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सितारगंज मंडी में धान खरीद को लेकर विवाद, हरिद्वार में क्रय केन्द्रों का औचक निरीक्षण

उधम सिंह नगर जिले में गुरुवार से धान की खरीद शुरू हो गई है. लेकिन सितारगंज मंडी में राइस मिलों और किसानों के बीच विवाद हो गया है, जिस कारण वहां धान की खरीद नहीं हो सकी.

Khatima
सितारगंज मंडी में धान खरीद को लेकर विवाद
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Published : Oct 8, 2020, 10:48 PM IST

हरिद्वार/खटीमा: उधम सिंह नगर जिले में गुरुवार से राइस मिलों द्वारा मंडी समितियों में सरकारी रेट पर नमी के अनुसार धान की खरीद शुरू हो गयी है. खटीमा और नानकमत्ता में तो राइस मिलों द्वारा धान की खरीद शुरू कर दी गयी है, लेकिन सितारगंज में राइस मिलों और किसानों के बीच स्थानीय प्रशासन व किसान आयोग के उपाध्यक्ष सरदार राजपाल सिंह द्वारा करायी गयी बातचीत असफल होने के कारण राइस मिलों ने सितारगंज मंडी समिति में धान खरीदने से इंकार कर दिया है.

खटीमा में 3000 से अधिक कुंतल धान राइस मिलों द्वारा मंडी समिति से खरीदा गया. वहीं, नानकमत्ता में भी दो हजार कुंतल से अधिक धान खरीदा गया, लेकिन सितारगंज में राइस मिलों और किसानों के बीच धान खरीद को लेकर विवाद हो गया. मामले को सुलझाने के लिए राज्य किसान आयोग के उपाध्यक्ष सरदार राजपाल सिंह की अध्यक्षता में किसानों और राइस मिलों के बीच वार्ता भी हुई थी, लेकिन दोनों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई. आखिर में राइस मिल से जुड़े लोग धान खरीदे बिना वापस चले गए. किसानों का आरोप है कि राइस मिलर सरकार के बनाए नियमों को भी नहीं मान रहे हैं.

पढ़ें- प्रदेश के 40,000 शिक्षकों को जमा कराने होंगे शैक्षिक प्रमाण-पत्र, जानें वजह

राज्य किसान आयोग के उपाध्यक्ष सरदार राजपाल सिंह ने कहा कि सितारगंज में राइस मिलों ने सिर्फ उत्तराखंड के किसानों का ही धान खरीदने की बात कही है. राइस मिलों ने उन किसानों का धान खरीदने से मना कर दिया, जिनकी जमीन यूपी में है. हालांकि जल्द ही यहां भी धान की खरीद शुरू हो जाएगी.

हरिद्वार में धान खरीद केंदों का निरीक्षण

हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर को किसानों से धान की फसल को बेचने में आ रही दिक्कतों के सम्बन्ध में निरन्तर शिकायतें प्राप्त हो रही थी, जबकि धान खरीद की यह प्रक्रिया प्रत्येक वर्ष की नियमित प्रक्रिया है. किसानों की बार-बार आ रही शिकायतों व कृषकों के आक्रोश को देखते हुए गुरुवार को जिलाधिकारी ने धान क्रय केन्द्रों के औचक निरीक्षण के लिए टीम गठित की थी.

धान क्रय केन्द्रों के सम्बन्ध में एडीएम वित्त एवं राजस्व केके मिश्रा ने बताया कि जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में धान खरीद के लिये खाद्य विभाग एवं यूसीपीएफ के 17 धान क्रय केन्द्र खोले गये थे. जिन्हें 1 अक्टूबर से संचालित कियाा जाना था. बार-बार बैठकों में क्रय केन्द्रों के संचालन हेतु जिला खरीद अधिकारी द्वारा मौखिक अथवा लिखित रूप से निर्देशित करने के बावजूद धान क्रय केन्द्रों की ढीली कार्य प्रणाली के बारे में किसानों से शिकायतें प्राप्त हो रही थी. जिसे देखते हुये जिलाधिकारी के निर्देश पर धान खरीद केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया गया.

उन्होंने बताया कि औचक निरीक्षण के दौरान 17 धान क्रय केन्द्रों में से केवल तीन क्रय केन्द्रों की कार्य प्रणाली सन्तोषजनक पाई गयी, जबकि अन्य 14 धान खरीद केन्द्रों पर केवल पंजीकरण का कार्य हो रहा था. धान खरीद सम्बन्धी कार्य नहीं हो रहा था. इन सभी 14 केन्द्रों की कार्य-प्रणाली सन्तोषजनक नहीं पाये जाने की वजह से इनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है.

हरिद्वार/खटीमा: उधम सिंह नगर जिले में गुरुवार से राइस मिलों द्वारा मंडी समितियों में सरकारी रेट पर नमी के अनुसार धान की खरीद शुरू हो गयी है. खटीमा और नानकमत्ता में तो राइस मिलों द्वारा धान की खरीद शुरू कर दी गयी है, लेकिन सितारगंज में राइस मिलों और किसानों के बीच स्थानीय प्रशासन व किसान आयोग के उपाध्यक्ष सरदार राजपाल सिंह द्वारा करायी गयी बातचीत असफल होने के कारण राइस मिलों ने सितारगंज मंडी समिति में धान खरीदने से इंकार कर दिया है.

खटीमा में 3000 से अधिक कुंतल धान राइस मिलों द्वारा मंडी समिति से खरीदा गया. वहीं, नानकमत्ता में भी दो हजार कुंतल से अधिक धान खरीदा गया, लेकिन सितारगंज में राइस मिलों और किसानों के बीच धान खरीद को लेकर विवाद हो गया. मामले को सुलझाने के लिए राज्य किसान आयोग के उपाध्यक्ष सरदार राजपाल सिंह की अध्यक्षता में किसानों और राइस मिलों के बीच वार्ता भी हुई थी, लेकिन दोनों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई. आखिर में राइस मिल से जुड़े लोग धान खरीदे बिना वापस चले गए. किसानों का आरोप है कि राइस मिलर सरकार के बनाए नियमों को भी नहीं मान रहे हैं.

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राज्य किसान आयोग के उपाध्यक्ष सरदार राजपाल सिंह ने कहा कि सितारगंज में राइस मिलों ने सिर्फ उत्तराखंड के किसानों का ही धान खरीदने की बात कही है. राइस मिलों ने उन किसानों का धान खरीदने से मना कर दिया, जिनकी जमीन यूपी में है. हालांकि जल्द ही यहां भी धान की खरीद शुरू हो जाएगी.

हरिद्वार में धान खरीद केंदों का निरीक्षण

हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर को किसानों से धान की फसल को बेचने में आ रही दिक्कतों के सम्बन्ध में निरन्तर शिकायतें प्राप्त हो रही थी, जबकि धान खरीद की यह प्रक्रिया प्रत्येक वर्ष की नियमित प्रक्रिया है. किसानों की बार-बार आ रही शिकायतों व कृषकों के आक्रोश को देखते हुए गुरुवार को जिलाधिकारी ने धान क्रय केन्द्रों के औचक निरीक्षण के लिए टीम गठित की थी.

धान क्रय केन्द्रों के सम्बन्ध में एडीएम वित्त एवं राजस्व केके मिश्रा ने बताया कि जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में धान खरीद के लिये खाद्य विभाग एवं यूसीपीएफ के 17 धान क्रय केन्द्र खोले गये थे. जिन्हें 1 अक्टूबर से संचालित कियाा जाना था. बार-बार बैठकों में क्रय केन्द्रों के संचालन हेतु जिला खरीद अधिकारी द्वारा मौखिक अथवा लिखित रूप से निर्देशित करने के बावजूद धान क्रय केन्द्रों की ढीली कार्य प्रणाली के बारे में किसानों से शिकायतें प्राप्त हो रही थी. जिसे देखते हुये जिलाधिकारी के निर्देश पर धान खरीद केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया गया.

उन्होंने बताया कि औचक निरीक्षण के दौरान 17 धान क्रय केन्द्रों में से केवल तीन क्रय केन्द्रों की कार्य प्रणाली सन्तोषजनक पाई गयी, जबकि अन्य 14 धान खरीद केन्द्रों पर केवल पंजीकरण का कार्य हो रहा था. धान खरीद सम्बन्धी कार्य नहीं हो रहा था. इन सभी 14 केन्द्रों की कार्य-प्रणाली सन्तोषजनक नहीं पाये जाने की वजह से इनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है.

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