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डेवलपमेंट कॉरपोरेशन कार्यालय के खस्ताहाल, किसानों की आय दोगुनी अभी भी 'दूर की कौड़ी' - काशीपुर हिंदी समाचार

उत्तराखंड सीड्स एवं तराई डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड की स्थिति इन दिनों काफी बदहाल हो गई है. ऐसे में किसान बीज लेने के लिए इस कार्यालय का रुख नहीं कर पा रहे हैं. वहीं, जिम्मेदार अधिकारियों का भी इस ओर कोई ध्यान नहीं है.

Kashipur
सीड्स एवं तराई डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड
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Published : Feb 17, 2021, 2:09 PM IST

Updated : Feb 17, 2021, 2:32 PM IST

काशीपुर: उत्तराखंड सीड्स एवं तराई डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड इन दिनों बदहाल स्थिति में है. वर्तमान में आज यहां मात्र चौकीदार समेत दो से तीन ही कर्मचारी हैं. टीडीसी कार्यालय में किसान बीज लेने से कतरा रहे हैं.

सीड्स एवं तराई डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड

एक समय ऐसा था, जब सैकड़ों की तादाद में किसान उच्च कोटि का बीज लेने को काशीपुर स्थित टीडीसी कार्यालय पहुंचते थे. तमाम अधिकारी और कर्मचारी किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए बैठा करते थे. आज यहां आलम ये है कि मात्र चौकीदार और दो से तीन ही कर्मचारी ही कार्यालय में मिल पाएंगे. किसान भी बीज लेने के लिए इस कार्यालय का रुख नहीं कर रहे हैं. लगभग दो साल पहले कार्यालय में लगा साइन बोर्ड भी क्षतिग्रस्त हो गया है. इसे सही कराने की जहमत किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने अभी तक नहीं दिखाई है.

ये भी पढ़ें: कार और ट्रैक्टर-ट्राली की जोरदार भिड़ंत, दो बरातियों की मौत

कार्यालय प्रभारी मोहित शर्मा का कहना है कि कार्यालय की मरम्मत के लिए अधिकारियों ने उच्चाधिकारियों को लिखित में अवगत करा दिया है. उन्होंने बताया कि इस कार्यालय को बीज प्रमाणीकरण संस्था को बेचने पर विचार चल रहा है. उन्होंने स्वीकार किया कि कार्यालय को मेंटेनेंस की जरूरत तो है.

बता दें कि देश भर में उच्च स्तर के बीजों के लिए एक समय इस तराई बीज विकास निगम का बड़ा नाम हुआ करता था. पर इसकी ये हालत अब ऐसी कैसे हो गई, ये अपने आप में बड़ा सवाल है. सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने के दावे तो खूब करती है, लेकिन टीडीसी कार्यालय की हकीकत देख इन दावों की सच्चाई सबके सामने है.

काशीपुर: उत्तराखंड सीड्स एवं तराई डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड इन दिनों बदहाल स्थिति में है. वर्तमान में आज यहां मात्र चौकीदार समेत दो से तीन ही कर्मचारी हैं. टीडीसी कार्यालय में किसान बीज लेने से कतरा रहे हैं.

सीड्स एवं तराई डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड

एक समय ऐसा था, जब सैकड़ों की तादाद में किसान उच्च कोटि का बीज लेने को काशीपुर स्थित टीडीसी कार्यालय पहुंचते थे. तमाम अधिकारी और कर्मचारी किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए बैठा करते थे. आज यहां आलम ये है कि मात्र चौकीदार और दो से तीन ही कर्मचारी ही कार्यालय में मिल पाएंगे. किसान भी बीज लेने के लिए इस कार्यालय का रुख नहीं कर रहे हैं. लगभग दो साल पहले कार्यालय में लगा साइन बोर्ड भी क्षतिग्रस्त हो गया है. इसे सही कराने की जहमत किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने अभी तक नहीं दिखाई है.

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कार्यालय प्रभारी मोहित शर्मा का कहना है कि कार्यालय की मरम्मत के लिए अधिकारियों ने उच्चाधिकारियों को लिखित में अवगत करा दिया है. उन्होंने बताया कि इस कार्यालय को बीज प्रमाणीकरण संस्था को बेचने पर विचार चल रहा है. उन्होंने स्वीकार किया कि कार्यालय को मेंटेनेंस की जरूरत तो है.

बता दें कि देश भर में उच्च स्तर के बीजों के लिए एक समय इस तराई बीज विकास निगम का बड़ा नाम हुआ करता था. पर इसकी ये हालत अब ऐसी कैसे हो गई, ये अपने आप में बड़ा सवाल है. सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने के दावे तो खूब करती है, लेकिन टीडीसी कार्यालय की हकीकत देख इन दावों की सच्चाई सबके सामने है.

Last Updated : Feb 17, 2021, 2:32 PM IST
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