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हर्षिल घाटी में एक महीने से ठप पड़ी संचार व्यवस्था, लेन-देन को भी तरस रहे पर्यटक - उत्तराखंड न्यूज

चारधाम यात्रा के मुख्य पड़ाव धराली, मुखबा सहित भैरो घाटी और विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हर्षिल में संचार व्यवस्था 1 महीने से ठप पड़ी हुई है. हर्षिल में अंतरराष्ट्रीय सीमा का अंतिम थाना सहित कई महत्वपूर्ण सुरक्षा सम्बन्धी विभाग हैं, लेकिन यहां पर संचार व्यवस्था ठप पड़ी हुई है. ऐसी स्थिति में तो सुरक्षा पर ही सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं.

हर्षिल घाटी में एक महीने से थप पड़ी संचार व्यवस्था.
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Published : Apr 17, 2019, 7:51 AM IST

उत्तरकाशी: प्रदेश में चारधाम यात्रा को शुरू होने में महज 19 दिन शेष बचे हैं. साथ ही विश्व प्रसिद्ध हर्षिल घाटी में पर्यटकों की आवाजाही भी बढ़ गई है, लेकिन हर्षिल घाटी में संचार व्यवस्थाएं मात्र शोपीस बनकर रह गई है. बीएसएनएल की ओर से हर्षिल और गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव में मोबाइल टावर लगाए गए, लेकिन विगत 1 माह से वो भी काम नहीं कर रहे हैं. ऐसे में चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों को मोबाइल से सम्पर्क करने के लिए भटवाड़ी या जिला मुख्यालय पहुंचने का इंतजार करना पड़ता है.

चारधाम यात्रा के मुख्य पड़ाव धराली, मुखबा सहित भैरो घाटी और विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हर्षिल में संचार व्यवस्था 1 महीने से ठप पड़ी हुई है. हर्षिल में अंतरराष्ट्रीय सीमा का अंतिम थाना सहित कई महत्वपूर्ण सुरक्षा सम्बन्धी विभाग हैं, लेकिन यहां पर संचार व्यवस्था ठप पड़ी हुई है. ऐसी स्थिति में तो सुरक्षा पर ही सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं.

हर्षिल घाटी में एक महीने से थप पड़ी संचार व्यवस्था.

हर्षिल घाटी के स्थानीय निवासियों ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि अगर कोई पर्यटक हर्षिल आता है तो वह यहां पर स्थित एक मात्र बैंक से अपने धन का लेन-देन नहीं कर सकता क्योंकि कई माह से हर्षिल में नेटवर्क सुविधा ठप पड़ी हुई हैं. स्थानीय निवासियों को बैंक के एक छोटे से लेन-देन के लिए लगभग 80 किमी की जिला मुख्यालय के लिए दौड़ लगानी पड़ती है. साथ ही अगर किसी आपातकालीन स्थिति में जिला मुख्यालय से सम्पर्क करना हो तो आज भी डेली सर्विस वाहन चालक ही सन्देश वाहक का काम करते हैं.

उत्तरकाशी: प्रदेश में चारधाम यात्रा को शुरू होने में महज 19 दिन शेष बचे हैं. साथ ही विश्व प्रसिद्ध हर्षिल घाटी में पर्यटकों की आवाजाही भी बढ़ गई है, लेकिन हर्षिल घाटी में संचार व्यवस्थाएं मात्र शोपीस बनकर रह गई है. बीएसएनएल की ओर से हर्षिल और गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव में मोबाइल टावर लगाए गए, लेकिन विगत 1 माह से वो भी काम नहीं कर रहे हैं. ऐसे में चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों को मोबाइल से सम्पर्क करने के लिए भटवाड़ी या जिला मुख्यालय पहुंचने का इंतजार करना पड़ता है.

चारधाम यात्रा के मुख्य पड़ाव धराली, मुखबा सहित भैरो घाटी और विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हर्षिल में संचार व्यवस्था 1 महीने से ठप पड़ी हुई है. हर्षिल में अंतरराष्ट्रीय सीमा का अंतिम थाना सहित कई महत्वपूर्ण सुरक्षा सम्बन्धी विभाग हैं, लेकिन यहां पर संचार व्यवस्था ठप पड़ी हुई है. ऐसी स्थिति में तो सुरक्षा पर ही सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं.

हर्षिल घाटी में एक महीने से थप पड़ी संचार व्यवस्था.

हर्षिल घाटी के स्थानीय निवासियों ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि अगर कोई पर्यटक हर्षिल आता है तो वह यहां पर स्थित एक मात्र बैंक से अपने धन का लेन-देन नहीं कर सकता क्योंकि कई माह से हर्षिल में नेटवर्क सुविधा ठप पड़ी हुई हैं. स्थानीय निवासियों को बैंक के एक छोटे से लेन-देन के लिए लगभग 80 किमी की जिला मुख्यालय के लिए दौड़ लगानी पड़ती है. साथ ही अगर किसी आपातकालीन स्थिति में जिला मुख्यालय से सम्पर्क करना हो तो आज भी डेली सर्विस वाहन चालक ही सन्देश वाहक का काम करते हैं.

Intro:हेडलाइन- संचार सेवाएं बन्द।(ग्राउंड रिपोर्ट) Slug- Uk_uttarkashi_vipin negi_telecom and communication problem(ground report)_16 april. उत्तरकाशी। चारधाम यात्रा को शुरू होने में मात्र 20 दिन शेष रह गए हैं। साथ ही विश्व प्रसिद्ध हर्षिल सहित हर्षिल घाटी में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ गई है। दूसरी और जहां पूरे देश में 5 जी की बात चल रही है। तो वहीं दूसरी और विश्व प्रसिद्ध हर्षिल घाटी में संचार व्यवस्थाएं मात्र शो पीस बनकर रह गयी है। बीएसएनएल की और से हर्षिल और गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव में मोबाइल टावर लगे हैं। लेकिन वह विगत 1 माह से काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे में चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों को मोबाइल से सम्पर्क करने के लिए भटवाड़ी या जनपद मुख्यालय पहुँचने का इंतजार करना पड़ता है। etv bharat की ground report.


Body:वीओ- 1, चारधाम यात्रा को मात्र 20 दिन शेष हैं। लेकिन यात्रा के मुख्य पड़ाव धराली,मुखबा सहित भैरो घाटी और विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हर्षिल में संचार व्यवस्था 1 माह से ठप पड़ी हुई है। हर्षिल में अंतरराष्ट्रीय सीमा का अंतिम थाना सहित कई महत्वपूर्ण सुरक्षा सम्बन्धी विभाग है। लेकिन वहां पर संचार व्यवस्था ठप पड़ी हुई है। ऐसी स्थिति में तो सुरक्षा पर ही सवाल खड़े होते हैं। साथ ही चारधाम यात्रा के दौरान हर्षिल से ही महत्वपूर्ण सूचनाएं जिला मुख्यालय को पहुंचती हैं। ऐसी स्थिति में अगर यात्रा के दौरान किसी प्रकार की आपदा या अनहोनी होती है । तो जिला मुख्यालय तक सूचना पंहुचने में बड़ी त्रासदी भी हो सकती है। लेकिन शासन प्रशासन ने अभी तक संचार जैसी महत्वपूर्ण सुविधा को सुधारने के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की है।


Conclusion:वीओ-2, हर्षिल के स्थानीय निवासियों ने etv bharat को बताया कि अगर कोई पर्यटक हर्षिल आता है। तो वह यहां पर स्थित एक मात्र बैंक से अपने धन का लेन देन नहीं कर सकता। क्योंकि कई माह तक हर्षिल में नेटवर्क सुविधा ठप पड़ी रहती है। स्थानीय निवासियों को बैंक के एक छोटे से लेन देन के लिए करीब 80 किमी की जिला मुख्यालय की दौड़ लगानी पड़ती है। साथ ही अगर किसी आपातकालीन स्थिति में जिला मुख्यालय में सम्पर्क करना हो। तो आज भी डेली सर्विस वाहन चालक ही सन्देश वाहक का काम करता है। संचार आज की सबसे महत्वपूर्ण सुविधा है। लेकिन अफसोश की यात्रा रुट के मुख्य पड़ाव आज भी आदम युग मे जीने को मजबूर हैं। बाईट- शैलेन्द्र ,स्थानिया निवासी। बाईट- डॉ आशीष चौहान,डीएम उत्तरकाशी।
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