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काश्तकारों को हो रहा भारी नुकसान, सेब के समर्थन मूल्य की उठाई मांग - आराकोट

आराकोट में आई आपदा के बाद से कई गांवों की सड़क नहीं खुल पाई है. ऐसे में ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. बुधवार को गुस्साए ग्रामीणों ने आराकोट पुल के पास हिमाचल-उत्तराखंड मार्ग जाम कर दिया.

गुस्साए ग्रामीणों ने जाम किया हिमाचल-उत्तराखंड मार्ग.
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Published : Sep 4, 2019, 12:21 PM IST

पुरोला: आराकोट क्षेत्र में आई आपदा के बाद से काश्तकारों की सेब की फसल बागानों में सड़ने लगी है. क्योंकि आपदा के बाद से कई गांवों के संपर्क मार्ग बंद है. जिसके चलते काश्तकारों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. ऐसे में गुस्साए ग्रामीणों ने आराकोट पुल के पास हिमाचल-उत्तराखंड मार्ग जाम कर दिया.

गुस्साए ग्रामीणों ने जाम किया हिमाचल-उत्तराखंड मार्ग.

बता दें कि आराकोट में आई आपदा के बाद से कई गांवों की सड़क नहीं खुल पाई है. ऐसे में ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. बुधवार को गुस्साए ग्रामीणों ने आराकोट पुल के पास हिमाचल-उत्तराखंड मार्ग जाम कर दिया.
ग्रामीणों की मांग है कि गांवों को जोड़ने वाली सड़कों को शीघ्र खोला जाए. साथ ही सरकार सेब का समर्थन मूल्य घोषित करे. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन सरकार तक गलत सूचनाएं पहुंचा रहा है. जबकि, अभीतक कई गांवों के संपर्क मार्ग बंद पड़े हुए हैं.

यह भी पढ़ें-श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय का अजीबोगरीब कारनामा, छात्रों को थमाई बिना अंकों की मार्कशीट

सूचना पाकर मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया. वहीं, आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने जाम खोल दिया. जिसके बाद सड़क मार्ग पर आवाजाही दोबारा शुरू हो गई.
इस मामले में एडीएम श्रीपाल सिंह का कहना है कि जल्द ही गांवों के संपर्क मार्गों को खोल दिया जाएगा. इसके अलावा क्षतिग्रस्त पैदल मार्गों को भी दुरुस्त किया जा रहा है. साथ ही सेब की फसल के समर्थन मूल्य की मांग का प्रस्ताव शासन स्तर पर भेज दिया गया है.

पुरोला: आराकोट क्षेत्र में आई आपदा के बाद से काश्तकारों की सेब की फसल बागानों में सड़ने लगी है. क्योंकि आपदा के बाद से कई गांवों के संपर्क मार्ग बंद है. जिसके चलते काश्तकारों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. ऐसे में गुस्साए ग्रामीणों ने आराकोट पुल के पास हिमाचल-उत्तराखंड मार्ग जाम कर दिया.

गुस्साए ग्रामीणों ने जाम किया हिमाचल-उत्तराखंड मार्ग.

बता दें कि आराकोट में आई आपदा के बाद से कई गांवों की सड़क नहीं खुल पाई है. ऐसे में ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. बुधवार को गुस्साए ग्रामीणों ने आराकोट पुल के पास हिमाचल-उत्तराखंड मार्ग जाम कर दिया.
ग्रामीणों की मांग है कि गांवों को जोड़ने वाली सड़कों को शीघ्र खोला जाए. साथ ही सरकार सेब का समर्थन मूल्य घोषित करे. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन सरकार तक गलत सूचनाएं पहुंचा रहा है. जबकि, अभीतक कई गांवों के संपर्क मार्ग बंद पड़े हुए हैं.

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सूचना पाकर मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया. वहीं, आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने जाम खोल दिया. जिसके बाद सड़क मार्ग पर आवाजाही दोबारा शुरू हो गई.
इस मामले में एडीएम श्रीपाल सिंह का कहना है कि जल्द ही गांवों के संपर्क मार्गों को खोल दिया जाएगा. इसके अलावा क्षतिग्रस्त पैदल मार्गों को भी दुरुस्त किया जा रहा है. साथ ही सेब की फसल के समर्थन मूल्य की मांग का प्रस्ताव शासन स्तर पर भेज दिया गया है.

Intro:स्थान- पुरोला
एंकर- आपदा प्रभावित छेत्रों में सडक मार्ग के बन्द होनें से कास्तकारों के करोडों रुपये के सेब बगिचों में ही सडनें लगे हैं ।गुस्साये ग्रामिणों नें आराकोट पुल के पास हिमांचल - उत्तराखंड मार्ग पुरी जाम कर दिया और शासन प्रशासन से सडक खोलनें व सेब का समर्थन मुल्य घोषित करनें की मांग की ।हालंकी प्रशासन के समझानें के बाद ग्रामिणों नें जाम खोल दिया ।Body:विओ- आराकोट छेत्र में आये जल प्रल्य के बाद छेत्र की सारी सडकें छतिग्रस्त हो गई जिससे हजारों टन सेब की फसल बागोनों में ही सड रही है।गुसाये ग्रामिणों नें मंगलवार को हिमांचल - उत्तराखंड मार्ग पुरी तरह जाम कर दिया और सरकार से अपनें सेबों का समर्थन मुल्य की मांग करते हुये जल्द सडक व पैदल रास्तों को दुरस्त करनें की मांग की ग्रामिणों का आरोप है की प्रशासन नें सरकार को गलत रिपोर्टिंग कर सभी मार्ग खोल दिये जाने की बात कही है
बाईट- ग्रामिण
Conclusion:विओ- हालंकी मैके पर प्रशासन के आला अधिकारियों को प्रभावितों नें खुब लताडा तब जाकर प्रशासन के अधिकारियों नें जल्द मार्ग खोलनें व पैदल रास्तों को दुरस्त करनें व सेब के सम्रथन मुल्य के लिये शासन को प्रस्ताव भेजनें की बात मानी
बाईट-( सिडीओ उत्तरकाशी)
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