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राज्य सरकार ने शिक्षा मंत्री और पूर्व सांसद को दी राहत, मुकदमे होंगे वापस - सचिन भारती हत्याकांड

राज्य सरकार ने शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे और पूर्व सांसद बलराज पासी के खिलाफ दर्ज दो मुकदमों को वापस लेने का फरमान जारी कर दिया है.

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Published : Sep 4, 2019, 2:02 PM IST

काशीपुर: राज्य सरकार इन दिनों जिसकी लाठी उसकी भैंस कहावत चरितार्थ करती हुई नजर आ रही है. दरअसर, राज्य सरकार ने शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडेय के खिलाफ दर्ज दो अलग-अलग मुकदमों को वापस लेने का फरमान जारी कर दिया.

राज्य सरकार ने शिक्षा मंत्री और पूर्व सांसद को दी राह

उत्तराखंड की प्रदेश सरकार ने शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे और पूर्व सांसद बलराज पासी को दो दिन में दो मुकदमों में राहत दी है. साल 2012 में जसपुर में हाई वे जाम करने का केस वापस लेने संबंधी पत्र अपर सचिव ने सोमवार को जारी किया था. उसके अगले ही दिन यानी कि मंगलवार को राज्य सरकार ने साल 2013 में काशीपुर में मर्डर केस में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर काशीपुर कोतवाली में हंगामा करने के मामले में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे और पूर्व सांसद बलराज पासी समेत 11 लोगों पर दर्ज मुकदमा वापस लेने की संस्तुति की है.

पढ़ें- आयकर विभाग की स्थिति बदहाल, रूफ सीलिंग के गिरने से बाल-बाल बचे कर्मचारी

क्या था मामला ?
दरअसल, एक नवंबर साल 2013 को काशीपुर के महेशपुरा निवासी सचिन भारती का अपहरण कर हत्या कर दी गयी थी. उसका शव आर्य नगर में एक खाली भूखंड में पड़ा मिला था. आरोपियों पर कार्रवाई की मांग और हत्याकांड के खुलासे को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने लंबा आंदोलन चलाया था. जिसके तहत 8 नवम्बर 2013 को तत्कालीन गदरपुर विधायक अरविंद पांडे (अब शिक्षामंत्री) और पूर्व सांसद बलराज पासी ने अपने समर्थकों के साथ कोतवाली में धरना-प्रदर्शन किया था.

तत्कालीन एसएसआई धीरेंद्र कुमार ने 10 बीजेपी को नामजद करते हुए 110 अन्य के खिलाफ पुलिस के प्रति अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करने और सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था.

इस मामले में पूर्व सांसद बलराज पासी, गदरपुर विधायक अरविंद पांडे, राम मेहरोत्रा, गुरविंदर सिंह चंडोक, अजय शर्मा, खिलेंद्र चौधरी, मनोज पाल, ईश्वर चंद्र गुप्ता, वासु शर्मा, गगन कांबोज आदि के खिलाफ धारा 147, 353, 341 व 500 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था.

साल 2015 में पुलिस ने इस मामले में न्यायालय में चार्जशीट दायर की. तब से यह मुकदमा न्यायालय में लंबित है. 30 जुलाई 2019 को उत्तराखंड शासन के अपर सचिव (गृह) अतर सिंह ने डीएम, उधम सिंह नगर को अवगत कराया है कि काशीपुर कोतवाली में पंजीकृत मुकदमा अपराध संख्या 544/2013 सरकार बनाम अरविंद पांडेय और अन्य से संबंधित अभियोग शासन ने वापस लेने का निर्णय लिया है. इसलिए सीपीसी 1973 की धारा 321 के अंतर्गत उक्त मुकदमा न्यायालय की सम्मति से वापस ले लिया जाए.

काशीपुर: राज्य सरकार इन दिनों जिसकी लाठी उसकी भैंस कहावत चरितार्थ करती हुई नजर आ रही है. दरअसर, राज्य सरकार ने शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडेय के खिलाफ दर्ज दो अलग-अलग मुकदमों को वापस लेने का फरमान जारी कर दिया.

राज्य सरकार ने शिक्षा मंत्री और पूर्व सांसद को दी राह

उत्तराखंड की प्रदेश सरकार ने शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे और पूर्व सांसद बलराज पासी को दो दिन में दो मुकदमों में राहत दी है. साल 2012 में जसपुर में हाई वे जाम करने का केस वापस लेने संबंधी पत्र अपर सचिव ने सोमवार को जारी किया था. उसके अगले ही दिन यानी कि मंगलवार को राज्य सरकार ने साल 2013 में काशीपुर में मर्डर केस में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर काशीपुर कोतवाली में हंगामा करने के मामले में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे और पूर्व सांसद बलराज पासी समेत 11 लोगों पर दर्ज मुकदमा वापस लेने की संस्तुति की है.

पढ़ें- आयकर विभाग की स्थिति बदहाल, रूफ सीलिंग के गिरने से बाल-बाल बचे कर्मचारी

क्या था मामला ?
दरअसल, एक नवंबर साल 2013 को काशीपुर के महेशपुरा निवासी सचिन भारती का अपहरण कर हत्या कर दी गयी थी. उसका शव आर्य नगर में एक खाली भूखंड में पड़ा मिला था. आरोपियों पर कार्रवाई की मांग और हत्याकांड के खुलासे को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने लंबा आंदोलन चलाया था. जिसके तहत 8 नवम्बर 2013 को तत्कालीन गदरपुर विधायक अरविंद पांडे (अब शिक्षामंत्री) और पूर्व सांसद बलराज पासी ने अपने समर्थकों के साथ कोतवाली में धरना-प्रदर्शन किया था.

तत्कालीन एसएसआई धीरेंद्र कुमार ने 10 बीजेपी को नामजद करते हुए 110 अन्य के खिलाफ पुलिस के प्रति अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करने और सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था.

इस मामले में पूर्व सांसद बलराज पासी, गदरपुर विधायक अरविंद पांडे, राम मेहरोत्रा, गुरविंदर सिंह चंडोक, अजय शर्मा, खिलेंद्र चौधरी, मनोज पाल, ईश्वर चंद्र गुप्ता, वासु शर्मा, गगन कांबोज आदि के खिलाफ धारा 147, 353, 341 व 500 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था.

साल 2015 में पुलिस ने इस मामले में न्यायालय में चार्जशीट दायर की. तब से यह मुकदमा न्यायालय में लंबित है. 30 जुलाई 2019 को उत्तराखंड शासन के अपर सचिव (गृह) अतर सिंह ने डीएम, उधम सिंह नगर को अवगत कराया है कि काशीपुर कोतवाली में पंजीकृत मुकदमा अपराध संख्या 544/2013 सरकार बनाम अरविंद पांडेय और अन्य से संबंधित अभियोग शासन ने वापस लेने का निर्णय लिया है. इसलिए सीपीसी 1973 की धारा 321 के अंतर्गत उक्त मुकदमा न्यायालय की सम्मति से वापस ले लिया जाए.

Intro:summary- प्रदेश की त्रिवेंद्र रावत सरकार ने जिसकी लाठी उसकी भैंस नामक कहावत को आख़िरकार चरितार्थ कर ही दिया जब दो दिन में अपनी ही सरकार के शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडेय को दो अलग अलग मामलों में दर्ज़ मुक़दमे वापस लेने का फरमान जारी कर दिया !
एंकर- उत्तराखंड की प्रदेश सरकार ने शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे और पूर्व सांसद बलराज पासी को दो दिन में दो मुकदमों में राहत दे दी है। सोमवार को 2012 में जसपुर में हाईवे जाम करने का केस वापस लेने संबंधी पत्र अपर सचिव ने जारी किया था तो उसके अगले ही दिन यानी कि मंगलवार को वर्ष 2013 में काशीपुर में एक मर्डर केस के मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही को लेकर काशीपुर कोतवाली में हंगामा करने और मंत्री पांडे और पूर्व सांसद बलराज पासी समेत 11 लोगों पर दर्ज बलवे का मुकदमा भी वापस लेने की संस्तुति प्रदेश सरकार ने की है।Body:वीओ- दरअसल एक नवंबर वर्ष 2013 को काशीपुर के महेशपुरा निवासी सचिन भारती का अपहरण कर हत्या कर दी गयी थी। उसका शव आर्य नगर में एक खाली भूखंड में पड़ा मिला था। मृतक का एक हाथ काटकर नाले में डाल दिया गया था। आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर इस हत्याकांड के खुलासे को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने लंबा आंदोलन चलाया था। इसी के तहत आठ नवम्बर 2013 को तत्कालीन गदरपुर विधायक अरविंद पांडे (अब शिक्षामंत्री), पूर्व सांसद बलराज पासी, वरिष्ठ भाजपा नेता राम मेहरोत्रा, गुरविंदर सिंह चंडोक (वर्तमान में पार्षद), खिलेंद्र चौधरी , मनोज पाल, ईश्वर चंद, बाबूराम शर्मा, गगन कांबोज, भगत सिंह ने कोतवाली में धरना-प्रदर्शन किया था। तत्कालीन एसएसआई धीरेंद्र कुमार ने 10 भाजपा नेताओं को नामजद करते हुए 110 अन्य के खिलाफ पुलिस के प्रति अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करने और सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में पूर्व सांसद बलराज पासी, गदरपुर विधायक अरविंद पांडे, राम मेहरोत्रा, गुरविंदर सिंह चंडोक, अजय शर्मा, खिलेंद्र चौधरी, मनोज पाल, ईश्वर चंद्र गुप्ता, वासु शर्मा, गगन कांबोज आदि के खिलाफ धारा 147, 353, 341 व 500 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। वर्ष 2015 में पुलिस ने इस मामले में न्यायालय में चार्जशीट दायर की। तब से यह मुकदमा न्यायालय में लंबित है। 30 जुलाई 2019 को उत्तराखंड शासन के अपर सचिव (गृह) अतर सिंह ने डीएम, ऊधमसिंह नगर को अवगत कराया है कि काशीपुर कोतवाली में पंजीकृत मुकदमा अपराध संख्या 544/2013 सरकार बनाम अरविंद पांडेय और अन्य से संबंधित अभियोग शासन ने वापस लेने का निर्णय लिया है। अत: सीपीसी 1973 की धारा 321 के अंतर्गत उक्त मुकदमा न्यायालय की सम्मति से वापस ले लिया जाए।
ततकलीन फाइल बाइट- अरविन्द पांडेय Conclusion:
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