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जयपुर में ब्लॉक प्रिंटिंग की बारीकियां सिखेंगे ग्रामीण, स्वरोजगार को देंगे नया आयाम - Uttarkashi District Magistrate

उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने डुंडा गांव के 10 ग्रामीणों को ब्लॉक प्रिंटिंग सीखने के लिए जयपुर भेजा गया है.

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Published : Dec 29, 2019, 4:41 PM IST

उत्तरकाशी: हस्तकला के क्षेत्र में नए आयामों के उपार्जन के लिए जिला प्रशासन की ओर से एक सार्थक प्रयास किया जा रहा है. इस प्रयास के तहत डुंडा गांव के 10 ग्रामीणों को ब्लॉक प्रिंटिंग के लिए राजस्थान के जयपुर जिले के बारू नामक स्थान में ब्लॉक प्रिंटिंग के माध्यम से कलर प्रोसेसिंग की बारीकियों को सीखेंगे. जिससे कि वह अपनी हस्तकला में इसका प्रयोग कर सकें. साथ ही प्रशासन की ओर से आगामी चारधाम यात्रा में इन कलाकृतियों को बेचा जाएगा.

ग्रामीण तीन दिन तक जयपुर में लेंगे प्रशिक्षण.

जिला प्रशासन और उद्योग विभाग की और डुंडा गांव के 10 ग्रामीणों को जयपुर में ब्लॉक प्रिंटिंग के प्रशिक्षण के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. यह ग्रामीण 3 दिन तक बारू नामक स्थान में राजस्थान की मशहूर ब्लॉक प्रिंटिंग की बारीकियों को सीखेंगे. जिसे आगामी चारधाम यात्रा में प्रयोग किया जाएगा. ग्रामीणों द्वारा तैयार की गई ब्लॉक प्रिंटिंग की कलाकृतियों को चारधाम यात्रा के दौरान धामों और अन्य स्थानों में बेचा जाएगा.

पढ़ें- चंदा जुटाकर लोग कर रहे अलाव की व्यवस्था, निगम की उदासीनता से नाराज लोग

डीएम डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि डुंडा गांव में हस्तकला का एक अच्छा प्लेटफार्म है. इसलिए यहां की कलाकृतियों पर जब ब्लॉक प्रिंटिंग से रंग भरे जाएंगे. तो इनको एक बाजार देने की कोशिश की जाएगी. जिससे कि एक स्वरोजगार का नया आयाम मिल सके. साथ ही उद्योग विभाग के महाप्रबंधक उत्तम सिंह तिवारी ने कहा कि तीन दिन तक ग्रामीण राजस्थान में प्रशिक्षण के बाद उसके बाद अन्य ग्रामीणों को प्रशिक्षण देंगे.

क्या है ब्लॉक प्रिंटिंग ?

ब्लॉक प्रिंटिंग कपड़ों तथा कागज पर चित्र और पैटर्न छापने की एक तकनीक है. यह प्राचीन काल में चीन में शुरू हुई थी. अब पूर्वी एशिया में बहुत प्रचलित है.

उत्तरकाशी: हस्तकला के क्षेत्र में नए आयामों के उपार्जन के लिए जिला प्रशासन की ओर से एक सार्थक प्रयास किया जा रहा है. इस प्रयास के तहत डुंडा गांव के 10 ग्रामीणों को ब्लॉक प्रिंटिंग के लिए राजस्थान के जयपुर जिले के बारू नामक स्थान में ब्लॉक प्रिंटिंग के माध्यम से कलर प्रोसेसिंग की बारीकियों को सीखेंगे. जिससे कि वह अपनी हस्तकला में इसका प्रयोग कर सकें. साथ ही प्रशासन की ओर से आगामी चारधाम यात्रा में इन कलाकृतियों को बेचा जाएगा.

ग्रामीण तीन दिन तक जयपुर में लेंगे प्रशिक्षण.

जिला प्रशासन और उद्योग विभाग की और डुंडा गांव के 10 ग्रामीणों को जयपुर में ब्लॉक प्रिंटिंग के प्रशिक्षण के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. यह ग्रामीण 3 दिन तक बारू नामक स्थान में राजस्थान की मशहूर ब्लॉक प्रिंटिंग की बारीकियों को सीखेंगे. जिसे आगामी चारधाम यात्रा में प्रयोग किया जाएगा. ग्रामीणों द्वारा तैयार की गई ब्लॉक प्रिंटिंग की कलाकृतियों को चारधाम यात्रा के दौरान धामों और अन्य स्थानों में बेचा जाएगा.

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डीएम डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि डुंडा गांव में हस्तकला का एक अच्छा प्लेटफार्म है. इसलिए यहां की कलाकृतियों पर जब ब्लॉक प्रिंटिंग से रंग भरे जाएंगे. तो इनको एक बाजार देने की कोशिश की जाएगी. जिससे कि एक स्वरोजगार का नया आयाम मिल सके. साथ ही उद्योग विभाग के महाप्रबंधक उत्तम सिंह तिवारी ने कहा कि तीन दिन तक ग्रामीण राजस्थान में प्रशिक्षण के बाद उसके बाद अन्य ग्रामीणों को प्रशिक्षण देंगे.

क्या है ब्लॉक प्रिंटिंग ?

ब्लॉक प्रिंटिंग कपड़ों तथा कागज पर चित्र और पैटर्न छापने की एक तकनीक है. यह प्राचीन काल में चीन में शुरू हुई थी. अब पूर्वी एशिया में बहुत प्रचलित है.

Intro:उत्तरकाशी। हस्तकला के क्षेत्र में नए आयामों के उपार्जन के लिए जिला प्रशासन की और से एक नया सार्थक प्रयास किया जा रहा है। इस प्रयास के तहत डुंडा गांव के 10 ग्रामीणों को ब्लॉक प्रिंटिंग के लिए राजस्थान के जयपुर जिले के बारू नामक स्थान में ब्लॉक प्रिंटिंग के माध्यम से कलर प्रोसेसिंग की बारीकियों को सीखेंगे। जिससे कि वह अपनी हस्तकला में इसका प्रयोग कर सकें। साथ ही प्रशासन की और से आगामी चारधाम यात्रा में इन कलाकृतियों को बेचा जाएगा। Body:वीओ-1, जिला प्रशासन और उद्योग विभाग की और डुंडा गांव के 10 ग्रामीणों को जयपुर में ब्लॉक प्रिंटिंग के प्रशिक्षण के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। यह ग्रामीण 3 दिन तक बारू नामक स्थान में राजस्थान की मशहूर ब्लॉक प्रिंटिंग की बारीकियों को सीखेंगे। जिसे आगामी चारधाम यात्रा में प्रयोग किया जाएगा। ग्रामीणों की और से तैयार की गई ब्लॉक प्रिंटिंग की कलाकृतियो को चारधाम यात्रा के दौरान धामों और अन्य स्थानों में बेचा जाएगा। Conclusion:वीओ-2, डीएम डॉ आशीष चौहान ने कहा कि डुंडा गांव में हस्तकला का एक अच्छा प्लेटफार्म है । इसलिए यहां की कलाकृतियों पर जब ब्लॉक प्रिंटिंग से रंग भरे जाएंगे। तो इनको एक बाजार देने की कोशिश की जाएगी। जिससे कि एक स्वरोजगार का नया आयाम मिल सके। साथ ही उद्योग विभाग के महाप्रबंधक उत्तम सिंह तिवारी ने कहा कि तीन दिन तक ग्रामीण राजस्थान में प्रशिक्षण के बाद उसके बाद अन्य ग्रामीणों को प्रशिक्षण देंगे।
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