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पहली बारिश में ही नंधौर नदी ने दिखाया रौद्र रूप, कई इलाकों में बढ़ा बाढ़ का खतरा, डीएम ने किया निरीक्षण - water level of rivers also started rising

मानसून की पहली बारिश में ही नंधौर नदी ने अपना रौद रूप दिखाना शुरू कर दिया है. ऐसे में सितारगंज क्षेत्र के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है, जिसको लेकर उधमसिंह नगर जिलाधिकारी युगल किशोर पंत ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों को स्थलीय निरीक्षण किया.

Sitarganj
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Published : Jul 2, 2022, 8:23 PM IST

रुद्रपुर: मानसून की दस्तक के साथ ही उत्तराखंड में नदियों का जलस्तर भी बढ़ने लगा है. नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है. उसी को ध्यान में रखते हुए उधमसिंह नगर जिलाधिकारी युगल किशोर पंत ने सितारगंज की नंधौर नदी और उससे होने वाले बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया.

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने नदी का मार्ग डायवर्ट करने के दिए निर्देश. साथ ही सिंचाई विभाग को नंधौर नदी से होने वाले भूस्खलन को रोकने के लिए दीर्घकालीन कार्य योजना बनाकर शासन को भेजने को कहा. दरअसल, हर साल मानसून में नंधौर नदी अपना विकारल रूप दिखाती है, जिससे सितारगंज का बड़ा हिस्सा प्रभावित होता है.
पढ़ें- देहरादून के रायपुर में रेड अलर्ट, भारी बारिश की चेतावनी, नदियों का जलस्तर बढ़ा

पहली बरसात में नंधौर नदी ने उकरौली सहित कई गांवों में बाढ़ ला दी है, जिसका जिलाधिकारी ने निरीक्षण किया. जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को नदी से सटे गांवों की बाढ़ से सुरक्षा हेतु आवश्यकतानुसार स्टड निर्माण कार्य तेजी से करने के लिए कहा. साथ ही उन्होंने कहा कि नदी का मार्ग रिवर चैनेलाइज के माध्यम से जल्द से जल्द मशीनें लगाकर किया जाए.

इसके साथ ही उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि नंदौर नदी से होने वाले भू-कटाव को रोकने के लिए दीर्घकालीन कार्य योजना शासन को भेजी जाए. वहीं, जिलाधिकारी ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को कहा कि बरसात के मौसम में नदी का जलस्तर बढ़ने की स्थिति में नदी के किनारे के संभावित आपदा संभावित क्षेत्रों को खाली कराया जाए.

रुद्रपुर: मानसून की दस्तक के साथ ही उत्तराखंड में नदियों का जलस्तर भी बढ़ने लगा है. नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है. उसी को ध्यान में रखते हुए उधमसिंह नगर जिलाधिकारी युगल किशोर पंत ने सितारगंज की नंधौर नदी और उससे होने वाले बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया.

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने नदी का मार्ग डायवर्ट करने के दिए निर्देश. साथ ही सिंचाई विभाग को नंधौर नदी से होने वाले भूस्खलन को रोकने के लिए दीर्घकालीन कार्य योजना बनाकर शासन को भेजने को कहा. दरअसल, हर साल मानसून में नंधौर नदी अपना विकारल रूप दिखाती है, जिससे सितारगंज का बड़ा हिस्सा प्रभावित होता है.
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पहली बरसात में नंधौर नदी ने उकरौली सहित कई गांवों में बाढ़ ला दी है, जिसका जिलाधिकारी ने निरीक्षण किया. जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को नदी से सटे गांवों की बाढ़ से सुरक्षा हेतु आवश्यकतानुसार स्टड निर्माण कार्य तेजी से करने के लिए कहा. साथ ही उन्होंने कहा कि नदी का मार्ग रिवर चैनेलाइज के माध्यम से जल्द से जल्द मशीनें लगाकर किया जाए.

इसके साथ ही उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि नंदौर नदी से होने वाले भू-कटाव को रोकने के लिए दीर्घकालीन कार्य योजना शासन को भेजी जाए. वहीं, जिलाधिकारी ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को कहा कि बरसात के मौसम में नदी का जलस्तर बढ़ने की स्थिति में नदी के किनारे के संभावित आपदा संभावित क्षेत्रों को खाली कराया जाए.

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