उधम सिंह नगरः जिले में चुनावी रंजिश व लेनदेन में हत्या के मामले में कोर्ट ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. जानकारी के अनुसार सितारगंज के ज्येष्ट ब्लाक प्रमुख व वकील के पुत्र को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था. इस वारदात को अंजाम देने वाले तीन अपराधियों को प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार ने शनिवार को आजीवन कारावास व 55 हजार रुपये का अर्थदंड लगाते हुए हल्द्वानी जेल भेज दिया.
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दीपक अरोरा ने बताया कि नानकमत्ता निवासी अधिवक्ता गुरमेज सिंह के पुत्र सतनाम सिंह की 31 अक्टूबर 2016 की रात तिराहे पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
आरोप था कि नानकमत्ता के ही परमजीत सिंह उर्फ डिम्पल, हरप्रीत सिंह उर्फ हेप्पी और हरपाल सिंह कार से वहां आए. इस दौरान परमजीत सिंह अपने हाथ में लाइसेंसी रिवाल्वर और हरप्रीत सिंह तमंचा लेकर कार से बाहर आए.
कार में बैठे उनके साथी हरपाल सिंह ने कहा कि सतनाम सिंह को गोली मार दो. उसके बाद परमजीत सिंह ने सतनाम सिंह को गोली मार दी. गोली लगते ही वह जमीन पर गिर पड़ा. इस दौरान सतनाम सिंह का साथी धर्मेंद्र सिंह उसे बचाने आया तब हरप्रीत ने तमंचे से उस पर भी फायर किया.
गोली धर्मेंद्र के पैर में लगी. गोली की आवाज सुन गुरमेज सिंह सहित कई लोग वहां आ गए और हमलावर उन्हें देख कर भाग गए.
सतनाम सिंह और धर्मेंद्र को तत्काल सरकारी अस्पताल सितारगंज में ले गए जहां डॉक्टरों ने सतनाम सिंह को मृत घोषित कर दिया. प्राथमिक उपचार के बाद धर्मेंद्र को सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर कर दिया गया था.
गुरमेज सिंह ने उक्त तीनों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस ने 1 नवम्बर 2016 को परमजीत सिंह व हरप्रीत सिंह को लाइसेंसी रिवाल्वर व तमंचे के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था तथा हरपाल सिंह को 2 नवम्बर को गिरफ्तार किया गया था.
तीनों के विरुद्ध अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार की अदालत ने धारा 302,व 307 आईपीसी के तहत परमजीत और हरप्रीत सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया. अभियोजन की ओर से एडीजीसी दीपक अरोरा व आरपी सिंह द्वारा 16 गवाह पेश कर हत्या का आरोप सिद्ध कर दिया गया. उन्होंने कहा कि सतनाम सिंह की हत्या चुनावी रंजिश की वजह से हुई थी.
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सत्र न्यायाधीश संजीव ने तीनों अभियुक्तों को हत्या का दोषी करार देते हुए धारा 302 आईपीसी के तहत आजीवन कारावास व 40- 40 हजार रुपये का अर्थदंड, धारा 307 आईपीसी के तहत10-10 वर्ष का कठोर कारावास व 10 -10 हजार रुपये का अर्थदंड धारा 25 शस्त्र अधिनियम के तहत परमजीत सिंह को 3 वर्ष का कठोर कारावास व 2 हजार रुपये का अर्थदंड तथा हरप्रीत सिंह को 3 वर्ष का कठोर करवास व 5 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाकर हल्द्वानी जेल भेजने के आदेश दिए.