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अनूठी मिसाल: 70 वर्षीय बुद्धि सिंह नेगी पेंशन से मेधावियों को देते हैं प्रोत्साहन राशि - News of Encouragement

अपर मुख्याधिकारी जिला पंचायत से रिटायर 70 वर्षीय बुद्धि सिंह नेगी बीते पांच सालों से हर गणतंत्र दिवस पर अपनी पेंशन से मेधावियों को प्रोत्साहन राशी दे रहे हैं. उनका उद्देश्य है कि आर्थिक मजबूरियों के चलते कोई भी बच्चा अपनी पढ़ाई न छोड़े.

Buddhi Singh Negi News
बुद्धि सिंह नेगी अपनी पेंशन से मेधावियों को देते हैं प्रोत्साहन राशि.
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Published : Jan 26, 2020, 6:01 PM IST

उत्तरकाशी: वरुणाघाटी के गमदीडगांव के 70 वर्षीय बुद्धि सिंह नेगी बीते पांच सालों से हर वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजकीय इंटर कॉलेज साल्ड के मेधावियों को प्रशस्ति पत्र और प्रोत्साहन राशि भेंट कर रहे हैं. गत वर्षों तक बुद्धि सिंह नेगी द्वारा अपनी पेंशन से कक्षा 10 और 12 के मेधावियों को प्रोत्साहन राशी दी जाती थी. इस वर्ष से बुद्धि सिंह नेगी कक्षा 6 से 12 तक के मेधावियों को सम्मानित कर प्रोत्साहन राशी दी है.

बुद्धि सिंह नेगी ने कहा कि स्कूल के दिनों में गरीबी देखी, कई बार गरीबी के कारण कक्षाएं भी छोड़नी पड़ी. जैसे-तैसे पढ़ाई की और सरकारी नौकरी प्राप्त कर अपर मुख्याधिकारी जिला पंचायत से रिटायर हुआ. रिटायरमेंट के बाद सोचा कि क्यों न अपने क्षेत्र के सरकारी विद्यालय के बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करूं ताकि वो भी परिवार की गरीबी के कारण अपनी पढ़ाई न छोड़े. जिसके चलते हर वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजकीय इंटर कॉलेज साल्ड में बच्चों के लिए प्रोत्साहन राशी का शुभारंभ किया.

बुद्धि सिंह नेगी ने बताया कि वो चाहते हैं कि कोई भी छात्र-छात्रा अपनी आर्थिक मजबूरियों के चलते स्कूल न छोड़े. उन्होंने कहा कि जब मेधावी छात्रों को सम्मानित किया जाता है. तो इससे अन्य छात्र- छात्राओं के मन में ख्याल आता है कि वो भी अच्छी पढ़ाई कर यह प्रोत्साहन हासिल करे.

ये भी पढ़ें: देहरादून: आज घर से निकलने से पहले रूट प्लान देखकर निकले

बता दें कि बुद्धि सिंह नेगी स्कूल में जाकर छात्र- छात्राओं की समस्याओं को सुनकर उनका निराकरण की भी कोशिश करते हैं.

उत्तरकाशी: वरुणाघाटी के गमदीडगांव के 70 वर्षीय बुद्धि सिंह नेगी बीते पांच सालों से हर वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजकीय इंटर कॉलेज साल्ड के मेधावियों को प्रशस्ति पत्र और प्रोत्साहन राशि भेंट कर रहे हैं. गत वर्षों तक बुद्धि सिंह नेगी द्वारा अपनी पेंशन से कक्षा 10 और 12 के मेधावियों को प्रोत्साहन राशी दी जाती थी. इस वर्ष से बुद्धि सिंह नेगी कक्षा 6 से 12 तक के मेधावियों को सम्मानित कर प्रोत्साहन राशी दी है.

बुद्धि सिंह नेगी ने कहा कि स्कूल के दिनों में गरीबी देखी, कई बार गरीबी के कारण कक्षाएं भी छोड़नी पड़ी. जैसे-तैसे पढ़ाई की और सरकारी नौकरी प्राप्त कर अपर मुख्याधिकारी जिला पंचायत से रिटायर हुआ. रिटायरमेंट के बाद सोचा कि क्यों न अपने क्षेत्र के सरकारी विद्यालय के बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करूं ताकि वो भी परिवार की गरीबी के कारण अपनी पढ़ाई न छोड़े. जिसके चलते हर वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजकीय इंटर कॉलेज साल्ड में बच्चों के लिए प्रोत्साहन राशी का शुभारंभ किया.

बुद्धि सिंह नेगी ने बताया कि वो चाहते हैं कि कोई भी छात्र-छात्रा अपनी आर्थिक मजबूरियों के चलते स्कूल न छोड़े. उन्होंने कहा कि जब मेधावी छात्रों को सम्मानित किया जाता है. तो इससे अन्य छात्र- छात्राओं के मन में ख्याल आता है कि वो भी अच्छी पढ़ाई कर यह प्रोत्साहन हासिल करे.

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बता दें कि बुद्धि सिंह नेगी स्कूल में जाकर छात्र- छात्राओं की समस्याओं को सुनकर उनका निराकरण की भी कोशिश करते हैं.

Intro:उत्तरकाशी। स्कूली के दिनों में गरीबी देखी,कई बार गरीबी के कारण कक्षाएं भी छोड़नी पड़ी। फिर किसी प्रकार पढ़ाई की और सरकारी नौकरी प्राप्त कर अपर मुख्याधिकारी जिला पंचायत से रिटायर हुआ। रिटायरमेंट के बाद सोचा कि ऐसा क्यों न अपने क्षेत्र के सरकारी विद्यालय के बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करूँ। जिससे कि वह भी परिवार की गरीबी के कारण अपनी पढ़ाई न छोड़ें। यह सोच कर वरुणाघाटी के गमदीडगांव के 70 वर्षीय बुद्धि सिंह नेगी ने हर वर्ष अपने क्षेत्र के राजकीय इंटर कॉलेज साल्ड में प्रोत्साहन राशी का शुभारंभ किया। Body:वीओ-1, वरुणाघाटी के गमदीडगाँव के 70 वर्षीय बुद्धि सिंह नेगी,जो कि विगत पांच वर्षों से हर वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजकीय इंटर कॉलेज साल्ड के मेधावियों को हर वर्ष अपनी और प्रशस्ति पत्र और प्रोत्साहन राशि भेंट करते हैं। गत वर्षों तक कक्षा 10 और 12 के मेधावियों को बुद्धि सिंह नेगी की और सम्मानित व प्रोत्साहन राशी दी जाती थी। तो वहीं इस वर्ष से बुद्धि सिंह नेगी कक्षा 6 से 12 तक के मेधावियों को सम्मानित कर रहे है। Conclusion:वीओ-2, बुद्धि सिंह नेगी 70 वर्ष की उम्र में स्कूल में जाते रहते हैं और छात्र- छात्राओं की समस्याओं को सुनकर उनका निराकरण की कोशिश करते हैं। बुद्धि सिंह नेगी ने etv bharat को बताया कि वह चाहते हैं कि कोई भी छात्र और छात्रा अपनी आर्थिक मजबूरियों से स्कूल न छोड़े। साथ ही जब मेधावी छात्रों को सम्मानित किया जाता है। तो इससे अन्य छात्र- छात्राओं के मन मे ख्याल आएगा कि वह भी अच्छा पढ़कर यह प्रोत्साहन ले सकें।
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