उत्तरकाशी: भारत चीन सीमा पर बसे नेलांग और जादूंग गांवों में भी जल्द ही बीएसएनएल की मोबाइल टावर सेवा शुरू की जाएगी. इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से भारत संचार निगम लिमिटेड को भूमि हस्तांतरित कर दी गई है. अंतराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएनएल की सेवा शुरू होने से सेना, आईटीबीपी सहित बीआरओ के जवानों और मजदूरों को इसका लाभ मिलेगा.
बीएसएनएल को भूमि की गई हस्तांतरित: वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत केंद्र सरकार ने 1962 के दौरान खाली हुए नेलांग और जादूंग गांवों को दोबारा बसाने की योजना तैयार की है. इस योजना के तहत इन दोनों गांवों को पहले संचार सेवा से जोड़ा जा रहा है. नेलांग और जादूंग गांवों में जल्द ही बीएसएनएल की मोबाइल टावर सेवा शुरू की जाएगी. इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से नेलांग में 0.025 हेक्टेयर और जादूंग में भी 0.025 हेक्टेयर भूमि बीएसएनएल को हस्तांतरित कर दी गई है.
कार्यदायी संस्था के साथ हुआ अनुबंध: वहीं बीएसएनएल के मोबाइल टावर लगाने के लिए प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. इसके लिए कार्यदायी संस्था के साथ अनुबंध कर लिया गया है. नेलांग और जादूंग के साथ जनपद के 71 स्थानों पर बीएसएनएल के टावर लगाए जा रहे हैं. इसमें मोरी सहित पुरोला और बड़कोट और भटवाड़ी के वह दूरस्थ क्षेत्र भी शामिल हैं, जहां पर अभी तक संचार सेवा शुरू नहीं हो पाई है. इसमें पिलंग, जौड़ाव, ओसला, गंगाड़ सहित चपटाड़ी आदि गांव शामिल हैं.
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मोबाइल टावर लगाने की प्रक्रिया के पहले चरण का कार्य शुरू: जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि जनपद में नेलांग-जादूंग सहित 69 स्थानों पर बीएसएनएल को भूमि हस्तांतरित कर दी गई है. मात्र दो स्थानों पर अभी भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया जारी है. बीएसएनएल के एजीएम अनिल कुमार ने बताया कि जनपद के 71 स्थानों पर मोबाइल टॉवर लगाने की प्रक्रिया के प्रथम चरण का कार्य शुरू कर दिया गया है.
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