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शर्मनाक: कोरोना संक्रमितों को लाने वाले 108 एंबुलेंस कर्मचारियों के साथ भेदभाव - 108 एंबुलेंस सेवा उधम सिंह नगर

गदरपुर के 108 एंबुलेंस कर्मचारियों को कोरोना संक्रमित को लाने के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आने की अनुमति नहीं दी गई. इतना ही नहीं रात में ड्यूटी के दौरान समय बिताने के लिए इन 108 कर्मचारियों को दूसरों की छत पर रात बितानी पड़ रही है.

108 ambulance service in corona kashipur
108 एंबुलेंस कर्मचारी के साथ भेदभाव.
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Published : May 24, 2020, 5:35 PM IST

Updated : May 24, 2020, 10:28 PM IST

काशीपुर: देश के हर हिस्से से कोरोना वॉरियर्स को सम्मानित करने की खबर आ रही हैं, लेकिन उधम सिंह नगर में एक ऐसा मामला सामने आया है जो की इस कोरोना काल में स्वास्थ्य महकमे को कठघरे में खड़ा कर रहा है. एक कोरोना संक्रमित जमाती को लाने वाली इमरजेंसी 108 एंबुलेंस को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गदरपुर ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. भले ही कोरोना मरीज ठीक होकर घर चला गया हो, लेकिन 108 एंबुलेंस की घर वापसी अभी नहीं हुई है.

गदरपुर के 108 एंबुलेंस कर्मचारियों को कोरोना वायरस का मरीज लाना उस वक्त भारी पड़ गया जब मरीज को छोड़ने के बाद गदरपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 108 एंबुलेंस को अस्पताल के अधिकारियों ने खड़ा करने से मना कर दिया. जिसके चलते 108 एंबुलेंस कर्मचारियों को सरकारी अस्पताल के बाहर एंबुलेंस को खड़ा करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं रात में ड्यूटी के दौरान समय बिताने के लिए इन 108 एंबुलेंस कर्मचारियों को दूसरों की छत पर रात बितानी पड़ रही है.

108 एंबुलेंस कर्मचारी के साथ भेदभाव.

यह भी पढे़ें-कोरोना ट्रैकर: प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमित, 297 हुई मरीजों की संख्या

बता दें कि बाजपुर में जमात से लौटे जमातियों को अस्पताल ले जाने के लिए गदरपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से 108 एंबुलेंस सेवा की सहायता ली गई थी. करोना पॉजिटिव मरीज को छोड़ने के बाद 108 एंबुलेंस को पूरी तरह से सैनिटाइज भी किया गया था. सैनिटाइजेशन के बाद 108 एंबुलेंस गदरपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जैसे ही पहुंची, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी द्वारा एंबुलेंस को अस्पताल से बाहर ले जाने के लिए आदेश दे दिया गया.

जिसके बाद से 108 एंबुलेंस कर्मचारी सड़क किनारे एंबुलेंस को खड़ा करके अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं. इतना ही नहीं कर्मचारियों को सड़क किनारे जमीन पर बैठकर खाना खाना पड़ रहा है. कार्रवाई की मांग को लेकर 108 कर्मचारियों ने उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत भी कराया, लेकिन किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी.

यह भी पढे़ें-भारत में कोरोना : नए मरीजों का लगातार तीसरे दिन बना रिकॉर्ड, कुल एक्टिव केस 73,560

108 एंबुलेंस कर्मचारियों के सामने आ रही परेशानियों को लेकर जब स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. संजीव सरना से बात की गई तो उन्होंने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया, जिसके बाद मामले का संज्ञान स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों को कराया गया. उच्चाधिकारियों ने जब स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी से फोन पर संपर्क किया तो स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी ने अधिकारियों को ही झूठी जानकारी दे डाली.

स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 108 एंबुलेंस को खड़ा करने के लिए टीन शेड दिया गया है, लेकिन जिस जगह पर 108 की एंबुलेंस खड़ी होनी चाहिए थी, वहां सरकारी अस्पताल में ड्यूटी करने आ रहे चिकित्सकों की निजी गाड़ियां खड़ी हो रही हैं और पुलिस के जवान ड्यूटी पर तैनात हैं. वहीं एसीएमओ अविनाश खन्ना ने कहा कि मामले की जानकारी हुई है, त्वरित चांच करवाई जाएगी. साथ ही कार्रवाई भी की जाएगी.

काशीपुर: देश के हर हिस्से से कोरोना वॉरियर्स को सम्मानित करने की खबर आ रही हैं, लेकिन उधम सिंह नगर में एक ऐसा मामला सामने आया है जो की इस कोरोना काल में स्वास्थ्य महकमे को कठघरे में खड़ा कर रहा है. एक कोरोना संक्रमित जमाती को लाने वाली इमरजेंसी 108 एंबुलेंस को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गदरपुर ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. भले ही कोरोना मरीज ठीक होकर घर चला गया हो, लेकिन 108 एंबुलेंस की घर वापसी अभी नहीं हुई है.

गदरपुर के 108 एंबुलेंस कर्मचारियों को कोरोना वायरस का मरीज लाना उस वक्त भारी पड़ गया जब मरीज को छोड़ने के बाद गदरपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 108 एंबुलेंस को अस्पताल के अधिकारियों ने खड़ा करने से मना कर दिया. जिसके चलते 108 एंबुलेंस कर्मचारियों को सरकारी अस्पताल के बाहर एंबुलेंस को खड़ा करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं रात में ड्यूटी के दौरान समय बिताने के लिए इन 108 एंबुलेंस कर्मचारियों को दूसरों की छत पर रात बितानी पड़ रही है.

108 एंबुलेंस कर्मचारी के साथ भेदभाव.

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बता दें कि बाजपुर में जमात से लौटे जमातियों को अस्पताल ले जाने के लिए गदरपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से 108 एंबुलेंस सेवा की सहायता ली गई थी. करोना पॉजिटिव मरीज को छोड़ने के बाद 108 एंबुलेंस को पूरी तरह से सैनिटाइज भी किया गया था. सैनिटाइजेशन के बाद 108 एंबुलेंस गदरपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जैसे ही पहुंची, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी द्वारा एंबुलेंस को अस्पताल से बाहर ले जाने के लिए आदेश दे दिया गया.

जिसके बाद से 108 एंबुलेंस कर्मचारी सड़क किनारे एंबुलेंस को खड़ा करके अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं. इतना ही नहीं कर्मचारियों को सड़क किनारे जमीन पर बैठकर खाना खाना पड़ रहा है. कार्रवाई की मांग को लेकर 108 कर्मचारियों ने उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत भी कराया, लेकिन किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी.

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108 एंबुलेंस कर्मचारियों के सामने आ रही परेशानियों को लेकर जब स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. संजीव सरना से बात की गई तो उन्होंने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया, जिसके बाद मामले का संज्ञान स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों को कराया गया. उच्चाधिकारियों ने जब स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी से फोन पर संपर्क किया तो स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी ने अधिकारियों को ही झूठी जानकारी दे डाली.

स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 108 एंबुलेंस को खड़ा करने के लिए टीन शेड दिया गया है, लेकिन जिस जगह पर 108 की एंबुलेंस खड़ी होनी चाहिए थी, वहां सरकारी अस्पताल में ड्यूटी करने आ रहे चिकित्सकों की निजी गाड़ियां खड़ी हो रही हैं और पुलिस के जवान ड्यूटी पर तैनात हैं. वहीं एसीएमओ अविनाश खन्ना ने कहा कि मामले की जानकारी हुई है, त्वरित चांच करवाई जाएगी. साथ ही कार्रवाई भी की जाएगी.

Last Updated : May 24, 2020, 10:28 PM IST
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