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तीन तलाक बिल पर बोलीं सायरा बानो, एक कुरीति का हुआ अंत

सायरा बानो ने कहा कि तीन साल के लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार बिल पास हो गया है. जिस पर उन्हें बेहद खुशी है. उन्हें इसके लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था. ये एक कुरीति के खिलाफ लड़ाई थी.

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Published : Jul 31, 2019, 9:02 PM IST

Updated : Jul 31, 2019, 9:25 PM IST

काशीपुरः राज्यसभा में तीन तलाक का बिल पास हो गया है. बिल पारित होने के बाद मुस्लिम महिलाओं के लिए मिसाल बनीं सायरा बानो अपने घर पहुंचीं. इस दौरान परिजनों ने उनका जोरदार स्वागत किया. साथ ही एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी जाहिर की. सायरा ने कहा कि उनकी लड़ाई मुस्लिम समाज की एक कुरीति के खिलाफ थी, जिस पर उन्हें जीत मिली है.

तीन तलाक बिल पारित होने के बाद घर पहुंचीं सायरा बानो.

देश भर की मुस्लिम महिलाओं के साथ तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वाली सायरा बानो बुधवार तड़के काशीपुर पहुंची. इस दौरान परिजनों और स्थानीय लोगों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर शायरा को शुभकामनाएं दी. सायरा बानो ने बताया कि 2015 में शादी के बाद ससुराल वालों ने उसे काफी प्रताड़ित किया था. इतना ही नहीं उन्हें तलाक भी झेलना पड़ा है. जिसके बाद उन्होंने 23 फरवरी 2016 को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

ये भी पढ़ेंः यमुनोत्री हाइवे पर नासूर बनता जा रहा डाबरकोट, भू-स्खलन ने बढ़ाई लोगों की परेशानी

उन्होंने कहा कि तीन साल के लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार बिल पास हो गया. जिस पर उन्हें बेहद खुशी है. उन्हें इसके लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था. ये एक कुरीति के खिलाफ लड़ाई थी. इस दौरान कई लोगों ने इसे शरीयत के खिलाफ बताया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी, जिकसे कारण आज मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिल पाया है.

सायरा ने कहा कि आज भी मुस्लिम समाज में कई कुरीतियां है. जिसके खिलाफ जागरुक होना जरूरी है. वहीं, सायरा के पिता इकबाल अहमद ने विपक्ष के लोकसभा और राज्यसभा में इस बिल के खिलाफ जाने पर अफसोस जाहिर किया. उधर, शायरा के भाई शकील अहमद, मां फिरोजा बेगम और भाई अरशद के साथ ही अन्य लोगों ने खुशी जताई.

काशीपुरः राज्यसभा में तीन तलाक का बिल पास हो गया है. बिल पारित होने के बाद मुस्लिम महिलाओं के लिए मिसाल बनीं सायरा बानो अपने घर पहुंचीं. इस दौरान परिजनों ने उनका जोरदार स्वागत किया. साथ ही एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी जाहिर की. सायरा ने कहा कि उनकी लड़ाई मुस्लिम समाज की एक कुरीति के खिलाफ थी, जिस पर उन्हें जीत मिली है.

तीन तलाक बिल पारित होने के बाद घर पहुंचीं सायरा बानो.

देश भर की मुस्लिम महिलाओं के साथ तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वाली सायरा बानो बुधवार तड़के काशीपुर पहुंची. इस दौरान परिजनों और स्थानीय लोगों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर शायरा को शुभकामनाएं दी. सायरा बानो ने बताया कि 2015 में शादी के बाद ससुराल वालों ने उसे काफी प्रताड़ित किया था. इतना ही नहीं उन्हें तलाक भी झेलना पड़ा है. जिसके बाद उन्होंने 23 फरवरी 2016 को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

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उन्होंने कहा कि तीन साल के लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार बिल पास हो गया. जिस पर उन्हें बेहद खुशी है. उन्हें इसके लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था. ये एक कुरीति के खिलाफ लड़ाई थी. इस दौरान कई लोगों ने इसे शरीयत के खिलाफ बताया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी, जिकसे कारण आज मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिल पाया है.

सायरा ने कहा कि आज भी मुस्लिम समाज में कई कुरीतियां है. जिसके खिलाफ जागरुक होना जरूरी है. वहीं, सायरा के पिता इकबाल अहमद ने विपक्ष के लोकसभा और राज्यसभा में इस बिल के खिलाफ जाने पर अफसोस जाहिर किया. उधर, शायरा के भाई शकील अहमद, मां फिरोजा बेगम और भाई अरशद के साथ ही अन्य लोगों ने खुशी जताई.

Intro:Summary- राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास होने के बाद देश भर की मुस्लिम महिलाओं के साथ साथ तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाकर मुस्लिम महिलाओं के लिए मिसाल बनी काशीपुर की सायरा बानो के परिवार में भी खुशी का माहौल है। सायरा बानो के परिवार में आज सभी ने एक दूसरे को मुंह मीठा कराकर खुशी जाहिर की। इस दौरान सायरा के पिता ने विपक्ष के इस बिल के खिलाफ जाने पर अफसोस जाहिर किया।

एंकर- तीन तलाक के खिलाफ लोकसभा के बाद राज्यसभा में बिल पास होने के बाद देश भर की मुस्लिम महिलाओं में जहां खुशी का माहौल है तो वही देशभर में तीन तलाक के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं की आवाज बनी सायरा बानो का परिवार तीन तलाक बिल के राज्यसभा में पास होने पर बेहद खुश है।
Body:वीओ- दिल्ली से आज तड़के काशीपुर वापस लौटी सायरा बानो और उनके परिवार में सभी ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दी। इस दौरान उनके पिता इकबाल अहमद में विपक्ष के द्वारा लोकसभा और राज्यसभा में इस बिल के खिलाफ जाने पर बहुत अफसोस जाहिर किया लेकिन साथ ही उनके पिता इकबाल अहमद भाई शकील अहमद मां फिरोजा बेगम और भाई अरशद के साथ-साथ परिवार में सभी लोगों में खुशी साफ दिखाई दी। इस दौरान सायरा बानो ने बताया कि किस तरह उनको 2015 में शादी के बाद ससुराल वालों के द्वारा प्रताड़ित किया गया और 23 फरवरी 2016 को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अब जाकर 3 साल के लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार बिल पास हो गया जिसकी उन्हें बेहद खुशी है। इस दौरान सायरा के पिता ने विपक्ष के इस बिल के खिलाफ जाने पर अफसोस जाहिर किया।
बाइट- सायरा बानो, तीन तलाक के खिलाफ जंग लड़ने वाली महिला
बाइट- इकबाल अहमद, सायरा के पिता
बाइट- शकील अहमद सायरा के भाईConclusion:
Last Updated : Jul 31, 2019, 9:25 PM IST
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