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खटीमा में तीन मकानों पर चला बुलडोजर, सरकारी तालाबों पर किया था निर्माण - मकानों को प्रशासन की टीम ने किया ध्वस्त

उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर उधमसिंह नगर जिले में प्रशासन ने सरकारी भूमि पर हुए अवैध निर्माणों को गिराना शुरू कर दिया है. खटीमा में सरकारी तालाबों पर हुए अतिक्रमण को प्रशासन ने ध्वस्त किया. प्रशासन ने तीन मकानों को ध्वस्त करने के साथ ही 10 परिवारों को घर खाली करने का नोटिस भी दिया है.

Khatima
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Published : May 13, 2022, 12:34 PM IST

खटीमा: उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने सरकारी तालाबों पर हुए अतिक्रमण को हटाना शुरू कर दिया है. यूपी से सटे मझोला गांव में तालाब की भूमि पर बने तीन मकानों को प्रशासन की टीम ने ध्वस्त किया है. साथ ही अन्य अतिक्रमणकारियों को नोटिस देकर खुद ही अतिक्रमण हटाने के दिए निर्देश दिए. यदि उन्होंने नोटिस के बाद भी खुद ही अतिक्रमण नहीं हटाया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

प्रशासन की टीम जब सरकारी तालाबों पर हुए अतिक्रमण के ध्वस्त करने गई तो उन्हें ग्रामीणों के विरोध का सामना भी करना पड़ा. इस दौरान अधिकारियों की ग्रामीणों के साथ नोकझोंक भी हुई. पहले दिन प्रशासन ने तीन मकानों को ध्वस्त किया. साथ ही अन्य अतिक्रमणकारियों को मकान खाली करने का नोटिस दिया.
पढ़ें- हरिद्वार में बुलडोजर का प्रहार जारी, ज्वालापुर क्षेत्र में अतिक्रमण हटाया

दरअसल, प्रशासन की तरफ से पहले ही सरकारी तालाबों पर अतिक्रमण घर बनाने वाले 10 परिवारों नोटिस दिया गया था. प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों को 15 दिनों में घर खाली करने का निर्देश दिया था, लेकिन अतिक्रमणकारियों ने प्रशासन के नोटिस को गंभीरता से नहीं लिया और घर खाली नहीं किये. इसके बाद प्रशासन ने पुलिस की मदद से तीन घरों को ध्वस्त किया, जो सरकारी तालाबों की जमीन पर बन थे.

खटीमा तहसीलदार शुभांगिनी ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के मद्देनजर मझोला गांव में सरकारी तालाबों पर बनाए गए मकानों में से तीन मकानों को ध्वस्त कर दिया गया. शेष मकान स्वामियों को सामान हटाने की हिदायत दी गई. उन्होंने बताया कि कुल 31 सरकारी तालाब हैं, जिन पर हुए अतिक्रमण को ध्वस्त किया जाना है.

खटीमा: उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने सरकारी तालाबों पर हुए अतिक्रमण को हटाना शुरू कर दिया है. यूपी से सटे मझोला गांव में तालाब की भूमि पर बने तीन मकानों को प्रशासन की टीम ने ध्वस्त किया है. साथ ही अन्य अतिक्रमणकारियों को नोटिस देकर खुद ही अतिक्रमण हटाने के दिए निर्देश दिए. यदि उन्होंने नोटिस के बाद भी खुद ही अतिक्रमण नहीं हटाया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

प्रशासन की टीम जब सरकारी तालाबों पर हुए अतिक्रमण के ध्वस्त करने गई तो उन्हें ग्रामीणों के विरोध का सामना भी करना पड़ा. इस दौरान अधिकारियों की ग्रामीणों के साथ नोकझोंक भी हुई. पहले दिन प्रशासन ने तीन मकानों को ध्वस्त किया. साथ ही अन्य अतिक्रमणकारियों को मकान खाली करने का नोटिस दिया.
पढ़ें- हरिद्वार में बुलडोजर का प्रहार जारी, ज्वालापुर क्षेत्र में अतिक्रमण हटाया

दरअसल, प्रशासन की तरफ से पहले ही सरकारी तालाबों पर अतिक्रमण घर बनाने वाले 10 परिवारों नोटिस दिया गया था. प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों को 15 दिनों में घर खाली करने का निर्देश दिया था, लेकिन अतिक्रमणकारियों ने प्रशासन के नोटिस को गंभीरता से नहीं लिया और घर खाली नहीं किये. इसके बाद प्रशासन ने पुलिस की मदद से तीन घरों को ध्वस्त किया, जो सरकारी तालाबों की जमीन पर बन थे.

खटीमा तहसीलदार शुभांगिनी ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के मद्देनजर मझोला गांव में सरकारी तालाबों पर बनाए गए मकानों में से तीन मकानों को ध्वस्त कर दिया गया. शेष मकान स्वामियों को सामान हटाने की हिदायत दी गई. उन्होंने बताया कि कुल 31 सरकारी तालाब हैं, जिन पर हुए अतिक्रमण को ध्वस्त किया जाना है.

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