उत्तरकाशी: मोरी विकासखंड के सुदूरवर्ती बिंगसारी गांव में शिव महापुराण में हुए बवाल के बाद से एक वर्ग के 66 परिवारों ने कथा के आयोजन से किनारा कर लिया है. बाकी अयोजन पूर्व की भांति संचालित हो रहे हैं. गांव के बुजुर्ग लोगों ने बीच-बचाव कर समझाने का प्रयास किया. लेकिन, एक वर्ग ने समझौते से इनकार कर दिया है. धार्मिक कार्यक्रम में अभी भी तीन ग्राम पंचायतों के 6 गांवों के लोग में शामिल हो रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक, 29 मई की शाम को बिंगसारी गांव में शिव महापुराण के दौरान पूजा (वर्णी) में बैठने को लेकर दो वर्गों में विवाद हो गया था. विवाद के चलते एक वर्ग ने कथा से किनारा कर लिया. साथ ही, दूसरे वर्ग के लोगों ने कथा के लिए दिया चंदा और बर्तन वापस लेते हुए टैंट और लकड़ियों को आग के हवाले कर दिया. इसके बाद से ही बाकी के सभी कार्यक्रमों से एक वर्ग के 66 परिवारों ने किनारा कर दिया है.
हालांकि, बुधवार को गांव के बुजुर्ग लोगों ने बिच बचाव करते हुए समझौता कराने की कोशिश की लेकिन, दूसरे वर्ग ने समझौते से इनकार कर दिया है. वहीं, कार्यक्रम में शामिल नहीं होने वाले लोगों का कहना है कि गांव में पहले हुए धार्मिक कार्यक्रमों में सभी वर्ग के लोगों को पूजा में बैठाया जाता था. जबकि इस बार पूजा में उन्हें बैठने से रोका गया.
वहीं शिव महापुराण कथा के अध्यक्ष का कहना है कि दो दशक पूर्व जो अयोजन हुआ था वो सिर्फ बिंगसारी गांव का था. उसमें सभी वर्गों के लोग परिवार सहित पूजा में बैठे थे. लेकिन यह अयोजन चार ग्राम पंचायतों के सात गांवों का है. इसलिए प्रत्येक वर्ग से एक एक व्यक्ति की पूजा में बैठने की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि बिंगसारी गांव के 66 परिवार कथा में शामिल नहीं हो रहे हैं. जबकि तीन ग्राम पंचायतों के 6 गांवों के लोग कथा में शामिल हैं. कार्यक्रम सुचारू ढंग से चल रहा है.
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