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यमुनोत्री ट्रैक पर प्रशासन ने चलाया स्वच्छता अभियान, धरातल पर असर नहीं - Yamunotri Walking Track

जिला प्रशासन विभाग के कर्मचारियों ने बुधवार को यमुनोत्री ट्रैक पर स्वच्छ्ता अभियान चलाया. लाख कोशिशों के बाद भी प्रशासन यमुनोत्री मार्ग पर स्वच्छ्ता अभियान को धरातल पर नहीं उतार पा रहा है.

यमुनोत्री ट्रैक पर स्वच्छ्ता अभियान के दौरैन मौजूद लोग.
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Published : May 31, 2019, 1:44 PM IST

Updated : May 31, 2019, 3:07 PM IST

उत्तरकाशी: नगर में लंबे समय से प्रशासन यमुनोत्री पैदल ट्रैक पर स्वच्छता अभियान चला रहा है. इसी क्रम में जिला प्रशासन विभाग के कर्मचारियों ने बुधवार को यमुनोत्री ट्रैक पर स्वच्छता अभियान चलाया. इसके बावजूद भी प्रशासन यमुनोत्री मार्ग पर स्वच्छता अभियान को धरातल पर नहीं उतार पा रहा है. देखिए ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट...

जानकारी देते जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान.

बुधवार को जिला अधिकारी के निर्देश पर सभी विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों ने यमुनोत्री पैदल ट्रैक पर स्वच्छता अभियान चलाया गया. यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत सहित डीएम डॉ आशीष चौहान सहित कई उच्च अधिकारी इस अभियान में शामिल हुए लेकिन यह अभियान हर बार की तरह कुछ कट्टे कूड़ा उठाने तक ही सीमित ही रह गया. आपके बता दें कि यमुना किनारे पसरा प्लास्टिक और नदी में जा रहा प्रत्यक्ष सीवरेज प्रशासन को भी नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में लोगों का कहना ही कि यमुना में स्वचछ अभियान एक आडंबर बनकर रह गया है.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट में साफ देखा जा सकता है कि सफाई अभियान मात्र ट्रैक तक ही सीमित रह गया है. यमुनोत्री पैदल ट्रैक पर घोड़ों, खच्चरों की लीद पड़ी रहती है. साथ ही ट्रैक के आसपास मौजूद गंदगी बारिश में बह कर यमुना नदी में जा मिलती है. इस पैदल ट्रैक पर स्वचछता को लेकर कोई संदेश देखने को नहीं मिलता है. यहां के हालातों को देख लगता है कि शायद यमुनोत्री धाम पैदल ट्रैक और यमुना नदी की स्वच्छ्ता के लिए प्रशासन के पास कोई कारगर योजना नहीं है.

जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान ने बताया की सालों से यहां कूड़ा जमा है, जिसे हटाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. फिलहाल इस सीजन में जमा हो रहे कूड़े को हटाया जा रहा है.

उत्तरकाशी: नगर में लंबे समय से प्रशासन यमुनोत्री पैदल ट्रैक पर स्वच्छता अभियान चला रहा है. इसी क्रम में जिला प्रशासन विभाग के कर्मचारियों ने बुधवार को यमुनोत्री ट्रैक पर स्वच्छता अभियान चलाया. इसके बावजूद भी प्रशासन यमुनोत्री मार्ग पर स्वच्छता अभियान को धरातल पर नहीं उतार पा रहा है. देखिए ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट...

जानकारी देते जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान.

बुधवार को जिला अधिकारी के निर्देश पर सभी विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों ने यमुनोत्री पैदल ट्रैक पर स्वच्छता अभियान चलाया गया. यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत सहित डीएम डॉ आशीष चौहान सहित कई उच्च अधिकारी इस अभियान में शामिल हुए लेकिन यह अभियान हर बार की तरह कुछ कट्टे कूड़ा उठाने तक ही सीमित ही रह गया. आपके बता दें कि यमुना किनारे पसरा प्लास्टिक और नदी में जा रहा प्रत्यक्ष सीवरेज प्रशासन को भी नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में लोगों का कहना ही कि यमुना में स्वचछ अभियान एक आडंबर बनकर रह गया है.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट में साफ देखा जा सकता है कि सफाई अभियान मात्र ट्रैक तक ही सीमित रह गया है. यमुनोत्री पैदल ट्रैक पर घोड़ों, खच्चरों की लीद पड़ी रहती है. साथ ही ट्रैक के आसपास मौजूद गंदगी बारिश में बह कर यमुना नदी में जा मिलती है. इस पैदल ट्रैक पर स्वचछता को लेकर कोई संदेश देखने को नहीं मिलता है. यहां के हालातों को देख लगता है कि शायद यमुनोत्री धाम पैदल ट्रैक और यमुना नदी की स्वच्छ्ता के लिए प्रशासन के पास कोई कारगर योजना नहीं है.

जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान ने बताया की सालों से यहां कूड़ा जमा है, जिसे हटाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. फिलहाल इस सीजन में जमा हो रहे कूड़े को हटाया जा रहा है.

Intro:हेडलाइन- जिस यमुना के नाम पर अभियान वही ही नहीं स्वच्छ। जानकीचट्टी (उत्तरकाशी)। जिस यमुना के नाम उत्तरकाशी जिला प्रशासन यमुनोत्री पैदल ट्रैक पर स्वच्छ्ता अभियान चला रहा है। उसकी ही अनदेखी की जा रही है। जिला प्रशासन के हर विभाग के कर्मचारियों ने बुधवार को यमुनोत्री ट्रैक पर स्वच्छ्ता अभियान चलाया। वहीं पर सफाई व्यवस्था ही दुरस्त नजर नहीं आई। साथ ही यमुना में जा रहा सीधा सीवरेज भी नजर नहीं आया। etv bharat की ग्राउंड रिपोर्ट में साफ देखा गया कि स्वच्छ्ता अभियान मात्र हर बार की तरह इस बार भी खानापूर्ति तक ही सीमित रह गया। वहीं यमुना की हर बार उपेक्षा की शिकार हो रही है। साथ ही प्लास्टिक भी यमुना किनारे बिखरा नजर आया।


Body:वीओ-1, बुधवार को जिला अधिकारी के निर्देश पर सभी विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों ने यमुनोत्री पैदल ट्रैक पर स्वच्छ्ता अभियान चलाया। लेकिन स्वच्छ्ता अभियान मात्र कुछ कट्टों कूड़े तक ही सीमित ही रह गया। साथ ही इस बार भी यमुना को उपेक्षा का शिकार होना पड़ा। यमुनोत्री विधायक सहित डीएम डॉ आशीष चौहान सहित कई उच्च अधिकारी इस अभियान में शामिल हुए। लेकिन यमुना किनारे पसरा प्लास्टिक और नदी में जा रहा प्रत्यक्ष सीवरेज और गंदा नाला किसी को भी नजर नहीं आया। जबकि यह समस्याएं आज से नहीं बल्कि आम दिनों की है। सवाल यह उठता है कि जिस यमुना के नाम पर यह सब अभियान चलाए जा रहे हैं। क्या यह मात्र एक आडम्बर है।


Conclusion:वीओ-2, etv bharat की ग्राउंड रिपोर्ट में साफ देखने को मिला कि सफाई अभियान मात्र ट्रैक तक ही सीमित रहा। लेकिन उसके बाद भी यमुनोत्री पैदल ट्रैक पर घोड़े खच्चरों की लीद जहां बहती रही। तो साथ ही ट्रैक के आसपास भी गंदगी बरकरार थी। वहीं पैदल ट्रैक में भी कहीं पर भी ऐसा कोई संदेश नहीं देखने को मिला। जिससे कि यात्रियों को जानकारी हो सके कि यमुनोत्री धाम में प्लास्टिक के प्रयोग करें। यात्रा के मुख्य पड़ाव साथ ही सफाई अभियान जानकीचट्टी से शुरू हुआ। वहीं जानकीचट्टी में पॉलिथीन की खाली बोतलें यमुना किनारे और पहाड़ियों पर बिखरी नजर आए। इससे तो यही लगता है कि शायद यमुनोत्री धाम पैदल ट्रैक और यमुना नदी की स्वच्छ्ता के लिए प्रशासन के पास अभी कोई कारगर योजना नहीं है। बाईट- डॉ आशीष चौहान,डीएम उत्तरकाशी।
Last Updated : May 31, 2019, 3:07 PM IST
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