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बेटे की कामयाबी के लिए मां ने बेच दिए गहने, अब बेटे ने गोल्ड लाकर सपना किया साकार

मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करने वाले एक दिहाड़ी मजदूर के बेटे ने बॉक्सिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया है. प्रतिभाशाली नरेश नाथ के इस लक्ष्य को पाने के लिए मां ने अपने गहने तक बेच दिए थे.

बेटे की कामयाबी के लिए मां ने बेच दिए गहने.
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Published : Jun 25, 2019, 9:24 PM IST

काशीपुर: 'सूरज-सा तेज नहीं मुझमें, दीपक-सा जलता देखोगे. अपनी हद रोशन करने से, तुम मुझको कब तक रोकोगे'. इन पंक्तियों को रामनगर रोड स्थित कुमाऊं कॉलोनी के रहने वाले दिहाड़ी मजदूर दयाल सिंह के बेटे नरेश नाथ ने गोल्ड मेडल जीतकर साकार कर दिया. कक्षा 9 में पढ़ने वाले नरेश नाथ ने बॉक्सिंग में सब जूनियर राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता है. बेटे के इस मेडल की कामयाबी के लिए मां ने अपने गहने तक बेच दिए थे.

बेटे की कामयाबी के लिए मां ने बेच दिए गहने.

रामनगर रोड स्थित कुमाऊं कॉलोनी के रहने वाले दयाल सिंह मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. परिवार में पत्नी नीमा देवी के अलावा 2 पुत्र नरेश नाथ और दिनेश हैं. 3 साल पहले बड़े पुत्र नरेश नाथ को पढ़ाई के साथ बॉक्सिंग का भी जुनून सवार हो गया. घर के हालात अच्छे न होने के बाद भी माता-पिता ने पुत्र के जुनून को आगे बढ़ाने की ठानी. इसके बाद नरेश ने स्टेडियम में कोच पूरन चंद्र पांडे की देखरेख में प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया. वर्ष 2017 में हुए खेल महाकुंभ में गोल्ड मेडल जीता, इसके बाद खटीमा में आयोजित हुई राज्य स्तरीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता में कोई पदक नहीं जीत सका.

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बेतालघाट में हुई राज्य स्तरीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर प्रदेश के साथ-साथ अपने माता-पिता का नाम भी रोशन किया है. नरेश के मुताबिक, उसका चयन आगामी 2 जुलाई से हरियाणा के रोहतक में होने वाली राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए हो चुका है. इस प्रतियोगिता में जीते हुए स्वर्ण पदक को नरेश ने अपने माता-पिता और अपने कोच को समर्पित किया है.

काशीपुर: 'सूरज-सा तेज नहीं मुझमें, दीपक-सा जलता देखोगे. अपनी हद रोशन करने से, तुम मुझको कब तक रोकोगे'. इन पंक्तियों को रामनगर रोड स्थित कुमाऊं कॉलोनी के रहने वाले दिहाड़ी मजदूर दयाल सिंह के बेटे नरेश नाथ ने गोल्ड मेडल जीतकर साकार कर दिया. कक्षा 9 में पढ़ने वाले नरेश नाथ ने बॉक्सिंग में सब जूनियर राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता है. बेटे के इस मेडल की कामयाबी के लिए मां ने अपने गहने तक बेच दिए थे.

बेटे की कामयाबी के लिए मां ने बेच दिए गहने.

रामनगर रोड स्थित कुमाऊं कॉलोनी के रहने वाले दयाल सिंह मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. परिवार में पत्नी नीमा देवी के अलावा 2 पुत्र नरेश नाथ और दिनेश हैं. 3 साल पहले बड़े पुत्र नरेश नाथ को पढ़ाई के साथ बॉक्सिंग का भी जुनून सवार हो गया. घर के हालात अच्छे न होने के बाद भी माता-पिता ने पुत्र के जुनून को आगे बढ़ाने की ठानी. इसके बाद नरेश ने स्टेडियम में कोच पूरन चंद्र पांडे की देखरेख में प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया. वर्ष 2017 में हुए खेल महाकुंभ में गोल्ड मेडल जीता, इसके बाद खटीमा में आयोजित हुई राज्य स्तरीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता में कोई पदक नहीं जीत सका.

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बेतालघाट में हुई राज्य स्तरीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर प्रदेश के साथ-साथ अपने माता-पिता का नाम भी रोशन किया है. नरेश के मुताबिक, उसका चयन आगामी 2 जुलाई से हरियाणा के रोहतक में होने वाली राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए हो चुका है. इस प्रतियोगिता में जीते हुए स्वर्ण पदक को नरेश ने अपने माता-पिता और अपने कोच को समर्पित किया है.

Intro:Summary- समाज में एक मा अपने बच्चे को किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए अपनी सारी प्रतिष्ठा दांव पर लगा देती है इसी का जीता जागता उदाहरण पेश किया काशीपुर में रहने वाली दयाल सिंह की पत्नी नीमा देवी ने जिन्होंने कक्षा 9 में पढ़ने वाले अपने बेटे नरेश नाथ के शौक को पूरा करने के लिए अपने गहने तक बेच डाले। तो वही उनके बेटे ने अपनी मां की इस कुर्बानी को जाया नहीं जाने दिया और बॉक्सिंग में सब जूनियर राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता।

एंकर- काशीपुर में मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करने वाले एक दिहाड़ी मजदूर के बेटे ने बॉक्सिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया है। इसके साथ ही प्रतिभाशाली नरेश नाथ नाम के खिलाड़ी ने इस लक्ष्य को पाने के लिए अपनी माँ के द्वारा बेचे गए गहने के बदले सब जूनियर राज्य स्तरीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर अपने शहर का नाम रोशन कर दिया तो वही अब नेशनल बॉक्सिंग के लिए चयन होने पर एक बार फिर प्रदेश का नाम रोशन करने की ठानी है।
Body:वीओ- दरअसल रामनगर रोड स्थित कुमाऊं कॉलोनी के रहने वाले दयाल सिंह मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। परिवार में पत्नी नीमा देवी के अलावा 2 पुत्र नरेश नाथ और दिनेश हैं। 3 साल पूर्व बड़े पुत्र नरेश नाथ को कक्षा 9 की पढ़ाई के साथ-साथ बॉक्सिंग का जुनून सवार हो गया। घर की माली हालत अच्छी न होने के बाद भी माता पिता ने पुत्र के जुनून को आगे बढ़ाने की ठानी और इसके बाद नरेश ने स्टेडियम में कोच पूरन चंद्र पांडे की देखरेख में प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया। उसने वर्ष 2017 में हुए खेल महाकुंभ में गोल्ड मेडल जीता उसके बाद खटीमा में हुई राज्य स्तरीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया लेकिन पदक नहीं जीत पाया।
वीओ- इस साल बेतालघाट में हुई राज्य स्तरीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता के लिए उसका चयन हुआ तो इस बार उसकी मां नीमा देवी ने उसके खेल के जुनून को जारी रखने के लिए अपने गहने तक बेच डाले और उससे अपना खेल जारी रखने को कहा। नरेश ने अपने चयन को सार्थक सिद्ध करते हुए इस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर प्रदेश के साथ-साथ काशीपुर का नाम तथा अपने माता पिता का नाम भी रोशन किया है। काशीपुर पहुंचने पर उसके माता-पिता वाह भाई की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। नरेश के मुताबिक उसका चयन आया आगामी 2 जुलाई से हरियाणा के रोहतक में होने वाली राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए हो चुका है। इस प्रतियोगिता में नरेश ने अपने जीते हुए स्वर्ण पदक को अपने माता-पिता और अपने कोच को समर्पित किया। इस दौरान नरेश नाथ की माँ नीमा देवी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा आप उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक आए।
बाइट- नीमा देवी, नरेश की मां
बाइट- नरेश, स्वर्ण पदक विजेता
बाइट- दयाल सिंह, नरेश के पिताConclusion:
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