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अस्पतालों के साथ मर्ज किए जाएंगे ट्रामा सेंटर, मेडिकल डायरेक्टर ने बताई सरकार की प्लानिंग - ट्रामा सेंटर काशीपुर

प्रदेश में स्वीकृत पदों के अनुपात में डॉक्टरों की संख्या बेहद कम है. ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के ट्रामा सेंटरों को अस्पतालों में विलय करने का निर्णय लिया है.

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Published : Aug 22, 2019, 7:03 PM IST

काशीपुर: डॉक्टरों की कमी को देखते हुए अब जल्द ही प्रदेश के ट्रामा सेंटरों का विलय अस्पताल में कर दिया जाएगा. जिसके बाद अस्पतालों के डॉक्टर ही ट्रामा सेंटर को देखेंगे. यह जानकारी स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. आरके पांडे ने दी.

स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. आरके पांडे ने दी जानकारी.

प्रदेश में भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर कई जगह ट्रामा सेंटर की स्थापना की गई. लेकिन डॉक्टरों के अभाव में ये ट्रामा सेंटर मात्र शोपीस बनकर रह गये हैं. हालात यह है कि प्रदेश में स्वीकृत पदों के अनुपात में उपलब्ध डॉक्टरों की संख्या बेहद कम है. ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के ट्रामा सेंटरों को अस्पतालों में शामिल करने का निर्णय लिया है.

पढे़ें- भ्रष्ट डीएफओ किशनचंद को विजिलेंस ने किया गिरफ्तार, सीएम ने दिया सीधी कार्रवाई के आदेश

स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. आरके पांडे ने काशीपुर के ट्रामा सेंटर में डॉक्टरों की कमी के सवाल पर कहा कि वर्तमान में प्रदेश के 13 जिलों में 11 ट्रामा सेंटर हैं. लेकिन डॉक्टरों की कमी के चलते हर ट्रामा सेंटर पर डॉक्टरों की नियुक्ति संभव नहीं है. जिसके चलते यह निर्णय लिया गया है कि अब ट्रामा सेंटरों को अस्पतालों में मर्ज कर दिया जाएगा. जिसके बाद अस्पताल के डॉक्टर ही ट्रामा सेंटर की जिम्मेदारी संभालेंगे.

काशीपुर: डॉक्टरों की कमी को देखते हुए अब जल्द ही प्रदेश के ट्रामा सेंटरों का विलय अस्पताल में कर दिया जाएगा. जिसके बाद अस्पतालों के डॉक्टर ही ट्रामा सेंटर को देखेंगे. यह जानकारी स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. आरके पांडे ने दी.

स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. आरके पांडे ने दी जानकारी.

प्रदेश में भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर कई जगह ट्रामा सेंटर की स्थापना की गई. लेकिन डॉक्टरों के अभाव में ये ट्रामा सेंटर मात्र शोपीस बनकर रह गये हैं. हालात यह है कि प्रदेश में स्वीकृत पदों के अनुपात में उपलब्ध डॉक्टरों की संख्या बेहद कम है. ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के ट्रामा सेंटरों को अस्पतालों में शामिल करने का निर्णय लिया है.

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स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. आरके पांडे ने काशीपुर के ट्रामा सेंटर में डॉक्टरों की कमी के सवाल पर कहा कि वर्तमान में प्रदेश के 13 जिलों में 11 ट्रामा सेंटर हैं. लेकिन डॉक्टरों की कमी के चलते हर ट्रामा सेंटर पर डॉक्टरों की नियुक्ति संभव नहीं है. जिसके चलते यह निर्णय लिया गया है कि अब ट्रामा सेंटरों को अस्पतालों में मर्ज कर दिया जाएगा. जिसके बाद अस्पताल के डॉक्टर ही ट्रामा सेंटर की जिम्मेदारी संभालेंगे.

Intro:

Summary- बीते दिनों काशीपुर के राजकीय चिकित्सालय में पहुंचे सूबे के स्वास्थ्य महानिदेशक ने प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को स्वीकारते हुए डॉक्टरों की कमी के चलते सफेद हाथी बने प्रदेश के ट्रॉमा सेंटरों के विलय की बात कही।



एंकर - प्रदेश में भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर कई जगह ट्रामा सेंटर की स्थापना की गई थी परन्तु चिकित्स्कों के आभाव में ये ट्रामा सेंटर शो पीस बने हुए है। स्थिति यह है कि प्रदेश में अभी स्वीकृत पदों के सापेक्ष में उपलब्ध चिकित्स्कों की मात्रा बहुत कम है। ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के ट्रामा सेंटरों को चिकत्सालयों में विलय करने का निर्णय लिया है।

Body:वीओ - बीते दिनों काशीपुर पहुंचे प्रदेश के स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. आर. के. पांडे ने काशीपुर के ट्रामा सेंटर में चिकित्स्कों की कमी के सवाल पर कहा कि वर्तमान में प्रदेश के 13 जिलों में 11 ट्रामा सेंटर है। परन्तु चिकित्स्कों की कमी के चलते प्रत्येक ट्रामा सेंटर पर चिकिसकों की नियुक्ति सम्भव नहीं जिसके चलते यह निर्णय लिया गया है कि अब ट्रामा सेंटरों को चिकित्सालयों में विलय किया जाएगा। जिसके बाद चिकित्सालय के ही चिकित्स्क, सर्जन ही ट्रामा सेंटर की जिम्मेदारी संभालेंगे।

बाईट - डॉ आर के पांडेय ( स्वास्थ्य महानिदेशक उत्तराखंड )Conclusion:
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