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उत्तरकाशी एवलॉन्च: बेस कैंप से बंगाल के प्रशिक्षु पर्वतारोही का शव मातली हेलीपैड लाया गया, रेस्क्यू जारी

उत्तरकाशी हिमस्खलन में बेस कैंप से बंगाल के एक प्रशिक्षु पर्वतारोही का शव (Uttarkashi mountaineer body rescue) सेना के हेलीकॉप्टर के जरिए मातली हेलीपैड (Uttarkashi Matli Helipad) पहुंचा दिया गया है. हिमस्खलन (Uttarkashi Avalanche) की घटना में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी के दो प्रशिक्षु अभी भी लापता हैं. वहीं रेस्क्यू अभियान मौसम साफ होते ही शुरू कर दिया जा रहा है.

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Published : Oct 14, 2022, 12:11 PM IST

उत्तरकाशी: जिले के द्रौपदी का डांडा चोटी (Uttarkashi Draupadi Danda) आरोहण के दौरान हुई हिमस्खलन (Uttarkashi Avalanche) की घटना में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी के दो प्रशिक्षु अभी भी लापता हैं. जबकि बेस कैंप से बंगाल के एक प्रशिक्षु पर्वतारोही का शव (Uttarkashi mountaineer body rescue) सेना के हेलीकॉप्टर के जरिए मातली हेलीपैड (Uttarkashi Matli Helipad) पहुंचा दिया गया है.

प्रशिक्षु पर्वतारोही का नाम गौरव विश्वास निवासी, डिफेंस कॉलोनी, कम्पा जिला 24 परगना नार्थ कंचनपुरा (बंगाल) है. द्रौपदी डांडा टू में एवलॉन्च हादसे में मारे गए 26 पर्वतारोहियों के शव अभी तक परिजनों को सौंपे जा चुके हैं. एक पर्वतारोही का शव आज शुक्रवार को मौसम अनुकूल होने पर हेली से रेस्क्यू अभियान के दौरान मातली हेलीपेड पर लाया गया.
पढ़ें-उत्तरकाशी एवलॉन्च: रेस्क्यू में इंद्रा और रजिया ने दिखाया दम, लखनऊ से आए डॉग्स हैं खास

वहीं इस दल में शामिल दो प्रशिक्षक सहित 29 प्रशिक्षु पर्वतारोही हिमस्खलन की जद में आए थे. दो प्रशिक्षु अभी भी लापता हैं. जिस स्थान पर प्रशिक्षु दबे हुए हैं, उस स्थान को रेस्क्यू टीम ने चिन्हित कर दिया है. उच्च हिमालय क्षेत्र में लगातार हो रही बर्फबारी ने खोज बचाव टीम के सामने बड़ी चुनौती खड़ी की है. हर दिन खोज बचाव टीम को क्रेवास तक जाने के लिए नए तरीके से एप्रोच मार्ग बनाना पड़ रहा है.

बता दें कि बीती चार अक्टूबर को नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (Nehru Institute of Mountaineering) के 42 सदस्य हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे. इस हादसे में 29 पर्वतारोही लापता हो गए थे, जिसमें से 27 पर्वतारोहियों के शव बरामद हो चुके हैं जबकि, दो की तलाश जारी है.

उत्तरकाशी: जिले के द्रौपदी का डांडा चोटी (Uttarkashi Draupadi Danda) आरोहण के दौरान हुई हिमस्खलन (Uttarkashi Avalanche) की घटना में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी के दो प्रशिक्षु अभी भी लापता हैं. जबकि बेस कैंप से बंगाल के एक प्रशिक्षु पर्वतारोही का शव (Uttarkashi mountaineer body rescue) सेना के हेलीकॉप्टर के जरिए मातली हेलीपैड (Uttarkashi Matli Helipad) पहुंचा दिया गया है.

प्रशिक्षु पर्वतारोही का नाम गौरव विश्वास निवासी, डिफेंस कॉलोनी, कम्पा जिला 24 परगना नार्थ कंचनपुरा (बंगाल) है. द्रौपदी डांडा टू में एवलॉन्च हादसे में मारे गए 26 पर्वतारोहियों के शव अभी तक परिजनों को सौंपे जा चुके हैं. एक पर्वतारोही का शव आज शुक्रवार को मौसम अनुकूल होने पर हेली से रेस्क्यू अभियान के दौरान मातली हेलीपेड पर लाया गया.
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वहीं इस दल में शामिल दो प्रशिक्षक सहित 29 प्रशिक्षु पर्वतारोही हिमस्खलन की जद में आए थे. दो प्रशिक्षु अभी भी लापता हैं. जिस स्थान पर प्रशिक्षु दबे हुए हैं, उस स्थान को रेस्क्यू टीम ने चिन्हित कर दिया है. उच्च हिमालय क्षेत्र में लगातार हो रही बर्फबारी ने खोज बचाव टीम के सामने बड़ी चुनौती खड़ी की है. हर दिन खोज बचाव टीम को क्रेवास तक जाने के लिए नए तरीके से एप्रोच मार्ग बनाना पड़ रहा है.

बता दें कि बीती चार अक्टूबर को नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (Nehru Institute of Mountaineering) के 42 सदस्य हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे. इस हादसे में 29 पर्वतारोही लापता हो गए थे, जिसमें से 27 पर्वतारोहियों के शव बरामद हो चुके हैं जबकि, दो की तलाश जारी है.

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