रुद्रपुर: जनपद में गेहूं खरीद के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक खरीद एक चौथाई भी पूरी नहीं हो पाई है. इस बार जनपद में 18 लाख क्विंटल गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन अब तक कई सेंटर में गेहूं का एक भी दाने की तौल नहीं हो पाई है. रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते गेहूं की बढ़ी मांग का बड़ा असर सरकारी खरीद पर भी पड़ा है.
सरकारी रेट के मुकाबले बाजार में अधिक रेट मिलने की वजह से किसानों ने सरकारी खरीद केंद्रों का रुख करना बंद कर दिया है. सरकारी खरीद शुरू हुए एक महीने से अधिक का समय हो चुका है लेकिन कुमाऊं के तीन जिलों उधमसिंह नगर, नैनीताल और चंपावत में 191 खरीद केंद्रों पर महज 601 मीट्रिक टन ही सरकारी खरीद हुई है. जबकि इस साल इन जिलों में लक्ष्य 160 लाख मीट्रिक टन है.
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पिछले साल 81 हजार मीट्रिक टन सरकारी खरीद हुई थी. किसानों की बेरुखी का आलम है कि नैफेड, उपभोक्ता सहकारी संघ, एनसीसीएफ और यूकेपीसीयू के केंद्रों पर गेहूं के एक भी दाने की तौल नहीं हो पाई है. अधिकांश किसान खेतों से गेहूं कटाई के बाद बेच चुके हैं और सभी सरकारी खरीद केंद्रों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. इस हालत में सरकारी खरीद लक्ष्य के एक चौथाई पर पहुंचना भी बेहद मुश्किल नजर आ रहा है. जबकि नोडल अधिकारी का कहना है कि गेहूं खरीद बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं.