उत्तरकाशी: सम्रुद्र तल से करीब 12,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित उत्तरकाशी जिले के दयारा बुग्याल (मखमली घास) में शनिवार को बटर फेस्टिवल की धूम रही. स्थानीय स्तर पर इसे अंढूड़ी उत्सव कहा जाता है, जिसे दयारा पर्यटन उत्सव समिति ने अब बटर फेस्टिवल का नाम दे दिया है. हर साल भादौं संक्रांति पर आयोजित होने वाले इस बटर फेस्टिवल का उद्घाटन शनिवार को जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष विक्रम सिंह रावत ने किया.
इस मौके पर दयारा बुग्याल में स्थानीय देवताओं को ग्रामीणों की ओर से दूध और दही का भोग लगाया गया. उसके बाद घने बादलों के बीच फैले दयारा बुग्याल में शुरू हुई दूध और दही की होली. ठोल दमों और रणिसंघे की गूंज पर तांदी और रासौं नृत्य के बीच देश विदेश के सैलानियों ने भी स्थानीय लोगों के साथ मिलकर एक दूसरे पर दुध और दही की बौछार की. करीब आधा घंटे तक होली खेलने के बाद लोगों ने प्रकृति की पूजा कर, सबके लिए खुशहाली की कामना की.
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इससे पूर्व महिला मंगल दल रैथल की महिलाओं ने सबका तिलक लगाकर स्वागत किया. इसी के साथ गर्मियों के सीजन में अपने पशुओं को चराने के लिए उच्च हिमालयी क्षेत्र में गए पशुपालकों का वापस अपने गांवों को लौटने का सिलसिला प्रारंभ हो गया है.
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रैथल निवासी सुमित रतूड़ी ने बताया कि अंढूड़ी को बटर फेस्टिवल का रूप इसलिए दिया गया, ताकि जनपद के पर्यटन को एक नया आयाम मिल सके. रतूड़ी ने कहा कि अंढूड़ी जनपद का पौराणिक त्योहार है. जिसे पर्यटन के दृष्टिकोण से बढ़ाने की कोशिश की गई है.