रुद्रपुर: बाइक को टक्कर मार कर एक सिपाही की हत्या और दूसरे सिपाही को घायल करने के मामले में तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी शुक्ला ने पांच आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 36 हजार का जुर्माना भी लगाया है. इस दौरान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने 15 गवाह पेश किए.
सहायक ज़िला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने बताया 12/13 दिसंबर 2015 की रात को एक पिकअप पर सवार आधा दर्जन बदमाश थाना गदरपुर के ग्राम महतोष मोड़ में रहने वाले भूकन लाल के घर पहुंच कर उनकी भैंसों को खोल लूट कर ले जा रहे थे. अचानक भूकन लाल व उनकी पत्नी शकुन्तला रानी जाग गई. उन्होंने रोकने का प्रयास किया तो बदमाशों ने हमला कर घायल कर दिया. बदमाशों ने पत्नी का मोबाइल लूट लिया. शोर सुनकर गांव वाले आये तो बदमाश पिकअप पर बैठकर बिलासपुर की ओर चल दिए. इसी बीच एक ग्रामीण ने थाने में फ़ोन किया तो ड्यूटी पर तैनात कॉन्स्टेबल सुभाष जोशी ने तुरंत रात्रि गश्त पर निकले कॉन्स्टेबल जितेन्द्र कुमार व बसन्त बोरा को घटना की जानकारी दी. वह दोनों पंचायत के बैरियर पर पहुंचे. उन्होंने बैरियर गिरा दिया, लेकिन बदमाशों ने पिकअप से टक्कर मार कर बैरियर को तोड़ डाला. इसके बाद वे बिलासपुर की ओर भाग निकले. जिसके बाद दोनों पुलिस कर्मियों ने मोटरसाइकिल से उनका पीछा किया. जिसके बाद पिकअप में पीछे बैठे बदमाशों ने उनपर पथराव किया, तब भी दोनों बदमाशों का पीछा करते रहे.
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जब पिकअप यूपी की सीमा में चली गई तो दोनों वापिस लौट आए. बदमाशों ने अपनी पिकअप लौटाते हुए बहुत तेज गति से दोनों बाइक सवार पुलिसकर्मियों को जोरदार टक्कर मारी. जिसमे दोनों गम्भीर रूप से घायल हो गए. घायल अवस्था में ही जितेन्द्र ने थाने फ़ोन कर बताया. जिसके बाद कुछ ही देर में पुलिस अधिकारी मौक़े पर पहुंचे. दोनों को अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने बसन्त बोरा को मृत घोषित कर दिया. घायल जितेन्द्र को नारायण अस्पताल रूद्रपुर लाया गया. जहां उनके पैर का आपरेशन कर रॉड डाली गई.
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इस मामले में भूकन लाल तथा कॉन्स्टेबल जितेन्द्र कुमार के द्वारा अलग अलग एफ़आइआर दर्ज कराई. पुलिस ने बदमाशों की तलाश शुरू की. गदरपुर पुलिस ने मुरादाबाद के कटघर थाना पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त रूप से कार्यवाही करते हुए मूंड़ापाडें जिला मुरादाबाद निवासी सूखा, मोहम्मद रफ़ीक,अनमोल,भूरा और आसिफ़ को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया था. जिसके बाद से मामला तृतीय अपर ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी शुक्ला के न्यायालय चल रहा था. इस दौरान एडीजीसी लक्ष्मी नारायण पटवा ने 15 गवाह पेश किए गए. आज न्यायाधीश ने पांचों को आरोपी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई.