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कोरोना 'जंग': पुलिस के 'सारथियों' ने डाले हथियार, नहीं मिल रहा सहयोग - Uttarakhand Police

काशीपुर में पुलिस के 'सारथियों' की निष्क्रियता स्थानीय पुलिस के लिए चिंता का विषय बनी हुई है.

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'जंग' में पुलिस के 'सारथी' सुस्त
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Published : Apr 4, 2020, 4:51 PM IST

काशीपुर: उत्तराखंड पुलिस के जवान लॉकडाउन को सफल बनाने में जी-जान से जुटे हुए हैं. उधम सिंह नगर में पुलिस द्वारा लॉकडाउन का पालन करवाने में ‘सारथियों’ की भूमिका ना के बराबर है.

सारथियों से लॉकडाउन का पालन करवाने में स्थानीय पुलिस को काफी मदद मिल सकती है. पुलिस और जनता के बीच की दूरी समाप्त करने और बेहतर तालमेल के लिए डीआईजी जगतराम जोशी के आदेश पर बीते वर्ष पूरे कुमाऊं क्षेत्र में पुलिस ने सारथियों को नियुक्त किया था. डीआईजी जगतराम जोशी ने खुद जाकर सारथियों को उनके कार्ड वितरित किए थे.

ये भी पढ़ें: कोरोना का असर: इतिहास में पहली बार हर की पैड़ी हुई कर्मकांड विहीन

सारथियों का काम अपने इलाके में हो रहे अवैध काम और अपराधों की सूचना पुलिस तक पहुंचाना था. कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे और लॉकडाउन के चलते इन सारथियों की उपयोगिता इस वक्त बढ़ गई है, लेकिन मदद करने से पहले ही सारथियों ने पुलिस को धोखा दे दिया. अगर ये सारथी लॉकडाउन पालन करवाने में अपने-अपने क्षेत्र की पुलिस की मदद करते तो स्थानीय पुलिस को काफी राहत मिलती.

एएसपी राजेश भट्ट के मुताबिक शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सारथियों से लॉकडाउन का पालन करवाने में मदद मांगी है. ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधान तथा ग्रामीण लॉकडाउन का पालन बखूबी करवा रहे हैं. शहरी क्षेत्र में हमारी कोशिश है कि सारथी अपने-अपने क्षेत्र में सोशल डिस्टेंसिंग तथा लॉकडॉउन का पालन करवाने और जनता को जागरूक करने में मदद करें. शहरी क्षेत्र में भी कुछ सारथी पुलिस की मदद को आगे आए हैं.

काशीपुर: उत्तराखंड पुलिस के जवान लॉकडाउन को सफल बनाने में जी-जान से जुटे हुए हैं. उधम सिंह नगर में पुलिस द्वारा लॉकडाउन का पालन करवाने में ‘सारथियों’ की भूमिका ना के बराबर है.

सारथियों से लॉकडाउन का पालन करवाने में स्थानीय पुलिस को काफी मदद मिल सकती है. पुलिस और जनता के बीच की दूरी समाप्त करने और बेहतर तालमेल के लिए डीआईजी जगतराम जोशी के आदेश पर बीते वर्ष पूरे कुमाऊं क्षेत्र में पुलिस ने सारथियों को नियुक्त किया था. डीआईजी जगतराम जोशी ने खुद जाकर सारथियों को उनके कार्ड वितरित किए थे.

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सारथियों का काम अपने इलाके में हो रहे अवैध काम और अपराधों की सूचना पुलिस तक पहुंचाना था. कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे और लॉकडाउन के चलते इन सारथियों की उपयोगिता इस वक्त बढ़ गई है, लेकिन मदद करने से पहले ही सारथियों ने पुलिस को धोखा दे दिया. अगर ये सारथी लॉकडाउन पालन करवाने में अपने-अपने क्षेत्र की पुलिस की मदद करते तो स्थानीय पुलिस को काफी राहत मिलती.

एएसपी राजेश भट्ट के मुताबिक शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सारथियों से लॉकडाउन का पालन करवाने में मदद मांगी है. ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधान तथा ग्रामीण लॉकडाउन का पालन बखूबी करवा रहे हैं. शहरी क्षेत्र में हमारी कोशिश है कि सारथी अपने-अपने क्षेत्र में सोशल डिस्टेंसिंग तथा लॉकडॉउन का पालन करवाने और जनता को जागरूक करने में मदद करें. शहरी क्षेत्र में भी कुछ सारथी पुलिस की मदद को आगे आए हैं.

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