उत्तरकाशी: हर्षिल-छितकुल के लखमा पास पर बर्फबारी के दौरान लापता 11 ट्रैकर्स में से 7 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है. आज पांच शवों को हर्षिल लाया गया. हर्षिल की बिहार रेजीमेंट सेना सहित एसडीआरएफ लगातार वायु सेना के हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू अभियान चला रही है. पांचों लोगों की पहचान हो चुकी है. पुलिस ने पांचों शवों का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है.
इससे पहले, आज सुबह एक गाइड देवेंद्र को जिंदा रेस्क्यू किया गया और वायु सेना के हेलीकॉप्टर से उन्हे हर्षिल पहुंचाया गया. देवेंद्र पुरोला उत्तरकाशी के ही रहने वाले हैं. वहीं, बीते दिन रेस्क्यू किए गए पश्चिम बंगाल निवासी 31 वर्षीय ट्रैकर मिथुन दारी का जिला अस्पताल में अभी इलाज चल रहा है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि अन्य शवों को भी लाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके साथ ही लापता लोगों की तलाश भी जारी है.
हर्षिल-लखमापास-छितकुल ट्रैक पर मिले शवों की पहचान:-
- अनिता रावत, पुत्री ज्योति सिंह, उम्र 38 वर्ष, निवासी हरी नगर, साउथ वेस्ट, दिल्ली.
- तन्मय तिवारी, उम्र 30 वर्ष, निवासी कृष्णनगर कोलकाता.
- सौरव घोष, उम्र 34 वर्ष निवासी कोलकाता.
- सवियान दास उम्र 28 वर्ष निवासी कोलकाता.
- विकास मैकल पुत्र स्वपन मैकल, उम्र 33, राघवपुर, नेपालगंज.
ये अभी लापता हैं:-
- उपेंद्र सिंह, उम्र 32 वर्ष, निवासी पुरोला उत्तरकाशी.
- ज्ञानचंद, उम्र 33 वर्ष, निवासी पुरोला उत्तरकाशी.
- रिचर्ड मंडल, उम्र 30 वर्ष निवासी कोलकाता.
- सुकेन मांझी, उम्र 43 वर्ष, निवासी कोलकाता.
घायलों के नाम:-
- मिथुन दारी, उम्र 31 वर्ष, निवासी कोलकाता.
- देवेन्द्र, उम्र 37 वर्ष, निवासी पुरोला, उत्तरकाशी.
पढ़ें: उत्तराखंड आपदा: सिंचाई विभाग को 29 करोड़ का नुकसान, 247 नहरें और 57 बाढ़ सुरक्षा कार्य प्रभावित
गौर हो कि बीते 14 अक्टूबर को दिल्ली और कोलकाता के 8 ट्रैकर्स के साथ 17 सदस्यीय दल हर्षिल-छितकुल के लखमा पास के लिए रवाना हुआ था. दल के लखमा पास पार करने के बाद टीम के 6 पोर्टर बीती मंगलवार को हिमाचल प्रदेश की ओर ITBP कैम्प पहुंच गए थे लेकिन 8 ट्रैकर्स सहित अन्य 3 लोग भारी बर्फबारी के चलते लापता हो गए थे. स्थानीय ट्रैकिंग एजेंसी ने घटना की सूचना बुधवार (20 अक्टूबर) को जिला आपदा प्रबंधन विभाग की दी थी. सूचना के आधार पर एक हेलीकॉप्टर सहित SDRF की टीम ट्रैकर्स के खोज-बचाव के लिए मौके के लिए रवाना हुई थी.
इस टीम में कोलकाता के 7, दिल्ली का एक पर्यटक और उत्तरकाशी के तीन रसोइए थे. 19 अक्टूबर को ये टीम वहां पहुंचने वाली थी. हालांकि, जब यह मंगलवार (19 अक्टूबर) को छितकुल नहीं पहुंची, तो चिंतित ट्रैक आयोजकों ने उत्तरकाशी जिला आपदा प्रबंधन को सूचित किया.