उत्तरकाशीः मोरी ब्लॉक के आराकोट बंगाण क्षेत्र में मौसम कहर बनकर बरपा है. पहले सूखे की मार अब ओलावृष्टि ने सेब की फसल को तबाह कर दिया है. जिससे बागवान काफी निराश हैं. अब बागवानों ने सरकार से मुआवजे की गुहार लगाई है.
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को आराकोट बंगाण के किराणू, दूचाणू, माकुड़ी, कलीच, थुनारा, गोकुल आदि गांवो में आंधी तूफान के साथ जमकर ओले गिरे. जिससे सेब, नाशपाति, खुबानी, पुलम समेत अन्य फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. जिससे बागवानों में मायूसी छाई हुई है.
किराणू निवासी विपेंद्र चौहान और गोकुल के पंकज ने बताया कि इस बार बारिश न होने की वजह सेब की फसल प्रभावित हुई है. काफी लंबे अंतराल के बाद इनदिनों बारिश हो रही है, लेकिन बारिश के साथ ओले भी गिर रहे हैं. यहां के लोगों का एक मात्र आजीविका का जरिया सेब उत्पादन है. ऐसे में उन्हें आर्थिकी की चिंता सताने लगी है.
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बता दें कि उत्तरकाशी जिले में सालाना 20 हजार मीट्रिक टन सेब का उत्पादन होता है. जिसमें से सबसे ज्यादा उत्पादन आराकोट बंगाण और मोरी क्षेत्र में होता है. इसके बाद हर्षिल घाटी समेत पुरोला और नौगांव में होता है. उत्तरकाशी के सेब अपनी मिठास और साइज के लिए मंडियों में अलग पहचान रखते हैं.
आराकोट बंगाण घाटी फल पट्टी के रूप में विकसित है. यहां रॉयल डिलीसियस, रेड चीफ, स्पर, रेड गोल्डन, गोल्डन, हाईडेंसिटी के रूट स्टॉक आदि वैरायटी के सेब की पैदावार होती है. इसके अलावा नाशपाती, आड़ू, पूलम, खुबानी की खेती भी होती है.
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