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बढ़ सकता है बिजली संकट, नदियों का जलस्तर कम होने से उत्पादन में कमी - hindi latest news

पावर हाउस के अधिकारियों ने आने वाले दिनों में पहाड़ों में ज्यादा बर्फबारी के चलते विद्युत उत्पादन गिरने की संभावना जताई है. लिहाजा आने वाले दिनों में बिजली संकट बढ़ना तय है.

विद्युत उत्पादन में कमी.
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Published : Nov 14, 2019, 10:21 PM IST

खटीमा: सर्दी का मौसम शुरू होते ही जल विद्युत परियोजनाओं को मानक से कम पानी मिलना शुरू हो गया. राज्य की प्रमुख नदियों में जलस्तर कम होने से विद्युत उत्पादन में भी कमी आई है. वहीं, लोहिया हेड पावर हाउस के अधिकारियों ने आने वाले दिनों में पहाड़ों में ज्यादा बर्फबारी के चलते विद्युत उत्पादन और गिरने की संभावना जताई है. जल विद्युत परियोजना में कम पानी मिलने के विद्युत उत्पादन कम हो गया है.

विद्युत उत्पादन में कमी.

पढ़ें- देहरादूनः चुनाव से पहले क्लेमेंट टाउन कैंट बोर्ड का होगा परिसीमन

वहीं, उच्च पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण पहाड़ से आने वाली नदियों में पानी कम होने लगा है. जिसके कारण खटीमा स्थित लोहिय हेड पावर हाउस को शारदा बैराज से मानक से काफी कम पानी मिल रहा है. ऐसे में 41. 4 मेगावाट तक उत्पादन करने वाली 3 मशीनों से मात्र 18 से 20 मेगावाट तक ही उत्पादन हो रहा है. लिहाजा आने वाले दिनों में बिजली संकट बढ़ना तय है.

पढ़ें- लूट मामले में पुलिस का सनसनीखेज खुलासा, पीड़ित ही निकला वारदात का मास्टरमाइंड

लोहिया हेड विद्युत परियोजना के डीजीएम महकार सिंह का कहना है कि ठंड का सीजन शुरू होते ही जल विद्युत परियोजना को कम पानी मिलने लगता है. जिस कारण बिजली का उत्पादन कम हो जाता है. उनका कहना है कि अभी और ठंड पड़ने पर विद्युत उत्पादन और ज्यादा गिरने की संभावना है.

खटीमा: सर्दी का मौसम शुरू होते ही जल विद्युत परियोजनाओं को मानक से कम पानी मिलना शुरू हो गया. राज्य की प्रमुख नदियों में जलस्तर कम होने से विद्युत उत्पादन में भी कमी आई है. वहीं, लोहिया हेड पावर हाउस के अधिकारियों ने आने वाले दिनों में पहाड़ों में ज्यादा बर्फबारी के चलते विद्युत उत्पादन और गिरने की संभावना जताई है. जल विद्युत परियोजना में कम पानी मिलने के विद्युत उत्पादन कम हो गया है.

विद्युत उत्पादन में कमी.

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वहीं, उच्च पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण पहाड़ से आने वाली नदियों में पानी कम होने लगा है. जिसके कारण खटीमा स्थित लोहिय हेड पावर हाउस को शारदा बैराज से मानक से काफी कम पानी मिल रहा है. ऐसे में 41. 4 मेगावाट तक उत्पादन करने वाली 3 मशीनों से मात्र 18 से 20 मेगावाट तक ही उत्पादन हो रहा है. लिहाजा आने वाले दिनों में बिजली संकट बढ़ना तय है.

पढ़ें- लूट मामले में पुलिस का सनसनीखेज खुलासा, पीड़ित ही निकला वारदात का मास्टरमाइंड

लोहिया हेड विद्युत परियोजना के डीजीएम महकार सिंह का कहना है कि ठंड का सीजन शुरू होते ही जल विद्युत परियोजना को कम पानी मिलने लगता है. जिस कारण बिजली का उत्पादन कम हो जाता है. उनका कहना है कि अभी और ठंड पड़ने पर विद्युत उत्पादन और ज्यादा गिरने की संभावना है.

Intro:summary- जाडे के कारण पहाड़ों से आने वाली नदियों में पानी की मात्रा कम होने के चलते जल विद्युत परियोजना को मिलने वाले पानी में आई कमी के चलते विद्युत उत्पादन हुआ कम।

नोट-खबर एफटीपी में -vidyut utpadan gira- नाम के फोल्डर में है।

एंकर- बरसात के मौसम के बाद शुरू हो चुके जाड़े के मौसम की शुरुआत में ही जल विद्युत परियोजनाओं में विद्युत उत्पादन हुआ कम। जाड़े का मौसम शुरू होते ही जल विद्युत परियोजनाओं को मानक से कम पानी मिलने के कारण विद्युत उत्पादन गिरा। लोहिया हेड पावर हाउस के अधिकारियों ने आने वाले दिनों में पहाड़ों में ज्यादा बर्फबारी के चलते विद्युत उत्पादन और गिरने की संभावना जताई।


Body:वीओ- ठंड का मौसम शुरू होते ही जहां जनजीवन पर प्रभाव पड़ना शुरू हो गया है। वही ठंड शुरू होते ही जल विद्युत परियोजनाओं में विद्युत उत्पादन भी कम हो गया है। क्योंकि उच्च पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण पहाड़ से आने वाली नदियों में पानी कम होने लग गया है। जिस कारण खटीमा स्थित लोहियहेड पावर हाउस को शारदा बैराज से मानक से काफी कम पानी मिल रहा है। जिसके चलते 41. 4 मेगावाट तक का उत्पादन करने वाली 3 मशीनों से मात्र 18 से 20 मेगावाट तक का उत्पादन हो रहा है।
लोहिया हेड विद्युत परियोजना के डीजीएम महकार सिंह ने मीडिया को बताया कि ठंड का सीजन शुरू होते ही जल विद्युत परियोजना को कम पानी मिलना लगता है। जिस कारण उत्पादन कम हो जाता है।मार्च के बाद जब नदियां पानी से भरने लगते हैं तो उन्हें फिर से पानी की मिलने वाली पानी की मात्रा बढ़ जाती है, और विद्युत उत्पादन में वृद्धि हो जाती है। अभी और ठंड पड़ने पर विद्युत उत्पादन और ज्यादा गिरने की संभावना है।

बाइट- महकार सिंह डीजीएम लोहिया हेड जल विद्युत परियोजना


Conclusion:
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