उत्तरकाशीः पुरोला में नाबालिग लड़की को भगाने के प्रयास के बाद मुस्लिम समुदाय के खिलाफ विरोध की आग जगह-जगह पहुंचने लगी है. इसी मामले को लेकर गुरुवार को भटवाड़ी में सभी दुकानें बंद रही. व्यापार मंडल और विभिन्न संगठन से जुड़े लोगों ने बाजार में रैली निकाली. साथ ही बाजार से बाहरी व्यापारियों को दुकानें खाली करवाने की चेतावनी दी.
दरअसल, आज भटवाड़ी के मुख्य बाजार में काफी संख्या में लोग जमा हुए, जहां उन्होंने दो घंटे तक बाजार बंद कर विशाल रैली निकाली. स्थानीय व्यापारियों का कहना था. बाहरी व्यापारियों के राशन कार्ड और आधार कार्ड बिना पुख्ता जानकारी के बनाए जा रहे हैं, जो कि यहां पर भी पुरोला जैसी घटना को दोहरा सकते हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि बाहरी व्यापारी 15 दिन के भीतर दुकानें खाली कर चले जाएं. इसके बाद भवन स्वामियों से दुकानें खाली करवाई जाएंगी.
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वहीं, मामले को लेकर पहले पुरोला, मोरी फिर नौगांव और बड़कोट में लोग सड़कों पर उतरे. इसके बाद चिन्यालीसौड़ और डुंडा में भी व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद कर बाहरी व्यापारियों के खिलाफ प्रदर्शन किया. उधर, पुरोला में उपजे विवाद के बाद वहां से मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दुकानें खाली करनी शुरू कर दी है. पुरोला नगर क्षेत्र में सुरक्षा और सौहार्द बनाए रखने के लिए दो प्लाटून पीएससी की तैनाती की गई है. उत्तरकाशी एसपी अर्पण यदुवंशी ने सभी लोगों से सौहार्द और शांति व्यवस्था बनाने की अपील की है.
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क्या था मामला? बीते 26 मई को पुरोला में मुस्लिम युवक उबैद ने अपने दोस्त जितेंद्र सैनी के साथ मिलकर एक हिंदू नाबालिग लड़की को भगाने की कोशिश की थी. जिन्हें स्थानीय लोगों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था. पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेश किया. जहां कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया गया था. दोनों आरोपी उत्तर प्रदेश के नजीबाबाद के रहने वाले हैं. जो रजाई और गद्दे की दुकान पर काम करते थे.
इस घटना के बाद पुरोला समेत पूरे उत्तरकाशी जिले में समुदाय विशेष और बाहरी व्यापारियों के खिलाफ आक्रोश का माहौल बन गया था. जिले के सभी बाजारों में अलग-अलग दिन व्यापारियों और विभिन्न संगठनों ने रैलियां निकालकर अपने प्रतिष्ठान बंद रखे. उसके बाद धीरे-धीरे पुरोला से कई मुस्लिम समुदाय और बाहरी व्यापारियों ने नगर छोड़ना शुरू कर दिया है.