खटीमाः उत्तराखंड निर्माण के लिए अपनी शहादत देने वाले खटीमा गोलीकांड के शहीदों की याद में हर साल खटीमा में 1 सितंबर को शहीद दिवस का आयोजन किया जाता है. आज 1 सितंबर को उत्तराखंड शहीदों की 27वीं बरसी के उपलक्ष्य में खटीमा में नव निर्माणाधीन शहीद पार्क में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ ही केंद्रीय रक्षा व पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी एवं शहीदों के परिजनों को ढांढस बंधाया.
1 सितंबर को खटीमा में शहीदों को श्रद्धांजलि देने कई दलों के राजनीतिक व सामाजिक लोग सहित पार्क में पहुंचे. केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट ने खटीमा पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. वहीं, इस मौके पर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह हर साल शहीदों को श्रद्धांजलि देने खटीमा में 1 सितंबर को पहुंचते हैं. आज भी वह शहीदों को श्रद्धांजलि देने खटीमा आए हैं.
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उन्होंने कहा कि इन शहीदों की बदौलत ही हमें उत्तराखंड राज्य मिला है. हम उनके परिजनों को यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि भले ही आज उनके बच्चे जिंदा नहीं हैं, लेकिन उनके बच्चों का सपना साकार करने का भारतीय जनता पार्टी पूरा प्रयास कर रही है.
क्या था खटीमा गोलीकांडः एक सितंबर 1994 को उत्तराखंड राज्य की मांग को लेकर सुबह से हजारों की संख्या में लोग खटीमा की सड़कों पर आ गए थे. इस दौरान ऐतिहासिक रामलीला मैदान में जनसभा हुई. जिसमें बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक शामिल थे.
जनसभा के बाद दोपहर का समय रहा होगा. सभी लोग जुलूस की शक्ल में शांतिपूर्वक तरीके से मुख्य बाजारों से गुजर रहे थे. जब आंदोलनकारी कंजाबाग तिराहे से लौट रहे थे. तभी पुलिसकर्मियों ने पहले पथराव किया, फिर पानी की बौछार करते हुए गोलियां चला दी. पुलिस की गोलीबारी में 7 राज्य आंदोलनकारी शहीद हो गए थे.