उत्तरकाशी: प्रसिद्ध माघ मेले (बाड़ाहाट का थौलू) का शनिवार से भव्य आगाज हो गया है. मेले का उद्घाटन कंडार देवता की डोली और हरि महाराज के ढोल की मौजूदगी में किया गया. यह मेला 25 जनवरी तक चलेगा. यह मेला भारत और तिब्बत व्यापार का प्रतीक माना जाता है. कहा जाता है कि पौराणिक समय में तिब्बत और जिले के व्यापारी बाड़ाहाट में वस्तु विनियम का प्रणाली से व्यापार करते थे. समय बदलने के साथ यह भौतिकता की ओर बढ़ने लगा.
जिला पंचायत की ओर से आजाद मैदान में माघ मेले की तैयारियां शनिवार से शुरू हुई. पंडाल में लगी 400 दुकानें सजनी शुरू हुई. कंडार देवता मंदिर में कंडार देवता की डोली सीधे मेलास्थल पर पहुंची. इसके साथ ही बाड़ागड़ी क्षेत्र से हरि महाराज के ढोल के साथ आई अन्य देवी-देवताओं की डोलियां भी पहुंची, जहां देव डोलियों को नचाया गया. इस मौके पर स्थानीय महिलाओं और पुरुषों ने रांसो नृत्य भी किया. कंडार देवता व हरि महाराज के साथ गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान व जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक विजल्व ण ने मेले का उद्घाटन किया. इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक विजल्वाण ने कहा पुरानी संस्कृति को कैसे जीवित रखा जाए, यह एक चुनौती है.
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जनपद का प्रसिद्ध माघ मेले का आयोजन भव्य रूप से किया जयेगा. इस वर्ष माघ मेले में अधिक संख्या में स्थानीय तथा कुछ बाहर के प्रसिद्ध कलाकारों को आमंत्रित किया गया है, जो यहां की संस्कृति का वृहद् रूप से प्रदर्शन करेंगे.
शहर में निकाली गई भव्य कलश यात्रा: माघ मेले के शुभारंभ पर गंगा यमुना कलश शोभायात्रा पूरे शहर में निकाली गई. इस मौके पर बड़ी संख्या में शहर की महिलाओं व अन्य लोगों ने कलश यात्रा में भाग लिया. कलश यात्रा के दौरान महिलाओं व स्कूली छात्र-छात्राओं ने भजन के साथ मां गंगा के जयकारे भी लगाए. शहर के भ्रमण के बाद कलश यात्रा विश्वनाथ मंदिर से होते हुए मेलास्थल पर पहुंची.