उत्तरकाशी: नाबालिग से दुष्कर्म मामले में दोष सिद्ध होने पर विशेष सत्र न्यायाधीश ने एक युवक को 10 साल की सजा और 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने जुर्माने से 20 हजार सहायता राशि पीड़िता को देने के आदेश दिए हैं.
बता दें, युवक हिमाचल प्रदेश के तनाडू चिड़गांव का रहने वाला है. दो साल पहले मोरी तहसील के एक गांव में उसने किशोरी को बहला-फुसला कर दुष्कर्म किया. जिसके बाद उसने किशोरी को शादी का झांसा देकर एक साल तक उसका यौन शोषण किया.
नवंबर 2018 में जब किशोरी गर्भवती हो गई तो उसके युवक के सामने शादी का प्रस्ताव रखा, जिस पर युवक किशोरी को अपने साथ हिमाचल ले गया. वहां, पहुंचते ही युवक ने शादीशुदा होने की बात कहकर शादी से इनकार कर दिया. तब पीड़िता ने अपने परिजनों को इसकी जानकारी दी. परिजनों ने राजस्व पुलिस में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई. राजस्व पुलिस ने मामले में युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया. विवेचना के बाद इसमें 5/6 पॉक्सो एक्ट की धारा भी शामिल की गई.
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जिसके बाद दुष्कर्म का यह मामला जिला अदालत पहुंचा. बीते मंगलवार को विशेष सत्र न्यायाधीश कौशल किशोर शुक्ला ने युवक को 10 साल कठोर कारावास व 25 हजार जुर्माना लगाया है.