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छात्रवृत्ति घोटालाः HC के आदेश के बाद SIT जांच में तेजी, खंगाले जा रहे अहम दस्तावेज - नैनीताल हाईकोर्ट

छात्रवृत्ति घोटाले मामले में एसआईटी अभी तक 15 शैक्षिक संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चुकी है. जबकि, आठ लोगों को जेल भी भेज चुकी है. अभी भी टीम मामले में गहनता से जांच में जुटी है.

scholarship scam case
छात्रवृत्ति घोटाले की एसआईटी जांच
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Published : Jan 11, 2020, 8:18 AM IST

जसपुरः बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाला मामले में हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद एसआईटी की टीम जांच में तेजी ला रही है. एसएसपी के निर्देश पर विवेचकों ने सबूत जुटाने के साथ ही दलालों और शैक्षिक संस्थानों के लोगों की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए हैं. जबकि, बाहरी राज्यों और जिले के चिह्नित शैक्षिक संस्थाओं की जांच के लिए टीमों को अहम जिम्मेदारी भी दी गई है.

छात्रवृत्ति घोटाले की एसआईटी जांच.

गौर हो कि छात्रवृत्ति घोटाले मामले में एसआईटी अभी तक 15 शैक्षिक संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चुकी है. जबकि, आठ लोगों को जेल भी भेज चुकी है. जसपुर और बाजपुर में दर्ज मुकदमों में दलालों को जेल भेजने के साथ ही पुलिस टीम ने नामजद यूपी और हरियाणा के आठ शैक्षिक संस्थानों के दस्तावेज भी खंगाले हैं. इन शैक्षिक संस्थानों की हालत देखकर पुलिस की टीम भी चौंक गई थी.

ये भी पढे़ंः एनआईटी सुमाड़ी मामला: हाई कोर्ट में जवाब पेश नहीं कर पाई केंद्र और राज्य सरकार

सूत्रों के मुताबिक पुलिस को यूपी के तीन कॉलेजों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का सबूत मिला था. हरियाणा के पांच में से तीन कॉलेजों के छात्रों के संबंधी दस्तावेज नहीं मिले थे. यहां पर न तो बच्चों के एडमिशन हुए न ही छात्रवृत्ति के लिए समाज कल्याण विभाग को कागजात भेजे गए. ऐसे में माना जा रहा है कि इन कॉलेजों के नाम पर दलालों ने फर्जी मोहर और कागजातों का इस्तेमाल किया है.

एडमिशन दिखाने के बाद मिलीभगत कर छात्रवृत्ति चेक हासिल करने की बात भी सामने आ रही है. छात्रवृत्ति संबंधी पत्राचार की मिलीभगत के जरिए समाज कल्याण के अभिलेखों में इसे दर्शाया गया है. इससे पहले भी बाजपुर से गिरफ्तार एक दलाल राजेंद्र से पुलिस ने बाजपुर एसडीएम की फर्जी मोहर भी बरामद की थी.

ये भी पढे़ंः नैनीताल हाईकोर्ट ने अग्रिम आदेशों तक वन दारोगा भर्ती प्रक्रिया पर लगाई रोक

जबकि, इस मोहर का इस्तेमाल छात्रों के फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने में किया जाता था. ऐसा माना जा रहा है कि कई फर्जी पेड का इस्तेमाल इन कॉलेजों में एडमिशन के नाम पर किया गया हो, अभी ये कॉलेज जांच के दायरे से बाहर नहीं निकले हैं. जांच अधिकारी ललित जोशी का कहना है कि जांच उपरांत के नामजदों की गिरफ्तारी की जाएगी.

जसपुरः बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाला मामले में हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद एसआईटी की टीम जांच में तेजी ला रही है. एसएसपी के निर्देश पर विवेचकों ने सबूत जुटाने के साथ ही दलालों और शैक्षिक संस्थानों के लोगों की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए हैं. जबकि, बाहरी राज्यों और जिले के चिह्नित शैक्षिक संस्थाओं की जांच के लिए टीमों को अहम जिम्मेदारी भी दी गई है.

छात्रवृत्ति घोटाले की एसआईटी जांच.

गौर हो कि छात्रवृत्ति घोटाले मामले में एसआईटी अभी तक 15 शैक्षिक संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चुकी है. जबकि, आठ लोगों को जेल भी भेज चुकी है. जसपुर और बाजपुर में दर्ज मुकदमों में दलालों को जेल भेजने के साथ ही पुलिस टीम ने नामजद यूपी और हरियाणा के आठ शैक्षिक संस्थानों के दस्तावेज भी खंगाले हैं. इन शैक्षिक संस्थानों की हालत देखकर पुलिस की टीम भी चौंक गई थी.

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सूत्रों के मुताबिक पुलिस को यूपी के तीन कॉलेजों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का सबूत मिला था. हरियाणा के पांच में से तीन कॉलेजों के छात्रों के संबंधी दस्तावेज नहीं मिले थे. यहां पर न तो बच्चों के एडमिशन हुए न ही छात्रवृत्ति के लिए समाज कल्याण विभाग को कागजात भेजे गए. ऐसे में माना जा रहा है कि इन कॉलेजों के नाम पर दलालों ने फर्जी मोहर और कागजातों का इस्तेमाल किया है.

एडमिशन दिखाने के बाद मिलीभगत कर छात्रवृत्ति चेक हासिल करने की बात भी सामने आ रही है. छात्रवृत्ति संबंधी पत्राचार की मिलीभगत के जरिए समाज कल्याण के अभिलेखों में इसे दर्शाया गया है. इससे पहले भी बाजपुर से गिरफ्तार एक दलाल राजेंद्र से पुलिस ने बाजपुर एसडीएम की फर्जी मोहर भी बरामद की थी.

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जबकि, इस मोहर का इस्तेमाल छात्रों के फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने में किया जाता था. ऐसा माना जा रहा है कि कई फर्जी पेड का इस्तेमाल इन कॉलेजों में एडमिशन के नाम पर किया गया हो, अभी ये कॉलेज जांच के दायरे से बाहर नहीं निकले हैं. जांच अधिकारी ललित जोशी का कहना है कि जांच उपरांत के नामजदों की गिरफ्तारी की जाएगी.

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दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर हाईकोर्ट का रुख के बाद एसआईटी जांच तेज ला रही है बाहरी राज्यों के अलावा जिले के चिन्हित शैक्षिक संस्थाओं की जांच के लिए टीमों को जिम्मेदारी दी गई है,

एंकर - बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले मे एसएसपी के निर्देश पर विवेचको ने साक्षियो को जुटाने के साथ-ही दलालो और शैक्षिक संस्थानोंके लोगो की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए गए है,

Body:गौरतलब हे कि छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी अभी तक 15 शैक्षिक संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के साथ ही आठ दलालो को जेल भेज चुकी है, जसपुर और बाजपुर में दर्ज मुकदमों में दलालों को जेल भेजने के साथ ही पुलिस टीमों ने नामजद यूपी और हरियाणा के आठ शैक्षिक संस्थानों के दस्तावेज भी खंगाले हैं, शैक्षिक संस्थानों के हालात देखकर पुलिस टीम भी चौक गई थी सूत्रों के अनुसार यूपी के तीन कॉलेज में तो बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा पुलिस को मिला था, हरियाणा के पांच में से तीन कॉलेजों के छात्रों के संबंधी दस्तावेज नहीं मिले थे यहां से न तो बच्चों के एडमिशन हुए न हीं छात्रवृत्ति के लिए समाज कल्याण विभाग के कागजात भेजने की बात सामने आई है, इससे माना जा रहा है कि इन कॉलेजों के नाम पर कहीं दलालों ने फर्जी मोहर कागजातों का इस्तेमाल कर ऐडमिशन दरसाकर मिलीभगत कर छात्रवृत्ति चेक हासिल कर लिए छात्रवृत्ति संबंधी पत्राचार मिलीभगत से समाज कल्याण के अभिलेखों में दर्शाया गया है

पूर्व में बाजपुर से गिरफ्तार एक दलाल राजेंद्र से बाजपुर एसडीएम की फर्जी मोहर भी पुलिस ने बरामद की थी मोहर का इस्तेमाल छात्रों के फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने में किया जाता था ऐसा माना जा रहा है कि कई फर्जी पेड का इस्तेमाल इन कॉलेजों में एडमिशन के नाम पर किया गया हो, अभी यह कॉलेज जाँच के दायरे से बाहर नहीं निकले हैं, जांच अधिकारी ललित जोशी ने बताया कि जांच उपरांत नामजदो की गिरफ्तारी अमल में लाई जाएगी,

बाइट -ललित जोशी, विवेचना अधिकारी एस आईटी जसपुर, Conclusion:
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