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गंगा का मायके में हो रहा बड़ा अपमान, सफाई की जगह बना दिया 'कूड़ा नदी'

नगर पालिका बाड़ाहाट का कूड़ा गंगा नदी में जा रहा है जिसके कारण भागीरथी दूषित हो कही है. अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

सफाई
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Published : Jul 28, 2019, 7:47 PM IST

उत्तरकाशीः पुराणों में कहा गया है कि गंगा हर प्रकार के पाप धुल जाते हैं. वहीं कलयुग में गंगा अपने मायके से शहर की गंदगियों को अपने में समेट निरन्तर बह रही है. यही हाल है उत्तरकाशी का जहां वर्षों पुराने कूड़े का निस्तारण नहीं हो पाया तो अब वह तेखला गदेरे से सीधा भागीरथी नदी में जा रहा है. जिससे जीवनदायिनी कही जाने वाली गंगा नदी दूषित हो रही है.

नगर पालिका के कूड़े से गंगा हो रही दूषित.

वहीं अब कूड़े का निस्तारण गंगा का तेज बहाव से किया जा रहा है, लेकिन उसके बाद भी गंगा की स्वच्छ्ता के नाम पर लाखों करोड़ों की योजना बनने के बाद भी इस एक छोटी समस्या का निस्तारण नहीं हो पा रहा है. नगर पालिका बाड़ाहाट का कहना है कि जितना हम से हो सकता था, निस्तारण किया. वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन भी मूकदर्शक बनकर गंगा की स्वच्छ्ता के साथ लगातार खिलवाड़ कर रहा है.

तेखला में वर्षों से नगर पालिका बाड़ाहाट का कूड़ा डम्प होता था. विगत पांच वर्षों से स्थानीय निवासियों के विरोध के बाद तेखला में कूड़ा डंपिंग जोन बन्द हो गया. कूड़ा डंपिंग तो बन्द हो गया, लेकिन उस कूड़े के बारे में किसी ने नहीं सोचा जो कि कई वर्षों से कई टन के हिसाब से तेखला गदेरे में जमा था.

यह भी पढ़ेंः कांवड़ियों से भरी गाड़ी पर गिरा बोल्डर, 4 की मौके पर ही मौत

नगर पालिका बाड़ाहाट के कूड़े को उसके हाल पर छोड़ दिया. जिस कारण अब बरसात में कूड़े का निस्तारण सीधा अब गंगा नदी के तेज प्रवाह में हो रहा है. क्योंकि बरसात में तेखला गदेरा भी उफान पर रहता है और गदेरे में डम्प कूड़ा बहकर सीधा नदी में जा रहा है जो कि गंगा की धार्मिक छवि और स्वच्छ्ता पर सीधा सवाल खड़ा करता है.

गंगोत्री हाइवे से कुछ दूरी पर तेखला गदेरे से कूड़े के बड़े-बड़े ढेर सीधा गंगा में जा रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों को गंगा में जा रही गंदगी नहीं दिख रही है, जो कि इसी गंगा की स्वच्छता के नाम पर कई प्रकार की नीतियां और योजनाएं तैयार करते हैं.

वहीं दूसरी ओर नगर पालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल का कहना है कि तेखला में पड़े पुराने कूड़े के निस्तारण के लिए कूड़ा छांटकर निस्तारण के लिए भेजा गया है. उसके बाद भी वहां पर कूड़ा एकत्रित है तो उसे जल्द ही हटवाया जाएगा.

उत्तरकाशीः पुराणों में कहा गया है कि गंगा हर प्रकार के पाप धुल जाते हैं. वहीं कलयुग में गंगा अपने मायके से शहर की गंदगियों को अपने में समेट निरन्तर बह रही है. यही हाल है उत्तरकाशी का जहां वर्षों पुराने कूड़े का निस्तारण नहीं हो पाया तो अब वह तेखला गदेरे से सीधा भागीरथी नदी में जा रहा है. जिससे जीवनदायिनी कही जाने वाली गंगा नदी दूषित हो रही है.

नगर पालिका के कूड़े से गंगा हो रही दूषित.

वहीं अब कूड़े का निस्तारण गंगा का तेज बहाव से किया जा रहा है, लेकिन उसके बाद भी गंगा की स्वच्छ्ता के नाम पर लाखों करोड़ों की योजना बनने के बाद भी इस एक छोटी समस्या का निस्तारण नहीं हो पा रहा है. नगर पालिका बाड़ाहाट का कहना है कि जितना हम से हो सकता था, निस्तारण किया. वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन भी मूकदर्शक बनकर गंगा की स्वच्छ्ता के साथ लगातार खिलवाड़ कर रहा है.

तेखला में वर्षों से नगर पालिका बाड़ाहाट का कूड़ा डम्प होता था. विगत पांच वर्षों से स्थानीय निवासियों के विरोध के बाद तेखला में कूड़ा डंपिंग जोन बन्द हो गया. कूड़ा डंपिंग तो बन्द हो गया, लेकिन उस कूड़े के बारे में किसी ने नहीं सोचा जो कि कई वर्षों से कई टन के हिसाब से तेखला गदेरे में जमा था.

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नगर पालिका बाड़ाहाट के कूड़े को उसके हाल पर छोड़ दिया. जिस कारण अब बरसात में कूड़े का निस्तारण सीधा अब गंगा नदी के तेज प्रवाह में हो रहा है. क्योंकि बरसात में तेखला गदेरा भी उफान पर रहता है और गदेरे में डम्प कूड़ा बहकर सीधा नदी में जा रहा है जो कि गंगा की धार्मिक छवि और स्वच्छ्ता पर सीधा सवाल खड़ा करता है.

गंगोत्री हाइवे से कुछ दूरी पर तेखला गदेरे से कूड़े के बड़े-बड़े ढेर सीधा गंगा में जा रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों को गंगा में जा रही गंदगी नहीं दिख रही है, जो कि इसी गंगा की स्वच्छता के नाम पर कई प्रकार की नीतियां और योजनाएं तैयार करते हैं.

वहीं दूसरी ओर नगर पालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल का कहना है कि तेखला में पड़े पुराने कूड़े के निस्तारण के लिए कूड़ा छांटकर निस्तारण के लिए भेजा गया है. उसके बाद भी वहां पर कूड़ा एकत्रित है तो उसे जल्द ही हटवाया जाएगा.

Intro:तेखला गड्ढेरे में पूर्व में नगरपालिका बाड़ाहाट का कूड़ा डाला जाता था। जिसका समय पर निस्तारण न होने के कारण अब यह कूड़ा बरसात में बहकर सीधा गंगा में जा रहा है। गंगा की स्वच्छ्ता के दावों की कहानी अपनी हकीकत बयां कर रही है। उत्तरकाशी। पुराणों में कहा गया है कि गंगा हर प्रकार के पाप को धुलती है। तो कलयुग में गंगा अपने मायके से शहर की गंदगियों को अपने ऊपर ढो कर निरन्तर बह रही है। यही हाल है उत्तरकाशी नगर का,जहाँ पर नगर के कई वर्षों के पुराने कूड़े का निस्तारण नहीं हो पाया। तो अब वह तेखला गड्ढेरे से सीधा भागीरथी नदी में जा रहा है। तो वहीं अब कूड़े का निस्तारण गंगा जी का तेज बहाव कर रही है। लेकिन उसके बाद भी गंगा की स्वच्छ्ता के नाम पर लाखों करोड़ों की योजना बनने के बाद भी इस एक छोटी समस्या का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। नगरपालिका बाड़ाहाट का कहना है कि जितना हम से हो सकता था। निस्तारण किया। तो वहीं दूसरी और जिला प्रशासन भी मूकदर्शक बनकर गंगा की स्वच्छ्ता के साथ लगातार खिलवाड़ कर रहा है।



Body:वीओ-1, तेखला में वर्षों से नगरपालिका बाड़ाहाट का कूड़ा डम्प होता था। विगत पांच वर्षों से स्थानीय निवासियों के विरोध के बाद तेखला में कूड़ा डंपिंग जोन बन्द हो गया। कूड़ा के डंपिंग तो बन्द हो गई। लेकिन उस कूड़े के बारे में किसी ने नहीं सोचा। जो कि कई वर्षों से कई टन के हिसाब से तेखला गड्ढेरे में जमा हुआ था। नगरपालिका बाड़ाहाट के कूड़े को उसकी के हाल पर छोड़ दिया। जिस कारण अब बरसात में कूड़े का निस्तारण सीधा अब गंगा नदी के तेज प्रवाह में हो रहा है। क्योंकि बरसात में तेखला गड्ढेरा भी उफान पर रहता है और गड्ढेरे में डम्प कूड़ा बह कर सीधा नदी में जा रहा है। जो कि गंगा की धार्मिक छवि और स्वच्छ्ता पर सीधा सवाल खड़ा करती है।


Conclusion:वीओ-2, गंगोत्री हाइवे से कुछ दूरी पर तेखला गड्ढेरे से कूड़े के बड़े बड़े ढेर सीधा गंगा में जा रहे हैं। लेकिन उसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों को गंगा में जा रही गंदगी नहीं दिख रही है। जो कि इसी गंगा की स्वच्छता के नाम पर कई प्रकार की नीतियां और योजनाए तैयार करते हैं। वहीं दूसरी और नगरपालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल का कहना है कि तेखला में पड़े पुराने कूड़े के निस्तारण के लिए कूड़ा छांट कर निस्तारण के लिए भेजा गया है। उसके बाद भी वहाँ पर कूड़ा एकत्रित है। तो उसे जल्द ही हटवाया जाएगा। बाईट- रमेश सेमवाल, नगरपालिका अध्यक्ष बाड़ाहाट।
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