रुद्रपुर: नगर निगम की बैठक आज हंगामे के बीच संपन्न हुई. इस दौरान कांग्रेसी पार्षदों ने डेढ़ माह पूर्व हुए 45 टेंडरों में गोलमाल करने का आरोप लगाते हुए निरस्त करने की मांग की. इस मामले पर कांग्रेसी पार्षदों ने जमकर हंगामा काटा. इस दौरान हंगामे के बीच 32 प्रस्तावों को पास कराया गया. रुद्रपुर नगर निगम हॉल में बोर्ड के बैठक का आयोजन हुआ. जिसमें लगभग 32 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई.
बोर्ड बैठक शुरू होते ही मेयर रामपाल द्वारा दो दिन पूर्व राम मनोहर लोहिया और समोसा बाजार के व्यापारियों को राहत देते पुनर्स्थापित करने का प्रस्ताव पास किया गया. जिसके बाद नगर निगम की आय-व्यय पर चर्चा की गई. इसके अलावा कुत्ता पालने वाले लोगों के लिए पंजीकरण करना अनिवार्य हो गया है और इसके लिए नियमावली बनाई जाएगी. इस बीच में ही कांग्रेसी पार्षदों ने डेढ़ माह पूर्व हुए टेंडर में पूल घोटाले का आरोप लगाते हुए बैठक में हंगामा शुरू कर दिया.
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इस दौरान कांग्रेसी पार्षद और भाजपा पार्षद आमने सामने आ गया. जिसके बाद कांग्रेस पार्षद मंचासीन मेयर और अधिकारियों के समक्ष जमीन पर टेंडर निरस्त करने की मांग करने लगे. भाजपा पार्षद भी विकास विरोधी बाहर जाओ के नारे लगाते हुए आमने सामने आ गए. हंगामे के दौरान नगर आयुक्त द्वारा सभी प्रस्तावों को पास करा कर बोर्ड की बैठक संपन्न कराई गई. नगर निगम के विपक्ष के नेता मोनू निशाद ने बताया डेढ़ माह पूर्व 45 टेंडर हुए थे.
उन्होंने आरोप लगाया की मेयर और अधिकारियों की मिलीभगत से एक से दो प्रतिशत कम में टेंडर दे दिया गया है. उन्होंने टेंडर की जांच और कैंसिल करने की मांग की. मेयर रामपाल सिंह ने कहा जिस टेंडर की बात कांग्रेसी पार्षद कर रहे हैं, वह उनके पास पहुंची ही नहीं और न ही नगर आयुक्त के पास पहुंची है. अगर टेंडर में पूल हुआ होगा तो वह इसे जरूर निरस्त करेंगे. उन्होंने कांग्रेस की पूर्व पालिकाध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा की उनके समय में बड़ा गोलमाल हुआ है. इसकी पोलपट्टी ना खुल जाए इसी बात को लेकर कांग्रेस पार्षदों ने हंगामा किया.