में एकत्रित हुए थे. समारोह स्थल को एक धर्म विशेष के त्योहार के लिए सजाया गया था. कार्यक्रम स्थल पर धर्मांतरण का संदेह होने पर ग्रामीणों और आयोजकों में जमकर विवाद हुआ. ग्रामीणों ने पुलिस व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर धर्म परिर्वतन कानून के तहत कार्रवाई करने की मांग की.
पढे़ं- उत्तराखंड में यूपी जैसा सख्त होगा धर्मांतरण कानून, सामूहिक धर्म परिवर्तन की सजा 10 साल
थानाध्यक्ष पुरोला ने बताया क्षेत्र में एक संस्था की ओर कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा था. ग्रामीणों ने कार्यक्रम के नाम पर धर्मांतरण का आरोप लगाया है. अब इस मामले में जांच की जा रही है.
उत्तराखंड में धर्मांतरण के मामले: यह कानून लागू होने के बाद से प्रदेश में अब तक धर्मांतरण के सिर्फ 5 मामले दर्ज हुए हैं और इन मामलों की जांच पुलिस कर रही है. दरअसल, उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में तेजी से गैर-हिंदुओं की मौजूदगी बढ़ रही है. ज्यादातर यह संख्या हरिद्वार, उधमसिंह नगर, देहरादून जिलों में हैं.
लेकिन सबसे बड़ी बात है कि उत्तराखंड में धर्मांतरण को लेकर अब तक सिर्फ 5 मामले पुलिस में दर्ज किए है. इसमें तीन हरिद्वार से और दो देहरादून से मामले दर्ज किए गए हैं. ये सारे मामले 2018 में बने धर्मांतरण कानून को लेकर दर्ज किए गए हैं. यानी इससे पहले हुए धर्मांतरण का कोई पुलिस के पास रिकॉर्ड नहीं है.