रुद्रपुर: 14 फरवरी को उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने हैं. जिसको लेकर प्रदेश में सियासी हलचल तेज है. वहीं, चुनाव से ठीक पहले संयुक्त किसान मोर्चा के राजनीतिक दलों के सामने एक शर्त रखी है. मोर्चा ने ऐलान किया है कि जो भी दल उनकी 6 सूत्रीय मांगों को पूरी करने का लिखित में आश्वान देगा, उसे किसानों का समर्थन मिलेगा. इससे पूर्व किसान नेताओं की गुरुद्वारे में बैठक भी हुई.
रुद्रपुर में संयुक्त मोर्चा में शामिल संगठनों की बैठक हुई. विधानसभा चुनाव में संयुक्त किसान मोर्चा ने राजनीतिक दलों के सामने 6 मांगें रखी हैं. मोर्चा नेताओं का कहना है कि जो दल उनकी मांगों को अपने घोषणा पत्र में शामिल करेगा, किसान उस दल को समर्थन करेंगे. किसानों का कहना है कि उनकी फसलों का वाजिब दाम नहीं मिलता है. किसान आंदोलन में दर्ज मुकदमे वापस लिए जाए.
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वहीं, फसली वर्ष के आधार पर किसी भी वर्ग की जमीन पर काबिज व्यक्ति को मालिकाना हक मिलना चाहिए, गन्ने का भुगतान 15 दिन के भीतर हो, सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली के साथ बकाया बिल माफ और किसानों का ऋण माफ कर ब्याज मुक्त फसली ऋण देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को तो वह पिछले एक सालों से देखते आये हैं, उन्हें भाजपा सरकार पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं है.