काशीपुरः राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सायरा बानो ने आज काशीपुर एलडी भट्ट राजकीय अस्पताल का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने जहां अस्पताल की सफाई समेत अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया तो वहीं विभिन्न वार्ड में पहुंचकर मरीजों से उनके इलाज को लेकर पूछताछ की. वहीं, मरीजों ने अस्पताल में प्रसव के नाम पर हजारों रुपए वसूलने का आरोप भी लगाया.
दरअसल, तीन तलाक के खिलाफ जंग लड़ने वाली व राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सायरा बानो काशीपुर के एलडी भट्ट राजकीय अस्पताल पहुंचीं. यहां पहुंच कर उन्होंने प्रसव कक्ष, महिला और पुरुष वार्ड, अस्पताल के शौचालयों, दवा वितरण काउंटर, बर्न वॉर्ड, कैंटीन और ट्रामा सेंटर आदि का बारीकी से निरीक्षण किया. इस दौरान महिला वार्ड में भर्ती महिला मरीजों ने खुलेआम प्रसव के नाम पर आशाओं के माध्यम से महिला डॉक्टर पर 5000 रुपए लेने का आरोप भी लगाया.
अस्पताल में भर्ती मरीज मुसव्वेहा ने बताया कि वो कटोराताल मोहल्ले की रहने वाली हैं. बीते 21 फरवरी को उसका प्रसव सरकारी अस्पताल में हुआ था. बड़े ऑपरेशन के बाद उसकी तीसरी बेटी का जन्म हुआ. मुसव्वेहा ने आरोप लगाया कि प्रसव के दौरान उनके क्षेत्र की आशा दिलशाना ने बड़े ऑपरेशन के बहाने उससे ₹5000 महिला डॉक्टर डॉ. शिवानी सिंघल को दिलवाए. यह उसका लगातार तीसरा ऑपरेशन था. उन्होंने बताया कि अभी 2 दिन से उल्टी आदि की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती हुईं हैं.
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वहीं, एक और भर्ती महिला मरीज ने आरोप लगाते हुए कहा कि अभी उसके परिजनों से पैसे नहीं दिए हैं, लेकिन ऑपरेशन के नाम पर ₹5000 की डिमांड आशा जयवंती की ओर से की गई है. जिस पर सायरा बानो ने कहा कि मामला गंभीर है. वो अपनी सारी रिपोर्ट सरकार को प्रेषित करेंगी. सायरा बानो ने लेबर रूम का निरीक्षण भी किया. जहां साफ सफाई एवं प्रसव के उपकरण बेहतर अवस्था में पाए गए.
उन्होंने कहा कि बातचीत के दौरान मरीज ने बताया कि सरकारी अस्पताल में सुविधाएं अच्छे तरीके से मिल रही है. शौचालय की स्थिति भी अच्छी है. खामियों के बारे में पूछे जाने पर सायरा बानो ने कहा कि महिला वॉर्ड में भर्ती महिलाओं ने अस्पताल के ही डॉक्टर शिवानी सिंघल पर आशाओं के माध्यम से एक प्रसव पर 5000 रुपए शुल्क लेने के आरोप लगाए हैं. इस बारे में अस्पताल के उच्चाधिकारियों एवं डॉ. शिवानी सिंघल से भी बात की गई, उन्होंने आगे इस तरह की शुल्क न लेने की बात कही.
सायरा बानो ने मरीजों से मिलीजुली प्रतिक्रिया मिलने की बात कही. कुछ मरीजों का कहना था कि आशाओं की पैसा नहीं लिया जाता है और अच्छा कार्य किया जाता है तो कुछ मरीजों ने कहा कि मरीजों से पैसे आशाओं के माध्यम से लिए जाते हैं. उन्होंने डॉक्टर से साफतौर पर कहा है कि वो मरीजों से सीधा संपर्क रखें. जिससे आशाओं के माध्यम से मरीज के साथ ठगी न हों.
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क्या बोलीं डॉक्टर शिवानी सिंघल? वहीं, मीडिया से मुखातिब होते हुए डॉक्टर शिवानी सिंघल ने कहा कि उन्हें आज पहली बार यह पता चल रहा है कि आशाओं की ओर से इस तरह का कार्य किया जा रहा है. वो अब तक अपने काम में ही लगी रहती थीं, लेकिन अब इस पर भी वो ध्यान रखेंगी, क्योंकि मरीजों की सेवा करना उनका फर्ज है और वो अपना फर्ज अदा कर रही हैं. ऐसे में अगर इस तरह की बातें सुनने को मिलती है तो वो काफी गलत है.