रुद्रपुर: भारत सरकार की गोवर्धन योजना के तहत जल्द ही उधम सिंह नगर जिले के सितारगंज में प्रदेश का पहला बायोगैस प्लांट लगाने की तैयारी की जा रही है. 22 लाख की लागत से लगने वाले प्लांट से 30 परिवारों को गैस उपलब्ध होगी. साथ ही 90 परिवारों को जैविक खाद भी उपलब्ध कराई जाएगी. सब कुछ ठीक ठाक रहा तो 3 महीने के अंदर इस योजना का लाभ 120 परिवारों को मिल सकेगा.
ग्रामीण क्षेत्रों में साफ सफाई व पर्यावरण को स्वच्छ रखने और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने गोवर्धन योजना की शुरुआत की है. उत्तराखंड में भी इस योजना के तहत पहला प्लांट लगने लगने जा रहा है. सितारगंज में स्वजल विभाग एनजीओ ग्रामीण विकास एवं शोध संस्थान के सहयोग से 60 घन मीटर का प्लांट तैयार करेगा. 22 लाख की कीमत से तैयार बायोगैस प्लांट से 30 परिवार के चूल्हे जलेंगे. प्लांट से निकलने वाले वेस्ट मैटेरियल से जैविक खाद तैयार कर अन्य बाकी बचे हुए किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी.पढ़ें- गुपचुप तरीके से देहरादून पहुंचे BCCI सचिव जय शाह
जैविक खाद को लेकर एनजीओ द्वारा समय समय किसानों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी. 60 घन मीटर प्लांट के लिए गांव के ही 120 परिवारों से रोजाना 12 कुंतल गोबर इकट्ठा किया जाएगा. स्वजल परियोजना के निदेशक हिमांशु जोशी ने बताया कि भारत सरकार की गोवर्धन योजना के तहत प्रदेश का पहला सामूहिक बायोगैस प्लांट सितारगंज के सलमता गांव में बनाया जाएगा.
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60 घन मीटर के प्लांट से 30 परिवारों को पाइप लाइन से गैस उपलब्ध कराई जाएगी. बाकी बचे परिवारों को जैविक खाद उपलब्ध कराई जाएगी. उन्होंने बताया कि अगले तीन महीने में इस प्लांट को तैयार कर लिया जाएगा. यही नहीं जिले के रुद्रपुर और सितारगंज के दो अन्य गांवों में भी इस प्लांट का प्रस्ताव मिला है. जल्द ही इन प्रस्तावों पर भी आगे की कार्रवाई की जाएगी.