उत्तरकाशीः विगत वर्ष 2020 में कोरोनाकाल ने चारधाम और पर्यटन की कमर तोड़ दी थी. वहीं इस वर्ष कोरोनाकाल के बाद चारधाम यात्रा के लिए अच्छे संकेत मिल रहे हैं. मई माह में शुरू होने वाली चारधाम यात्रा के गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के लिए मार्च माह में ही गंगोत्री, यमुनोत्री धाम रूट के होटलों में करीब 50 प्रतिशत बुकिंग हो चुकी है. वहीं लगातार चारधाम यात्रा और ट्रैकिंग आदि के लिए होटलों में जानकारियां ली जा रही हैं. होटल व्यवसायियों का कहना है कि चमोली आपदा के बाद से चारधाम यात्री और पर्यटक घबरा गए हैं. लेकिन उसके बाद अब स्थिति दोबारा सामान्य है और लगातार यात्रियों की ओर से बुकिंग के लिए संपर्क किया जा रहा है.
इस वर्ष 15 मई को चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है. जिसको लेकर चारधाम से जुड़े व्यवसायियों और होटल व्यवसायियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. इन तैयारियों के पीछे अच्छे संकेत देखने को मिल रहे हैं. क्योंकि मार्च माह में उत्तरकाशी जनपद में 15 मई से 25 जून तक की चारधाम यात्रा की 50 प्रतिशत बुकिंग फुल हो गई है. होटल व्यवसायियों की माने तो यात्राकाल में सबसे पीक सीजन इसी समय को माना जाता है. वहीं जिस प्रकार देश और विदेशों से होटल बुकिंग के लिए जानकारियां ली जा रही हैं, उसे देख कर यही लगता है कि कोरोना काल में हुए नुकसान की भरपाई इस वर्ष पूरा हो जाएगी.
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वहीं, यदि वर्ष 2019 की बात करें तो गंगोत्री धाम में 5,27,923 लोग और यमुनोत्री धाम में 4,65,769 लोग गंगा और यमुना जी के दर्शन के लिए पहुंचे थे. उसके बाद वर्ष 2020 में कोरोनाकाल के चलते चारधाम यात्रा कपाट खुलने के बाद भी करीब 4 माह बंद रही थी. उसके बाद अनलॉक में गंगोत्री धाम में कुल 23,868 और यमुनोत्री धाम में 7,850 यात्री पहुंचे, जिससे चारधाम से जुड़े व्यवसाय पर बहुत बुरा असर पड़ा था.
वहीं, जिला होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा और होटल व्यवसायी मनोज रावत का कहना है कि बुकिंग के अनुसार इस बार चारधाम यात्रा के शुभ संकेत देखने को मिल रहे हैं. इसलिए सरकार को चारधाम यात्रा की मुलभूत सुविधाओं को समय रहते दुरुस्त करना चाहिए.