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जीबी पंत कृषि विवि के वैज्ञानिकों की मेहनत लाई रंग, गेहूं की ये प्रजाति बीमारियों को करेगी दूर

वैज्ञानिकों ने गेहूं की नई प्रजाति UP2903 तैयार किया है, जिसमें प्रोटीन, जस्ता और आयरन की भरपूर मात्रा है. ऐसे में गेहूं से बने पदार्थो का सेवन करने से कुपोषण ओर कोरोना जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है.

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रुद्रपुर हिंदी न्यूज
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Published : Aug 6, 2020, 1:33 PM IST

रुद्रपुर: गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने गेहूं का ऐसा बीज तैयार किया है, जिसमें आयरन, जस्ता और प्रोटीन की भरपूर मात्रा पाई गई हैं. वैज्ञानिकों को ये बीज तैयार करने के लिए 12 साल का समय लगा है. इस गेहूं से तैयार होने वाले पदार्थों से कुपोषण और कोरोना जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही इसकी उत्पादन क्षमता भी अन्य फसलों के मुताबिक अधिक है, जिससे किसानों को भी फायदा मिलेगा.

गेहूं की ये प्रजाति बीमारियों को करेगी दूर.

वैज्ञानिक डॉ. जेपी जयसवाल ने बताया कि गेहूं की इस प्रजाति का नाम UP2903 रखा है. जयसवाल के मुताबिक गेहूं की इस प्रजाति में जस्ता और आयरन की मात्रा 60 फीसदी से अधिक पाई गई है. इसके सेवन से कुपोषण से निजात मिल सकती है. इसके साथ ही इम्यून सिस्टम में भी सुधार हो सकता है, जिससे कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से लड़ा जा सकता है.

पढ़ें- इस महीने के अंत तक दून पहुंच सकते हैं कोच वसीम जाफर, खिलाड़ियों से होंगे रूबरू

डॉ. जेपी जयसवाल ने बताया कि इस गेहूं का उत्पादन अन्य फसलों से अधिक है. अन्य फसलों के मुताबिक इस प्रजाति की औसत उत्पादन 55 कुंतल प्रति हेक्टेयर है, जबकी उपज क्षमता 70 कुंतल प्रति हेक्टेयर पाई गई है. जिसका विमोचन हाल ही में किया जा चुका है. अब जल्द ही इस बीज को किसानों तक पहुंचाया जाएगा. साथ ही कई सीड कंपनियों से इस संबंध में वार्ता चल रही है. उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक लगातार उच्च गुणवत्ता के बीज तैयार करने में जुटे हुए हैं.

रुद्रपुर: गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने गेहूं का ऐसा बीज तैयार किया है, जिसमें आयरन, जस्ता और प्रोटीन की भरपूर मात्रा पाई गई हैं. वैज्ञानिकों को ये बीज तैयार करने के लिए 12 साल का समय लगा है. इस गेहूं से तैयार होने वाले पदार्थों से कुपोषण और कोरोना जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही इसकी उत्पादन क्षमता भी अन्य फसलों के मुताबिक अधिक है, जिससे किसानों को भी फायदा मिलेगा.

गेहूं की ये प्रजाति बीमारियों को करेगी दूर.

वैज्ञानिक डॉ. जेपी जयसवाल ने बताया कि गेहूं की इस प्रजाति का नाम UP2903 रखा है. जयसवाल के मुताबिक गेहूं की इस प्रजाति में जस्ता और आयरन की मात्रा 60 फीसदी से अधिक पाई गई है. इसके सेवन से कुपोषण से निजात मिल सकती है. इसके साथ ही इम्यून सिस्टम में भी सुधार हो सकता है, जिससे कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से लड़ा जा सकता है.

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डॉ. जेपी जयसवाल ने बताया कि इस गेहूं का उत्पादन अन्य फसलों से अधिक है. अन्य फसलों के मुताबिक इस प्रजाति की औसत उत्पादन 55 कुंतल प्रति हेक्टेयर है, जबकी उपज क्षमता 70 कुंतल प्रति हेक्टेयर पाई गई है. जिसका विमोचन हाल ही में किया जा चुका है. अब जल्द ही इस बीज को किसानों तक पहुंचाया जाएगा. साथ ही कई सीड कंपनियों से इस संबंध में वार्ता चल रही है. उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक लगातार उच्च गुणवत्ता के बीज तैयार करने में जुटे हुए हैं.

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