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खटीमा: कृषि बिल के विरोध में अखिल भारतीय किसान सभा ने दिया धरना

सितारगंज के किसानों ने भी तीन कृषि बिलों का विरोध शुरू कर दिया है. किसानों का कहना है कि कोरोनाकाल में किसानों ने ही देश को संभाल रखा है. अब सरकार किसान विरोधी नीतियों से किसानों और मंडियों का खत्म करना चाहती है.

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खटीमा न्यूज
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Published : Sep 22, 2020, 4:08 PM IST

खटीमा: उधम सिंह नगर जनपद में भी तीन कृषि बिलों का विरोध शुरू हो गया है. सितारगंज मंडी समिति में भी अखिल भारतीय किसान सभा के तत्वाधान में सैकड़ों किसानों ने धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने केंद्र सरकार से कृषि बिलों को वापस लेने की मांग की.

कृषि बिलों का अखिल भारतीय किसान सभा ने किया विरोध.

किसानों का कहना है कि कृषि बिलों के आने से गरीब किसान उद्योगपतियों का मजदूर बनकर रह जाएगा. उन्होंने सरकार से बिल को रद्द करने की मांग की है.

किसानों की मुख्य मांगें

  1. सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदारी सुनिश्चित करें नहीं तो उद्योगपति मनमानी कीमत पर उनसे उनकी कृषि उपज खरीदेंगे.
  2. किसानों की उपज की मंडी में ही खरीदारी हो, ताकि मंडी को टैक्स मिले और मंडी जो विकास कार्य कराती हैं विकास कार्य कराती रहें.
  3. किसानों की जमीन को उद्योगपतियों द्वारा लीज पर लिए जाने का प्रावधान खत्म किया जाएं.
  4. सरकार नियम बनाए कि जो भी उद्योगपति न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे कृषि उपज खरीदेगा, उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो.

पढ़ें- हरिद्वार की अस्थाई जेल से 8 कैदी फरार, अलर्ट जारी, सीमाओं पर बढ़ी चौकसी

प्रदर्शनकारी किसान नेता दलवीर सिंह ने कहा कि अगर सरकार इन 4 बिंदुओं पर परिवर्तन नहीं करती है तो सभी किसान इन बिलों के रद्द होने तक धरना-प्रदर्शन जारी रखेंगे.

खटीमा: उधम सिंह नगर जनपद में भी तीन कृषि बिलों का विरोध शुरू हो गया है. सितारगंज मंडी समिति में भी अखिल भारतीय किसान सभा के तत्वाधान में सैकड़ों किसानों ने धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने केंद्र सरकार से कृषि बिलों को वापस लेने की मांग की.

कृषि बिलों का अखिल भारतीय किसान सभा ने किया विरोध.

किसानों का कहना है कि कृषि बिलों के आने से गरीब किसान उद्योगपतियों का मजदूर बनकर रह जाएगा. उन्होंने सरकार से बिल को रद्द करने की मांग की है.

किसानों की मुख्य मांगें

  1. सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदारी सुनिश्चित करें नहीं तो उद्योगपति मनमानी कीमत पर उनसे उनकी कृषि उपज खरीदेंगे.
  2. किसानों की उपज की मंडी में ही खरीदारी हो, ताकि मंडी को टैक्स मिले और मंडी जो विकास कार्य कराती हैं विकास कार्य कराती रहें.
  3. किसानों की जमीन को उद्योगपतियों द्वारा लीज पर लिए जाने का प्रावधान खत्म किया जाएं.
  4. सरकार नियम बनाए कि जो भी उद्योगपति न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे कृषि उपज खरीदेगा, उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो.

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प्रदर्शनकारी किसान नेता दलवीर सिंह ने कहा कि अगर सरकार इन 4 बिंदुओं पर परिवर्तन नहीं करती है तो सभी किसान इन बिलों के रद्द होने तक धरना-प्रदर्शन जारी रखेंगे.

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