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उत्तराखंड के खेल मंत्री की पाकिस्तान पर तल्ख टिप्पणी, बोले- अब नहीं बख्शे जाएंगे हमलावर

उत्तराखंड के खेल मंत्री एक बार फिर अपने बयान की वजह से सुर्खियों में आ गए हैं. उन्होंने पाकिस्तान पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि जिस देश ने भारत के जवानों पर हमला किया है, उसे कतई बख्शना नहीं चाहिये.

खेल मंत्री अरविंद पांडे
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Published : Feb 25, 2019, 1:35 PM IST

काशीपुर: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश मे रोष है. इस कायराना हमले की निंदा करते हुए गुस्से में उत्तराखंड खेल मंत्री अरविंद पांडे ने पाकिस्तान पर तल्ख टिप्पणी की है. काशीपुर में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे मंत्री ने कहा कि जिस देश ने भारत के जवानों पर हमला किया है उसको कतई बख्शना नहीं चाहिये.

उत्तराखंड के खेल मंत्री अरविंद पांडे एक फिर अपने बयान की वजह से सुर्खियों में आ गए हैं. अपने विवादित बयानों के कारण पहचाने जाने वाले मंत्री ने आवेश में आकर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त लहजे में कहा कि जिस देश में भारत के सैनिकों को मारने की स्क्रिप्ट लिखी जाती है वहां के किसी भी व्यक्ति, खिलाड़ी या कोच को हिंदुस्तान में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

जानकारी देते खेल मंत्री अरविंद पांडे

उत्तराखंड के खेल एवं शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने आगे कहा कि हमारे निर्दोष नौजवानों को मारकर बहन-बेटियों को विधवा बनाया जाता है ऐसा घृणित काम करने वालों के साथ कोई रिश्ता नहीं रखना चाहिये.

इसके अलावा पत्थरबाजों पर बयान देते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को बचाने के लिए कोई भी खड़ा हो उसे भी सजा मिलनी चाहिये. अगर अलगाववादी नेता देश की रक्षा में बाधक बनते हैं और भारत के सैनिकों को उनके खिलाफ भी कदम उठाना चाहिये.

काशीपुर: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश मे रोष है. इस कायराना हमले की निंदा करते हुए गुस्से में उत्तराखंड खेल मंत्री अरविंद पांडे ने पाकिस्तान पर तल्ख टिप्पणी की है. काशीपुर में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे मंत्री ने कहा कि जिस देश ने भारत के जवानों पर हमला किया है उसको कतई बख्शना नहीं चाहिये.

उत्तराखंड के खेल मंत्री अरविंद पांडे एक फिर अपने बयान की वजह से सुर्खियों में आ गए हैं. अपने विवादित बयानों के कारण पहचाने जाने वाले मंत्री ने आवेश में आकर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त लहजे में कहा कि जिस देश में भारत के सैनिकों को मारने की स्क्रिप्ट लिखी जाती है वहां के किसी भी व्यक्ति, खिलाड़ी या कोच को हिंदुस्तान में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

जानकारी देते खेल मंत्री अरविंद पांडे

उत्तराखंड के खेल एवं शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने आगे कहा कि हमारे निर्दोष नौजवानों को मारकर बहन-बेटियों को विधवा बनाया जाता है ऐसा घृणित काम करने वालों के साथ कोई रिश्ता नहीं रखना चाहिये.

इसके अलावा पत्थरबाजों पर बयान देते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को बचाने के लिए कोई भी खड़ा हो उसे भी सजा मिलनी चाहिये. अगर अलगाववादी नेता देश की रक्षा में बाधक बनते हैं और भारत के सैनिकों को उनके खिलाफ भी कदम उठाना चाहिये.

Intro:PAURI GARHWAL
FILE-2
पौड़ी के कल्जीखाल ब्लॉक में रहने वाले 83 वर्षीय विद्यादात्त शर्मा पिछले 52 सालों से गांव में खेती कर रहे हैं और अपनी मेहनत से पसीना बहाकर इन खेत से सोना उगलने का काम कर रहे हैं। विद्यादात्त ने पिछले वर्ष भी लगभग 24 किलो का मूला उगाया गया था जो कि एक रिकॉर्ड के रूप में देखा गया है इस बार उनका यह मानना है कि या रिकॉर्ड तोड़ कर एक नया रिकॉर्ड कायम करने वाले हैं जापान में 31 किलो 100 ग्राम का मूला उगाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है और शर्मा जी का कहना है कि इस वर्ष व लगभग 32 या 33 किलो तक का मूला उगा रहे हैं और नया रिकॉर्ड बना कर पहाड़ और भारत का नाम रोशन करना चाहते हैं।


Body:विद्या दत्त शर्मा पौड़ी के सांगुड़ा गांव में रहते हैं 81 वर्ष की उम्र होने के बाद भी अपने पसीने से धरती सो सीच कर सोना उगा रहे हैं बंजर भूमि में चलता कर कृषि,उद्यानिकी मौन पालन और सब्ज़ी उगाने का काम कर रहे हैं। राजस्व विभाग में भू माप विशेषज्ञ जैसा महत्वपूर्ण पद व तमाम सुविधाओं का त्याग कर 1967 में अपने गांव सांगुड़ा आकर खेती करने का विचार बनाया और तब से लगातार अपनी मेहनत से खेती कर युवाओ के लोए मिशाल बन रहे है। उत्तर प्रदेश में वर्ष 1973 में हुई उद्यान प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार पाने के बाद उन्हें जनपद व प्रदेश स्तर पर दर्जनों पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया है । 25 मार्च 2010 को प्रदेश सरकार की ओर से किसान श्री सम्मान स्प्रिट ऑफ उत्तराखंड का सम्मान भी मिल चुका है।


Conclusion:विद्यादात्त ने पिछले वर्ष लगभग 23.500 ग्राम का मूला उगाया था और इस बार मूला लगभग 33 से 34 किलो तक उगेगा यह अनुमानित है । जापान में 31 किलो 100 ग्राम का मूला उगाने का रिकॉर्ड गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है और वह इस बार रिकॉर्ड को तोड़ कर पहाड़ का नाम विश्व में प्रसिद्ध करना चाहते हैं दरअसल अधिकतर मूला अभी धरती के अंदर ही है 28 फरवरी को वैज्ञानिकों की की टीम यहां पर आकर इसका मुआयना करेगी उस दिन देखा जाएगा कि विद्यादात्त की खून पसीने की मेहनत इस रिकॉर्ड को तोड़ पाती है या नहीं।
वन टू वन- सिद्धांत उनियाल
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