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प्राइवेट अस्पताल में ऑपरेशन के बाद महिला की मौत, हंगामे के बाद हॉस्पिटल सील

काशीपुर के सहारा मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल को महिला की मौत के बाद सील कर दिया गया है. यहां रसौली के ऑपरेशन के दौरान महिला की मौत हो गई थी. महिला की मौत के बाद परिजनों ने सड़क जाम कर दिया था. फिलहाल, मामले की जांच की जा रही है.

Woman dies after operation in private hospital
ऑपरेशन के बाद महिला की मौत
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Published : May 12, 2022, 9:16 PM IST

Updated : May 12, 2022, 9:46 PM IST

काशीपुरः एक निजी अस्पताल में रसौली के ऑपरेशन के दौरान महिला की मौत हो गई है. जिससे आक्रोशित परिजनों ने मृतका के शव को अस्पताल के सामने सड़क पर रखकर जाम लगा दिया. इस दौरान परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल को सील करने की मांग की. साथ ही अस्पताल में इलाज करा रहे अन्य मरीजों को कहीं और शिफ्ट करने को कहा. मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार और सीओ काशीपुर ने मरीजों को सरकारी अस्पताल में शिफ्ट किया. साथ ही अस्पताल को सील कर दिया. तब कहीं जाकर आक्रोशित परिजन शांत हुए.

दरअसल, काशीपुर के मोहल्ला टांडा उज्जैन के रहने वाले कन्हैया की पत्नी मिथलेश के बच्चेदानी में रसौली थी. जिसके चलते रसौली का ऑपरेशन कराने के लिए कन्हैया ने अपनी पत्नी मिथलेश को बीते 2 दिन पूर्व मंगलवार की सुबह घड़ियाल रोड पर स्थित सहारा मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल (Sahara Multi Specialty Hospital Kashipur) में भर्ती करवाया था. मृतका मिथिलेश के देवर सुरेश ने बताया कि बीते रोज दोपहर में 1 बजे बच्चेदानी का ऑपरेशन कराने के बाद उनकी भाभी की तबीयत बिगड़ती चली गई.

महिला की मौत पर हंगामा.

ये भी पढ़ेंः जिला अस्पताल ने ऑपरेशन बताकर गर्भवती को किया रेफर, सुविधा विहीन PHC में हुई नॉर्मल डिलीवरी

परिजनों की ओर से तकलीफ के बारे में बताए जाने पर अस्पताल स्टाफ ने कहा कि ऑपरेशन के बाद थोड़ी बहुत तकलीफ होती है और यह तकलीफ बर्दाश्त करनी होती है. उन्होंने आगे बताया कि शाम को 3 से 4 बजे के आसपास उनकी भाभी ने सांस लेना बंद कर दिया. आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने तुरंत आनन-फानन में उनकी भाभी को एंबुलेंस से अन्यत्र रेफर कर दिया.

उन्होंने बताया कि अस्पताल में अन्य प्रत्यक्षदर्शियों और मरीजों के तीमारदारों ने उन्हें बताया कि उनकी भाभी की मृत्यु पहले ही हो चुकी थी. अस्पताल प्रशासन ने अपने यहां मौत न दर्शाने के चलते उन्हें अन्यत्र अनमोल अस्पताल रेफर किया. मिथिलेश की पहले ही हो चुकी मौत में अपने अस्पताल के प्रयासों को दिखाने के लिए अस्पताल वाले उसे मुरादाबाद के कॉसमॉस हॉस्पिटल भी ले गए. उन्होंने अस्पताल के बिना रजिस्ट्रेशन के काशीपुर में संचालित होने पर स्थानीय स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन पर भी उंगली उठाई.

उन्होंने अस्पताल के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने और यहां अस्पताल में इलाज करा रहे अन्य मरीजों को अन्यत्र स्थानांतरित किए जाने व अस्पताल को सीज करने की मांग की. अपनी इस मांग पर मृतका के आक्रोशित परिजन अड़े रहे और उन्होंने अपनी इसी मांग को लेकर मृतका के शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया. सड़क पर जाम की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस प्रशासन और स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में काशीपुर सीओ वीर सिंह, कोतवाल मनोज रतूड़ी और नायब तहसीलदार भुवन चंद्र मौके पर पहुंचे.

ये भी पढ़ेंः गर्भवती विवाहिता की मौत मामले में तीन गिरफ्तार, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा जेल

इस दौरान नायब तहसीलदार भुवन चंद्र ने बताया कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की टीम की निगरानी में अस्पताल में मौजूद इलाज कराने के लिए आए मरीजों को राजकीय चिकित्सालय में स्थानांतरित कर दिया गया. अस्पताल को पुलिस प्रशासन और डॉक्टरों की टीम की निगरानी में ताला लगाकर सील कर दिया गया. उन्होंने आगे कहा कि अस्पताल की ओर से इलाज में लापरवाही के मामले की स्वास्थ्य विभाग की टीम की ओर से जांच की जाएगी. जांच में आरोप सही पाए जाने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, मामले में सीओ काशीपुर वीर सिंह ने बताया कि महिला की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों की ओर से आंशिक जाम लगाया गया था, जिसको हटा दिया गया. प्रशासन और मेडिकल टीम की ओर से उक्त अस्पताल को बंद करा दिया गया. इस दौरान राजकीय चिकित्सालय से डॉक्टर देवेश चौहान के नेतृत्व में पहुंच ही मेडिकल टीम की ओर से वहां इलाज करा रहे मरीजों के बारे में उनके तीमारदारों से बातचीत की. जिसके बाद सभी मरीजों को राजकीय चिकित्सालय में शिफ्ट कर दिया गया.

काशीपुरः एक निजी अस्पताल में रसौली के ऑपरेशन के दौरान महिला की मौत हो गई है. जिससे आक्रोशित परिजनों ने मृतका के शव को अस्पताल के सामने सड़क पर रखकर जाम लगा दिया. इस दौरान परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल को सील करने की मांग की. साथ ही अस्पताल में इलाज करा रहे अन्य मरीजों को कहीं और शिफ्ट करने को कहा. मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार और सीओ काशीपुर ने मरीजों को सरकारी अस्पताल में शिफ्ट किया. साथ ही अस्पताल को सील कर दिया. तब कहीं जाकर आक्रोशित परिजन शांत हुए.

दरअसल, काशीपुर के मोहल्ला टांडा उज्जैन के रहने वाले कन्हैया की पत्नी मिथलेश के बच्चेदानी में रसौली थी. जिसके चलते रसौली का ऑपरेशन कराने के लिए कन्हैया ने अपनी पत्नी मिथलेश को बीते 2 दिन पूर्व मंगलवार की सुबह घड़ियाल रोड पर स्थित सहारा मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल (Sahara Multi Specialty Hospital Kashipur) में भर्ती करवाया था. मृतका मिथिलेश के देवर सुरेश ने बताया कि बीते रोज दोपहर में 1 बजे बच्चेदानी का ऑपरेशन कराने के बाद उनकी भाभी की तबीयत बिगड़ती चली गई.

महिला की मौत पर हंगामा.

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परिजनों की ओर से तकलीफ के बारे में बताए जाने पर अस्पताल स्टाफ ने कहा कि ऑपरेशन के बाद थोड़ी बहुत तकलीफ होती है और यह तकलीफ बर्दाश्त करनी होती है. उन्होंने आगे बताया कि शाम को 3 से 4 बजे के आसपास उनकी भाभी ने सांस लेना बंद कर दिया. आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने तुरंत आनन-फानन में उनकी भाभी को एंबुलेंस से अन्यत्र रेफर कर दिया.

उन्होंने बताया कि अस्पताल में अन्य प्रत्यक्षदर्शियों और मरीजों के तीमारदारों ने उन्हें बताया कि उनकी भाभी की मृत्यु पहले ही हो चुकी थी. अस्पताल प्रशासन ने अपने यहां मौत न दर्शाने के चलते उन्हें अन्यत्र अनमोल अस्पताल रेफर किया. मिथिलेश की पहले ही हो चुकी मौत में अपने अस्पताल के प्रयासों को दिखाने के लिए अस्पताल वाले उसे मुरादाबाद के कॉसमॉस हॉस्पिटल भी ले गए. उन्होंने अस्पताल के बिना रजिस्ट्रेशन के काशीपुर में संचालित होने पर स्थानीय स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन पर भी उंगली उठाई.

उन्होंने अस्पताल के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने और यहां अस्पताल में इलाज करा रहे अन्य मरीजों को अन्यत्र स्थानांतरित किए जाने व अस्पताल को सीज करने की मांग की. अपनी इस मांग पर मृतका के आक्रोशित परिजन अड़े रहे और उन्होंने अपनी इसी मांग को लेकर मृतका के शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया. सड़क पर जाम की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस प्रशासन और स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में काशीपुर सीओ वीर सिंह, कोतवाल मनोज रतूड़ी और नायब तहसीलदार भुवन चंद्र मौके पर पहुंचे.

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इस दौरान नायब तहसीलदार भुवन चंद्र ने बताया कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की टीम की निगरानी में अस्पताल में मौजूद इलाज कराने के लिए आए मरीजों को राजकीय चिकित्सालय में स्थानांतरित कर दिया गया. अस्पताल को पुलिस प्रशासन और डॉक्टरों की टीम की निगरानी में ताला लगाकर सील कर दिया गया. उन्होंने आगे कहा कि अस्पताल की ओर से इलाज में लापरवाही के मामले की स्वास्थ्य विभाग की टीम की ओर से जांच की जाएगी. जांच में आरोप सही पाए जाने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, मामले में सीओ काशीपुर वीर सिंह ने बताया कि महिला की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों की ओर से आंशिक जाम लगाया गया था, जिसको हटा दिया गया. प्रशासन और मेडिकल टीम की ओर से उक्त अस्पताल को बंद करा दिया गया. इस दौरान राजकीय चिकित्सालय से डॉक्टर देवेश चौहान के नेतृत्व में पहुंच ही मेडिकल टीम की ओर से वहां इलाज करा रहे मरीजों के बारे में उनके तीमारदारों से बातचीत की. जिसके बाद सभी मरीजों को राजकीय चिकित्सालय में शिफ्ट कर दिया गया.

Last Updated : May 12, 2022, 9:46 PM IST
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