ETV Bharat / state

रुद्रपुर: आबकारी विभाग को 87 करोड़ रुपये का नुकसान, 33 दुकानें नहीं हुईं नीलाम - उत्तराखंड सरकार को 87 करोड़ का नुकसान

सरकार को दूसरे नंबर में सबसे अधिक राजस्व देने वाला आबकारी विभाग इस वित्तीय वर्ष में 87 करोड़ के नुकसान पर है. इस वर्ष सरकार द्वारा 224 करोड़ का लक्ष्य विभाग को दिया था, लेकिन 33 दुकान नीलाम न होने के कारण राजस्व की हानि हुई है.

Rudrapur Hindi News
Rudrapur Hindi News
author img

By

Published : Feb 11, 2020, 11:12 AM IST

रुद्रपुर: सरकार की आबकारी नीति के कारण इस वित्तीय वर्ष में सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हुआ है. उधम सिंह नगर जिले में 33 दुकानों का संचालन न होने के चलते 87 करोड़ का नुकसान हुआ है, जिसके चलते सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में 33 दुकानें बंद कर दी हैं.

सूबे को खनन के बाद सबसे अधिक राजस्व देने वाला विभाग फिसड्डी साबित हुआ है. वित्तीय वर्ष 2019-20 में जिले से विभाग को 87 करोड़ का नुकसान पहुचा है. जिले में इस वर्ष 33 दुकानें नीलम हीं नही हो पाईं, जिसके बाद वित्तीय वर्ष में सभी दुकानों को सरकार ने बन्द करने का फैसला लिया है.

आबकारी से सरकार को हुआ 87 करोड़ का नुकसान.

बता दें कि जिले में अंग्रेजी शराब की 53 दुकानें व देशी शराब की 53 दुकानें, जबकि एक दुकान बियर की है. जिसमें से 74 दुकानों का ही संचालन किया जा रहा है. जिसमें 33 आबकारी की दुकानों को इस वित्तीय वर्ष में बंद किया जा चुका है. जिसमें से 22 देशी मदिरा ओर 11 अंग्रेजी की दुकानें शामिल हैं.

सरकार द्वारा 107 दुकानों का लक्ष्य 224 करोड़ रुपये रखा गया था लेकिन इन 74 दुकानों से अब तक सिर्फ 137 करोड़ का ही सरकार की झोली में आया है. गौरतलब है कि इस वित्तीय वर्ष में दुकानों का राजस्व बढ़ाने से सरकार को दुकानों का खरीदार नहीं मिल पाया था. विभाग के प्रयासों के बाद भी दुकानों को संचालन के लिए कोई भी आगे नहीं आया. जिसके बाद सरकार द्वारा इस वित्तीय वर्ष में 33 दुकानों को बंद करने का फैसला लिया गया.

पढे़ं- 'मित्र पुलिस' की मेस में हफ्ते में एक दिन अनिवार्य किया गया 'पहाड़ी खाना', सर्कुलर जारी

वहीं, जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि जिले में पिछले साल 107 दुकान का संचालन किया गया था, लेकिन इस वित्तीय वर्ष में सिर्फ 74 दुकानें नीलाम हुई थीं. 33 दुकानों नीलाम न होने के चलते सरकार द्वारा इस वित्तीय वर्ष में बंद कर दी गयी है. इस वर्ष लगभग 87 करोड़ का नुकसान विभाग को हुआ है.

रुद्रपुर: सरकार की आबकारी नीति के कारण इस वित्तीय वर्ष में सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हुआ है. उधम सिंह नगर जिले में 33 दुकानों का संचालन न होने के चलते 87 करोड़ का नुकसान हुआ है, जिसके चलते सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में 33 दुकानें बंद कर दी हैं.

सूबे को खनन के बाद सबसे अधिक राजस्व देने वाला विभाग फिसड्डी साबित हुआ है. वित्तीय वर्ष 2019-20 में जिले से विभाग को 87 करोड़ का नुकसान पहुचा है. जिले में इस वर्ष 33 दुकानें नीलम हीं नही हो पाईं, जिसके बाद वित्तीय वर्ष में सभी दुकानों को सरकार ने बन्द करने का फैसला लिया है.

आबकारी से सरकार को हुआ 87 करोड़ का नुकसान.

बता दें कि जिले में अंग्रेजी शराब की 53 दुकानें व देशी शराब की 53 दुकानें, जबकि एक दुकान बियर की है. जिसमें से 74 दुकानों का ही संचालन किया जा रहा है. जिसमें 33 आबकारी की दुकानों को इस वित्तीय वर्ष में बंद किया जा चुका है. जिसमें से 22 देशी मदिरा ओर 11 अंग्रेजी की दुकानें शामिल हैं.

सरकार द्वारा 107 दुकानों का लक्ष्य 224 करोड़ रुपये रखा गया था लेकिन इन 74 दुकानों से अब तक सिर्फ 137 करोड़ का ही सरकार की झोली में आया है. गौरतलब है कि इस वित्तीय वर्ष में दुकानों का राजस्व बढ़ाने से सरकार को दुकानों का खरीदार नहीं मिल पाया था. विभाग के प्रयासों के बाद भी दुकानों को संचालन के लिए कोई भी आगे नहीं आया. जिसके बाद सरकार द्वारा इस वित्तीय वर्ष में 33 दुकानों को बंद करने का फैसला लिया गया.

पढे़ं- 'मित्र पुलिस' की मेस में हफ्ते में एक दिन अनिवार्य किया गया 'पहाड़ी खाना', सर्कुलर जारी

वहीं, जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि जिले में पिछले साल 107 दुकान का संचालन किया गया था, लेकिन इस वित्तीय वर्ष में सिर्फ 74 दुकानें नीलाम हुई थीं. 33 दुकानों नीलाम न होने के चलते सरकार द्वारा इस वित्तीय वर्ष में बंद कर दी गयी है. इस वर्ष लगभग 87 करोड़ का नुकसान विभाग को हुआ है.

Intro:Summry - सरकार को दूसरे नम्बर में सबसे अधिक राजस्व देने वाला आबकारी विभाग इस वित्तीय वर्ष में 87 करोड़ के नुकशान पर है। इस वर्ष सरकार द्वारा 224 करोड़ का लक्ष्य विभाग को दिया था। लेकिन 33 दुकान नीलम ना होने के चलते 87 करोड़ के नुकशान पर है।

एंकर - सरकार की आबकारी नीति के कारण इस वित्तीय वर्ष में सरकार को भारी राजस्व का नुकशान हुआ है। उधम सिंह नगर जिले में 33 दुकानों का संचालन ना होने के चलते 87 करोड़ का नुकशान हुआ है। जिसके चलते सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में 33 दुकानें बंद कर दी है।

Body:वीओ - सूबे को खनन के बाद सबसे अधिक राजस्व देने वाला विभाग फिस्सडी साबित हुआ है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में जिले से विभाग को 87 करोड़ का नुकसान पहुचा है। जिले में इस वर्ष 33 दुकाने नीलम ही नही हो पाई जिसके बाद वित्तीय वर्ष में सभी दुकानों को सरकार ने बन्द करने का निर्णय लिया है। जिले में अंग्रेजी मदिरा की दुकानें 53, देशी 53 जबकि एक दुकान बियर की है। जिसमे से 74 दुकानों का ही संचालन जिले भर में किया जा रहा है। जबकि 33 आबकारी की दुकानों को इस वित्तीय वर्ष में बन्द किया जा चूका है। जिसमे से 22 देशी मदिरा ओर 11 अंग्रेजी की दुकानें सामिल है। सरकार द्वारा 107 दुकानों का लक्ष्य 224 करोड़ रुपये रखा गया था। लेकिन इन 74 दुकानों से अब तक 137 करोड़ का ही राजस्व सरकार की झोली में आ चुका है। गौरतलब है कि इस वित्तीय वर्ष में दुकानों का राजस्व बढ़ाने से सरकार को दुकानों का खरीदार नही नही मिल पाया था। जिसके बाद से 33 दुकानों बन्द चल रही थी। विभाग के प्रयासों के बाद भी दुकानों को संचालन के लिए कोई भी व्यवसायीक आगे नही आया जिसके बाद सरकार द्वारा इस वित्तीय वर्ष में 33 दुकानों को बन्द करने का फैसला लिया गया।

वही जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि जिले में पिछले साल 107 दुकान का संचालन किया गया था। लेकिन इस वित्तीय वर्ष में सिर्फ 74 दुकाने नीलम हुई थी। 33 दुकानों नीलम न होने के चलते सरकार द्वारा इस वित्तीय वर्ष में बन्द कर दी गयी है। इस वर्ष लगभग 87 करोड़ का नुकशान विभाग को हुआ है।

बाइट - आलोक कुमार साह, जिला आबकारी अधिकारी। Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.