काशीपुर: भारत सरकार की ओर से महिला सशक्तिकरण योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को हर माह आंगनबाड़ी केंद्रों से सेनेटरी पैड वितरित किए जाते हैं. जिससे ग्रामीण महिलाओं को बीमारियों से बचाया जा सके. लेकिन जसपुर बाल विकास परियोजना द्वारा ग्रामीण महिलाओं से निर्धारित मूल्य से ज्यादा धनराशि लिए जाने का मामला सामने आया है. मामले में जिला मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगाई ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, जिसमें जांच कराकर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, मामला बाल विकास परियोजना जसपुर के उमरपुर गांव का है. जहां ग्रामीण महिलाओं ने आरोप लगाया है कि सरकार की तरफ से हर महीने महिलाओं को महिला सशक्तिकरण योजना के तहत अन्य सामान के साथ-साथ सेनेटरी पैड वितरित किए जाते हैं. सेनेटरी पैड पर सरकारी मूल्य 6 रुपये अंकित है, लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों पर लाभार्थियों से प्रत्येक पैड के 10 रुपये लिए जा रहे हैं. वहीं जब लाभार्थियों द्वारा इसका विरोध किया गया तो आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा कहा गया कि पैड लेना जरूरी है, अगर नहीं लिया तो आपको कुछ और समान भी नहीं मिलेगा.
पढ़ें: HC ने रखी पूर्व आयकर अधिकारी की सजा बरकरार, आय से अधिक संपत्ति का है मामला
लाभार्थियों की ओर से बताया गया कि समान के साथ-साथ 5 सेनेटरी पैड भी लाभार्थी को दिए गए हैं. जिसके एवज में 50 रुपए लिए गए हैं और पूर्व में भी पैसे लिए जाते रहे हैं. उन्होंने कहा कि बाल विकास विभाग का यहां कोई अधिकारी नहीं आता है, इसलिए इनकी शिकायत भी नहीं हो पाती है. उन्होंने कहा कि शिकायत न होने से अधिकारियों को इस बात का पता भी नहीं चल पाता है.