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काशीपुर: हाईटेंशन की चपेट में आया बच्चा, हालत गंभीर

खड़कपुर और देवीपुरा में घरों के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन विद्युत लाइन हादसे का सबब बनी हुई है. जो आए दिन हादसों को दावत दे रही हैं.

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हाईटेंशन लाइन
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Published : Jun 2, 2020, 3:11 PM IST

काशीपुर: आईटीआई थाना क्षेत्र के खड़कपुर देवीपुरा में छत के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से सात साल का बच्चा झुलस गया. आनन-फानन में परिजनों ने बच्चे को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. जहां उसका उपचार चल रहा है. परिजनों का आरोप है, कि शिकायत करने के बाद भी विभाग ने एचटी लाइनें नहीं हटाई हैं.

दरअसल, खड़कपुर और देवीपुरा में घरों के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन विद्युत लाइन हादसे का सबब बनी हुई है. सोमवार शाम मुरादाबाद की रहने वाली सीमा अपने सात वर्षीय बेटे नितिन को लेकर अपने बीमार पिता हरिराम को देखने आई थी. नितिन पड़ोस के बच्चों के साथ घर की छत पर खेल रहा था, तभी अचानक वह छत से गुजर रही एचटी लाइन की चपेट में आ गया. जिसके बाद परिजनों ने 108 वाहन को फोन किया लेकिन वे भी समय से मौके पर नहीं पहुंच सकी. परिजनों ने बच्चे को एक निजी वाहन से काशीपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया.

स्थानीय लोगों का कहना है कि दो साल अंदर एक श्रमिक महिला, एक व्यक्ति, एक बच्चा और दो मवेशी करंट की चपेट में आ चुके हैं. कई बार शिकायत के बाद भी लाइनें नहीं हटाई गई, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

पढ़ें: दिशा एंटरप्राइजेज में लगी भीषण आग, लाखों का सामान जलकर हुआ खाक

विद्युत विभाग के जेई राजेश बिष्ट ने बताया कि लाइनें 40 साल पुरानी हैं. लोगों द्वारा लाइनों के नीचे मकान बनाए गए हैं. वर्तमान में लाइनों को हटाना संभव नहीं है.

काशीपुर: आईटीआई थाना क्षेत्र के खड़कपुर देवीपुरा में छत के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से सात साल का बच्चा झुलस गया. आनन-फानन में परिजनों ने बच्चे को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. जहां उसका उपचार चल रहा है. परिजनों का आरोप है, कि शिकायत करने के बाद भी विभाग ने एचटी लाइनें नहीं हटाई हैं.

दरअसल, खड़कपुर और देवीपुरा में घरों के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन विद्युत लाइन हादसे का सबब बनी हुई है. सोमवार शाम मुरादाबाद की रहने वाली सीमा अपने सात वर्षीय बेटे नितिन को लेकर अपने बीमार पिता हरिराम को देखने आई थी. नितिन पड़ोस के बच्चों के साथ घर की छत पर खेल रहा था, तभी अचानक वह छत से गुजर रही एचटी लाइन की चपेट में आ गया. जिसके बाद परिजनों ने 108 वाहन को फोन किया लेकिन वे भी समय से मौके पर नहीं पहुंच सकी. परिजनों ने बच्चे को एक निजी वाहन से काशीपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया.

स्थानीय लोगों का कहना है कि दो साल अंदर एक श्रमिक महिला, एक व्यक्ति, एक बच्चा और दो मवेशी करंट की चपेट में आ चुके हैं. कई बार शिकायत के बाद भी लाइनें नहीं हटाई गई, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

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विद्युत विभाग के जेई राजेश बिष्ट ने बताया कि लाइनें 40 साल पुरानी हैं. लोगों द्वारा लाइनों के नीचे मकान बनाए गए हैं. वर्तमान में लाइनों को हटाना संभव नहीं है.

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