काशीपुरः राज्यसभा में तीन तलाक का बिल पास हो गया है. बिल पारित होने के बाद मुस्लिम महिलाओं के लिए मिसाल बनीं सायरा बानो अपने घर पहुंचीं. इस दौरान परिजनों ने उनका जोरदार स्वागत किया. साथ ही एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी जाहिर की. सायरा ने कहा कि उनकी लड़ाई मुस्लिम समाज की एक कुरीति के खिलाफ थी, जिस पर उन्हें जीत मिली है.
देश भर की मुस्लिम महिलाओं के साथ तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वाली सायरा बानो बुधवार तड़के काशीपुर पहुंची. इस दौरान परिजनों और स्थानीय लोगों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर शायरा को शुभकामनाएं दी. सायरा बानो ने बताया कि 2015 में शादी के बाद ससुराल वालों ने उसे काफी प्रताड़ित किया था. इतना ही नहीं उन्हें तलाक भी झेलना पड़ा है. जिसके बाद उन्होंने 23 फरवरी 2016 को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
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उन्होंने कहा कि तीन साल के लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार बिल पास हो गया. जिस पर उन्हें बेहद खुशी है. उन्हें इसके लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था. ये एक कुरीति के खिलाफ लड़ाई थी. इस दौरान कई लोगों ने इसे शरीयत के खिलाफ बताया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी, जिकसे कारण आज मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिल पाया है.
सायरा ने कहा कि आज भी मुस्लिम समाज में कई कुरीतियां है. जिसके खिलाफ जागरुक होना जरूरी है. वहीं, सायरा के पिता इकबाल अहमद ने विपक्ष के लोकसभा और राज्यसभा में इस बिल के खिलाफ जाने पर अफसोस जाहिर किया. उधर, शायरा के भाई शकील अहमद, मां फिरोजा बेगम और भाई अरशद के साथ ही अन्य लोगों ने खुशी जताई.