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उत्तरकाशी के इस गांव में आजादी के बाद पहली बार पहुंची बस, झूम उठे ग्रामीण - विकासखंड मोरी का जीवाणु गांव सड़क से जुड़ा

उत्तराखंड में आज भी कई ऐसे गांव हैं, जो सड़क से नहीं जुड़ पाए हैं. उन्हीं में से एक था मोरी विकासखंड का जीवाणु गांव लेकिन मंगलवार को जीवाणु गांव न सिर्फ सड़क से जुड़ा, बल्कि यहां पहली बार बस भी पहुंची.

Uttarkashi
जीवाणु गांव में पहुंची बस
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Published : Sep 9, 2020, 5:32 PM IST

Updated : Sep 9, 2020, 6:59 PM IST

उत्तरकाशी: सीमांत विकासखंड मोरी के दूरस्थ जीवाणु गांव के लोगों का मंगलवार को वो सपना पूरा हो गया है, जिसका वे बरसों से इंतजार कर रहे थे. जीवाणु गांव में सड़क बनने पर पहली बार बस पहुंची हैं. गांव में बस को देखकर ग्रामीणों ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों से साथ नाच-गाकर इसका स्वागत किया.

गांव में पहली बार पहुंची बस.

अपने बरसों पुराने सपने को पूरा होता देख ग्रामीण खुशी से फूले नहीं समा रहे थे. आजादी के बाद से ही ग्रामीण सड़क की मांग कर रहे थे, जो उनकी 2017 में पूरी हुई थी. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत केदार कांठा ट्रैक के अंतिम गांव जीवाणु के लिए खरसाड़ी से 15 किमी लंबी सड़क का निर्माण दिसम्बर 2017 में शुरू हुआ था, जो अब जाकर पूरा हुआ.

पढ़ें- सीएम त्रिवेंद्र ने हिमालय दिवस पर दिया संदेश, पर्यावरण संरक्षण के लिए की अपील

सड़क का निर्माण कार्य पूरा होने पर गांव में विभाग की ओर से 42 सीटर बस भेजी गई. इस दौरान ग्रामीणों ने लोक वाद्य यंत्रों के साथ बस सहित विभागीय अधिकारियों और ठेकेदार का स्वागत किया. साथ ही लोक नृत्य कर जश्न मनाया.

खरसाड़ी से जीवाणु तक बनी सड़क का लाभ क्षेत्र के डोभाल गांव सहित रमाल, कुमनाई, किया, सत्तरा, बेउडाई, देवजानी समेत गांव को मिलेगा. ग्रामीणों का कहना है कि जीवाणु में सड़क पहुंचने के लिए अब पर्यटकों को मात्र 3 किमी की पैदल दूरी नापनी पड़ेगी. ग्रामीणों ने कहा कि क्षेत्र में पर्यटन के लिए यह नया आयाम स्थापित हुआ है.

उत्तरकाशी: सीमांत विकासखंड मोरी के दूरस्थ जीवाणु गांव के लोगों का मंगलवार को वो सपना पूरा हो गया है, जिसका वे बरसों से इंतजार कर रहे थे. जीवाणु गांव में सड़क बनने पर पहली बार बस पहुंची हैं. गांव में बस को देखकर ग्रामीणों ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों से साथ नाच-गाकर इसका स्वागत किया.

गांव में पहली बार पहुंची बस.

अपने बरसों पुराने सपने को पूरा होता देख ग्रामीण खुशी से फूले नहीं समा रहे थे. आजादी के बाद से ही ग्रामीण सड़क की मांग कर रहे थे, जो उनकी 2017 में पूरी हुई थी. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत केदार कांठा ट्रैक के अंतिम गांव जीवाणु के लिए खरसाड़ी से 15 किमी लंबी सड़क का निर्माण दिसम्बर 2017 में शुरू हुआ था, जो अब जाकर पूरा हुआ.

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सड़क का निर्माण कार्य पूरा होने पर गांव में विभाग की ओर से 42 सीटर बस भेजी गई. इस दौरान ग्रामीणों ने लोक वाद्य यंत्रों के साथ बस सहित विभागीय अधिकारियों और ठेकेदार का स्वागत किया. साथ ही लोक नृत्य कर जश्न मनाया.

खरसाड़ी से जीवाणु तक बनी सड़क का लाभ क्षेत्र के डोभाल गांव सहित रमाल, कुमनाई, किया, सत्तरा, बेउडाई, देवजानी समेत गांव को मिलेगा. ग्रामीणों का कहना है कि जीवाणु में सड़क पहुंचने के लिए अब पर्यटकों को मात्र 3 किमी की पैदल दूरी नापनी पड़ेगी. ग्रामीणों ने कहा कि क्षेत्र में पर्यटन के लिए यह नया आयाम स्थापित हुआ है.

Last Updated : Sep 9, 2020, 6:59 PM IST
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