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उत्तरकाशी: काला दिवस के रूप में मनाई गई आराकोट आपदा की बरसी - anniversary of arakot

मोरी ब्लॉक के आराकोट क्षेत्र में जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आराकोट आपदा की बरसी को काला दिवस के रूप में मनाया. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाया.

anniversary of arakot disaster
आराकोट आपदा की वर्षी
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Published : Aug 19, 2020, 9:47 AM IST

पुरोला: मोरी ब्लॉक के आराकोट क्षेत्र में गत वर्ष आई आपदा में शासन-प्रशासन पर अनदेखी करने के आरोप में ग्रामीणों ने आपदा की बरसी को काला दिवस के रूप में मनाया. इस दौरान ग्रामीणों ने लोनिवि, सिंचाई, जल संस्थान, ऊर्जा निगम आदि विभागों से क्षेत्र में आपदा के नाम पर खर्च की गई धनराशि का विवरण उपलब्ध कराने का प्रस्ताव पारित किया. प्रदेश सरकार से काश्तकारों का केसीसी ऋण माफ करने और आपदा पीड़ितों को सरकारी पट्टे देने की मांग की गई. उन्होंने मांगें पूरी न होने पर विभागों में तालाबंदी करने और सड़कों पर उतरकर चक्का जाम करने की चेतावनी दी है.

चिंवा के पूर्व प्रधान उपेंद्र सिंह चौहान की अध्यक्षता में टिकोची में आयोजित बैठक में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार पर क्षेत्र की उपेक्षा करने का आरोप लगाया. उन्होंने आपदा की बरसी पर काली पट्टी बांधकर काला दिवस मनाया और दो मिनट का मौन रखकर शोक व्यक्त किया. इस दौरान ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार पर आपदा क्षेत्र में कोई भी कार्य नहीं करने का आरोप लगाया.

पढ़ें-जानिए देश और प्रदेश में आज क्या कुछ रहेगा खास

ग्रामीणों का कहना है कि आपदा पीड़ितों को राहत राशि के नाम पर केवल एक हजार से लेकर सात हजार के चेक देकर इतिश्री कर दी गयी. बंगाण संघर्ष समिति के बैनर तले उन्होंने मुख्यमंत्री से क्षेत्र के काश्तकारों का केसीसी ऋण माफ करने की भी मांग की. वहीं, दस दिन के अंदर लोनिवि, सिंचाई, जल संस्थान, जल निगम, ऊर्जा निगम आदि विभागों से आपदा के नाम पर खर्च की गई धनराशि का विवरण उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भी पारित किया गया.

पुरोला: मोरी ब्लॉक के आराकोट क्षेत्र में गत वर्ष आई आपदा में शासन-प्रशासन पर अनदेखी करने के आरोप में ग्रामीणों ने आपदा की बरसी को काला दिवस के रूप में मनाया. इस दौरान ग्रामीणों ने लोनिवि, सिंचाई, जल संस्थान, ऊर्जा निगम आदि विभागों से क्षेत्र में आपदा के नाम पर खर्च की गई धनराशि का विवरण उपलब्ध कराने का प्रस्ताव पारित किया. प्रदेश सरकार से काश्तकारों का केसीसी ऋण माफ करने और आपदा पीड़ितों को सरकारी पट्टे देने की मांग की गई. उन्होंने मांगें पूरी न होने पर विभागों में तालाबंदी करने और सड़कों पर उतरकर चक्का जाम करने की चेतावनी दी है.

चिंवा के पूर्व प्रधान उपेंद्र सिंह चौहान की अध्यक्षता में टिकोची में आयोजित बैठक में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार पर क्षेत्र की उपेक्षा करने का आरोप लगाया. उन्होंने आपदा की बरसी पर काली पट्टी बांधकर काला दिवस मनाया और दो मिनट का मौन रखकर शोक व्यक्त किया. इस दौरान ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार पर आपदा क्षेत्र में कोई भी कार्य नहीं करने का आरोप लगाया.

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ग्रामीणों का कहना है कि आपदा पीड़ितों को राहत राशि के नाम पर केवल एक हजार से लेकर सात हजार के चेक देकर इतिश्री कर दी गयी. बंगाण संघर्ष समिति के बैनर तले उन्होंने मुख्यमंत्री से क्षेत्र के काश्तकारों का केसीसी ऋण माफ करने की भी मांग की. वहीं, दस दिन के अंदर लोनिवि, सिंचाई, जल संस्थान, जल निगम, ऊर्जा निगम आदि विभागों से आपदा के नाम पर खर्च की गई धनराशि का विवरण उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भी पारित किया गया.

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