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उत्तरकाशी: नौ दिनों से अंधेरे में हैं आठ गांव, ग्रामीणों ने लगाया अनदेखी का आरोप

जिले में हुई बर्फबारी के बाद अस्सी गंगा घाटी के करीब आठ गांवों में नौ दिनों से बिजली नहीं है. वहीं, जिला प्रशासन महज मार्गों को खोल अपनी औपचारिकता पूरी कर रहा है.

snowfall
अस्सी गंगा घाटी.
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Published : Jan 15, 2020, 6:51 PM IST

Updated : Jan 15, 2020, 7:26 PM IST

उत्तरकाशी: जिले में हुई बर्फबारी के बाद अस्सी गंगा घाटी के करीब आठ गांवों में नौ दिनों से बिजली नहीं है. वहीं, जिला प्रशासन महज सड़क मार्गों को खोलकर अपनी औपचारिकताएं पूरी करने में लगा है. ऐसे में ग्रामीणों ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि अभीतक कोई भी उनकी सुध लेने नहीं आया.

नौ दिनों से अंधेरे में हैं आठ गांव.

बता दें कि जिले में हुई बर्फबारी के बाद अभी भी कई क्षेत्र प्रभावित है. इस सीजन में यहां तीन बार बर्फबारी हो चुकी है. तीसरी बर्फबारी के बाद जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों के साथ आधा उत्तरकाशी बर्फ में है. जिसने सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को भी पूरी तरह ध्वस्त कर दिया था. जनपद के कई इलाके ऐसे हैं, जिनमें अभी भी बिजली और पानी के लिए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: कुमाऊं में घुघुतिया त्योहार की धूम, पर्व की ये है रोचक कथा

अस्सी गंगा घाटी के अगोड़ा गांव निवासी संजय पंवार का कहना है कि नौ दिनों से क्षेत्र में बिजली नहीं है. इस दौरान न ही कोई कर्मचारी और न अधिकारी उनकी सुध लेने पहुंचा है. ग्रामीणों को सबसे ज्यादा परेशानी रात में होती है क्योंकि, बर्फबारी के कारण जंगली जानवर निचले इलाकों में आ जाते हैं. जिस कारण रात में जंगली जानवरों के हमले का खतरा बना रहता है.

उत्तरकाशी: जिले में हुई बर्फबारी के बाद अस्सी गंगा घाटी के करीब आठ गांवों में नौ दिनों से बिजली नहीं है. वहीं, जिला प्रशासन महज सड़क मार्गों को खोलकर अपनी औपचारिकताएं पूरी करने में लगा है. ऐसे में ग्रामीणों ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि अभीतक कोई भी उनकी सुध लेने नहीं आया.

नौ दिनों से अंधेरे में हैं आठ गांव.

बता दें कि जिले में हुई बर्फबारी के बाद अभी भी कई क्षेत्र प्रभावित है. इस सीजन में यहां तीन बार बर्फबारी हो चुकी है. तीसरी बर्फबारी के बाद जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों के साथ आधा उत्तरकाशी बर्फ में है. जिसने सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को भी पूरी तरह ध्वस्त कर दिया था. जनपद के कई इलाके ऐसे हैं, जिनमें अभी भी बिजली और पानी के लिए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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अस्सी गंगा घाटी के अगोड़ा गांव निवासी संजय पंवार का कहना है कि नौ दिनों से क्षेत्र में बिजली नहीं है. इस दौरान न ही कोई कर्मचारी और न अधिकारी उनकी सुध लेने पहुंचा है. ग्रामीणों को सबसे ज्यादा परेशानी रात में होती है क्योंकि, बर्फबारी के कारण जंगली जानवर निचले इलाकों में आ जाते हैं. जिस कारण रात में जंगली जानवरों के हमले का खतरा बना रहता है.

Intro:उत्तरकाशी। बीते दिनों उत्तरकाशी जनपद में हुई बर्फबारी के बाद अभी भी कई क्षेत्र ऐसे हैं। जो कि हिमयुग से बाहर नहीं निकल पाए हैं। दुरस्थ क्षेत्रों में तो उम्मीद करना अभी बेईमानी होगी। जनपद मुख्यालय से महज 10 से 12 किमी की दूरी पर स्थित अस्सी गंगा घाटी के करीब 8 गांव विगत 9 दिनों से अंधेरे में हैं। जिला प्रशासन महज मार्गों को खोल अपनी औपचारिकत पूरी कर रहा है। लेकिन मूलभूत सुविधाएं अभी भी ध्वस्त हैं।Body:वीओ-1, उत्तरकाशी जनपद की बात करें,तो यहां पर इस सीजन की तीन बार की बर्फबारी हो चुकी है। तीसरी बर्फबारी के बाद जनपद के ऊंचाई वाले क्षेत्रों के साथ आधा उत्तरकाशी जनपद हिमयुग मे लौट आया था। जिसने सड़क-बिजली- पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को भी पूरी तरह ध्वस्त कर दिया था। जनपद के कई इलाके ऐसे हैं। जिनमे अभी भी बिजली पानी की सुविधाओ के लिए ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। Conclusion:वीओ-2, अस्सी गंगा घाटी के अगोड़ा गांव निवासी संजय पंवार का कहना है कि गत 9 दिनों से क्षेत्र में बिजली नहीं है और न ही कोई कर्मचारी और अधिकारी अभी तक इस परेशानी को देखने आया है। कहा कि सबसे ज्यादा परेशानी रात में है। क्योंकि बर्फबारी के कारण आजकल जंगली जानवर और भालू निचले इलाकों में आ जाते हैं। जिस कारण रात में जंगली जानवरों के हमले का खतरा बना रहता है।
Last Updated : Jan 15, 2020, 7:26 PM IST
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