ETV Bharat / state

भूस्खलन की जद में आए सेब के बगीचे, काश्तकारों के चेहरे पर दिखी चिंता की लकीर - उत्तरकाशी में भूस्खलन से सेब के पेड़ नष्ट

चार दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण मोरी विकासखंड में सेब काश्तकारों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. माकुडी गांव सहित कलीच गांव में भूस्खलन होने से सेब के करीब 1000 पेड़ों को नुकसान हुआ है. ऐसे में काश्तकारों ने सरकार से मुआवजा देने की मांग की है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jul 12, 2023, 5:53 PM IST

उत्तरकाशी: उत्तरकाशी में लैंडस्लाइड से एक तरफ यातायात बाधित हो रहा है, तो दूसरी तरफ सेब के पेड़ भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं. जिससे काश्तकारों के चेहरे पर चिंता की लकीर देखी जा रही है. दरअसल बीते मंगलवार देर शाम मोरी के माकुडी गांव सहित कलीच गांव में भूस्खलन होने के कारण सेब के करीब 1000 पेड़ों को नुकसान हुआ है. जिससे काश्तकार मायूस नजर आ रहे हैं. ऐसे में काश्तकारों ने जिला प्रशासन से सेब के नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है.

Landslide due to heavy rain in Uttarkashi
भूस्खलन की जद में आए सेब के बगीचे

ग्रामीणों के अनुसार माकुड़ी गांव में प्रमोद रावत के 100, अमित रावत के 50, रमेश ठाकुर के 50, मनोज रावत के 50, विनोद रावत के 40,सदर सिंह के 60 और प्रदीप रावत के 70 सेब के पेड़ भूस्खलन की जद में आए हैं. इसके अलावा कलीच गांव में अरविंद चौहान के 200 पेड़ों को लैंडस्लाइड से नुकसान हुआ है. वहीं, सेब काश्तकारों का कहना है कि पहले मई में बेमौसम बर्फबारी और ओलावृष्टि से सेब के उत्पादन पर बुरा असर पड़ा है. जिससे इस बार सेब के उत्पादन में करीब 50 प्रतिशत की कमी आई है. ऐसे में अब जो बचा हुआ उत्पादन था. वह भूस्खलन के कारण बर्बाद हो गया है. जिससे काश्तकारों को दोहरी मार झेलनी पड़ी है.
ये भी पढ़ें: WATCH: चमोली में चंद सेकेंड में ढही 'पहाड़ी', मलबे के गुबार में गुम हुई सड़क

सेब काश्तकारों ने कहा कि पहले ही उन्हें ओलावृष्टि और बर्फबारी से हुए नुकसान का मुआवजा अभी तक नहीं मिल पाया है. ऐसे में अब हुए भूस्खलन ने उनकी पूरे साल की मेहनत पर पानी फेर दिया है. इस संबंध में उपजिलाधिकारी पुरोला देवानंद शर्मा ने कहा कि भूस्खलन के कारण सेब के बगीचों को नुकसान पहुंचने की सूचना मिली है. जल्द ही राजस्व विभाग की टीम गठित कर नुकसान के आकलन के लिए टीम को भेजा जाएगा.
ये भी पढ़ें: Watch: उत्तराखंड में काली नदी ने धारण किया रौद्र रूप, पिथौरागढ़ में सहमे लोग, देखें वीडियो

उत्तरकाशी: उत्तरकाशी में लैंडस्लाइड से एक तरफ यातायात बाधित हो रहा है, तो दूसरी तरफ सेब के पेड़ भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं. जिससे काश्तकारों के चेहरे पर चिंता की लकीर देखी जा रही है. दरअसल बीते मंगलवार देर शाम मोरी के माकुडी गांव सहित कलीच गांव में भूस्खलन होने के कारण सेब के करीब 1000 पेड़ों को नुकसान हुआ है. जिससे काश्तकार मायूस नजर आ रहे हैं. ऐसे में काश्तकारों ने जिला प्रशासन से सेब के नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है.

Landslide due to heavy rain in Uttarkashi
भूस्खलन की जद में आए सेब के बगीचे

ग्रामीणों के अनुसार माकुड़ी गांव में प्रमोद रावत के 100, अमित रावत के 50, रमेश ठाकुर के 50, मनोज रावत के 50, विनोद रावत के 40,सदर सिंह के 60 और प्रदीप रावत के 70 सेब के पेड़ भूस्खलन की जद में आए हैं. इसके अलावा कलीच गांव में अरविंद चौहान के 200 पेड़ों को लैंडस्लाइड से नुकसान हुआ है. वहीं, सेब काश्तकारों का कहना है कि पहले मई में बेमौसम बर्फबारी और ओलावृष्टि से सेब के उत्पादन पर बुरा असर पड़ा है. जिससे इस बार सेब के उत्पादन में करीब 50 प्रतिशत की कमी आई है. ऐसे में अब जो बचा हुआ उत्पादन था. वह भूस्खलन के कारण बर्बाद हो गया है. जिससे काश्तकारों को दोहरी मार झेलनी पड़ी है.
ये भी पढ़ें: WATCH: चमोली में चंद सेकेंड में ढही 'पहाड़ी', मलबे के गुबार में गुम हुई सड़क

सेब काश्तकारों ने कहा कि पहले ही उन्हें ओलावृष्टि और बर्फबारी से हुए नुकसान का मुआवजा अभी तक नहीं मिल पाया है. ऐसे में अब हुए भूस्खलन ने उनकी पूरे साल की मेहनत पर पानी फेर दिया है. इस संबंध में उपजिलाधिकारी पुरोला देवानंद शर्मा ने कहा कि भूस्खलन के कारण सेब के बगीचों को नुकसान पहुंचने की सूचना मिली है. जल्द ही राजस्व विभाग की टीम गठित कर नुकसान के आकलन के लिए टीम को भेजा जाएगा.
ये भी पढ़ें: Watch: उत्तराखंड में काली नदी ने धारण किया रौद्र रूप, पिथौरागढ़ में सहमे लोग, देखें वीडियो

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.