जसपुरः बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाला मामले में हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद एसआईटी की टीम जांच में तेजी ला रही है. एसएसपी के निर्देश पर विवेचकों ने सबूत जुटाने के साथ ही दलालों और शैक्षिक संस्थानों के लोगों की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए हैं. जबकि, बाहरी राज्यों और जिले के चिह्नित शैक्षिक संस्थाओं की जांच के लिए टीमों को अहम जिम्मेदारी भी दी गई है.
गौर हो कि छात्रवृत्ति घोटाले मामले में एसआईटी अभी तक 15 शैक्षिक संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चुकी है. जबकि, आठ लोगों को जेल भी भेज चुकी है. जसपुर और बाजपुर में दर्ज मुकदमों में दलालों को जेल भेजने के साथ ही पुलिस टीम ने नामजद यूपी और हरियाणा के आठ शैक्षिक संस्थानों के दस्तावेज भी खंगाले हैं. इन शैक्षिक संस्थानों की हालत देखकर पुलिस की टीम भी चौंक गई थी.
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सूत्रों के मुताबिक पुलिस को यूपी के तीन कॉलेजों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का सबूत मिला था. हरियाणा के पांच में से तीन कॉलेजों के छात्रों के संबंधी दस्तावेज नहीं मिले थे. यहां पर न तो बच्चों के एडमिशन हुए न ही छात्रवृत्ति के लिए समाज कल्याण विभाग को कागजात भेजे गए. ऐसे में माना जा रहा है कि इन कॉलेजों के नाम पर दलालों ने फर्जी मोहर और कागजातों का इस्तेमाल किया है.
एडमिशन दिखाने के बाद मिलीभगत कर छात्रवृत्ति चेक हासिल करने की बात भी सामने आ रही है. छात्रवृत्ति संबंधी पत्राचार की मिलीभगत के जरिए समाज कल्याण के अभिलेखों में इसे दर्शाया गया है. इससे पहले भी बाजपुर से गिरफ्तार एक दलाल राजेंद्र से पुलिस ने बाजपुर एसडीएम की फर्जी मोहर भी बरामद की थी.
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जबकि, इस मोहर का इस्तेमाल छात्रों के फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने में किया जाता था. ऐसा माना जा रहा है कि कई फर्जी पेड का इस्तेमाल इन कॉलेजों में एडमिशन के नाम पर किया गया हो, अभी ये कॉलेज जांच के दायरे से बाहर नहीं निकले हैं. जांच अधिकारी ललित जोशी का कहना है कि जांच उपरांत के नामजदों की गिरफ्तारी की जाएगी.